
Farrukhabad Murder
Farrukhabad Murder: उत्तर प्रदेश में बेखौफ अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं, इसकी एक और खौफनाक बानगी फर्रुखाबाद के थाना अमृतपुर क्षेत्र में देखने को मिली है। यहाँ जमीनी रंजिश के चलते एक 70 साल के बुजुर्ग किसान की धारदार हथियार और ईंटों से सिर कुचलकर हत्या कर दी गई। यह दिल दहला देने वाला उस समय हुआ जब बुजुर्ग रात में अपने बाग की रखवाली के लिए गए थे। सुबह उनकी खून से लथपथ लाश चारपाई पर मिली। जिसके बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। इस घटना ने एक बार फिर यूपी की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं।

गांव में वर्षों पुरानी ज़मीन अब खून से लाल हो चुकी है।
70 वर्षीय कप्तान सिंह शाक्य की जिस ज़मीन ने फल-फूल दिए, वही अब उनकी कब्रगाह बन गई।
उत्तर प्रदेश के अमृतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गूजरपुर गहलवार में शुक्रवार रात को एक रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है। कप्तान सिंह उर्फ लंबरदार (70 वर्ष), जो कि गांव में अपने बाग की रखवाली कर रहे थे, उनकी निर्मम हत्या कर दी गई।खून से लथपथ शव को देखकर ग्रामीणों की रूह कांप उठी। दृश्य इतना वीभत्स था कि देखने वालों की रूह काँप गई। हमलावरों ने न केवल उनके सिर पर कई वार किए थे, बल्कि चाकू से उनकी आँखें तक फोड़ दी थीं और चेहरे को इतनी बुरी तरह बिगाड़ दिया था कि पहचानना मुश्किल था।
जमीनी विवाद, पुरानी धमकी और एक अनसुनी फरियाद
यह कोई अचानक हुआ अपराध नहीं था। मृतक की पत्नी ओमवती ने पुलिस को बताया कि उनकी हत्या के पीछे लीलापुर गाँव के नेपाल सिंह और अक्षय कुमार का हाथ है। ओमवती के मुताबिक, जिस जमीन पर वे 60 सालों से रह रहे हैं, उसे लेकर इन लोगों से पुराना विवाद चल रहा था। उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियाँ भी मिली थीं। कप्तान सिंह ने खतरे को भाँपते हुए 6 महीने पहले अदालत में एक वाद भी दायर किया था, लेकिन शायद सिस्टम की धीमी रफ्तार उनकी जान नहीं बचा सकी।
Farrukhabad Murder:मौके पर जुटे अधिकारी, फॉरेंसिक टीम बुलाई गई
घटना की सूचना मिलते ही थाना पुलिस, क्षेत्राधिकारी अमृतपुर अजय वर्मा, थाना अध्यक्ष नवीन कुमार, और एडिशनल एसपी डॉक्टर संजय सिंह मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया और घटना स्थल को सील किया गया। पुलिस ने बताया कि दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और चार टीमों का गठन कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।
क्यों फेल हो रही कानून-व्यवस्था? आंकड़े देते हैं गवाही
यह कोई अकेली घटना नहीं है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े इस खौफनाक सच्चाई की गवाही देते हैं कि उत्तर प्रदेश में जमीन और संपत्ति से जुड़े विवाद हत्या की एक बड़ी वजह बन चुके हैं। NCRB की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश में ‘जमीन/संपत्ति विवाद’ के कारण होने वाली हत्याओं में उत्तर प्रदेश लगातार शीर्ष राज्यों में बना हुआ है। साल दर साल, सैकड़ों लोग मामूली जमीन के टुकड़ों के लिए अपनी जान गंवा रहे हैं।
हत्या के आंकड़े और कड़वी हकीकत
मौके पर जुटे अधिकारी, फॉरेंसिक टीम बुलाई गई
घटना की सूचना मिलते ही थाना पुलिस, क्षेत्राधिकारी अमृतपुर अजय वर्मा, थाना अध्यक्ष नवीन कुमार, और एडिशनल एसपी डॉक्टर संजय सिंह मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया और घटना स्थल को सील किया गया। पुलिस ने बताया कि दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और चार टीमों का गठन कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पुलिस भले ही अब कार्रवाई का दावा कर रही हो, लेकिन सवाल जस के तस हैं:
जब कप्तान सिंह ने 6 महीने पहले मुकदमा दायर किया था और उन्हें धमकियां मिल रही थीं, तो पुलिस ने निवारक कार्रवाई क्यों नहीं की?
क्या उत्तर प्रदेश में बुजुर्ग और कमजोर नागरिक इतने असुरक्षित हैं कि कोई भी उन्हें आसानी से अपना निशाना बना सकता है?
इस तरह के जघन्य Farrukhabad Murder की घटनाएं अपराधियों के मन से कानून का खौफ खत्म होने का संकेत नहीं हैं?