
Western UP Rainfall -पश्चिम यूपी के कई जिलों में झमाझम बारिश
पश्चिम यूपी में भीषण गर्मी के बीच Western UP Rainfall ने 13 जून 2025 को मौसम का मिजाज बदल दिया। लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, अमरोहा और बिजनौर में जोरदार बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया। लखीमपुर में सड़कों पर पानी भर गया, जबकि पीलीभीत में 4 घंटे की मूसलाधार बारिश से मंडी में सब्जियां बह गईं। Western UP Rainfall के आंकड़े बताते हैं कि इस बार बारिश सामान्य से अधिक रही, जबकि पिछले साल जून 2024 में यह क्षेत्र सूखे की चपेट में था। क्या यह बारिश राहत है या नई मुसीबत?

पश्चिम यूपी में मौसम का उलटफेर: भारी बारिश ने मचाया हाहाकार | Western UP Rainfall
पश्चिम यूपी में भीषण गर्मी के बाद (Western UP Rainfall) शुक्रवार, 13 जून 2025 को मौसम का रुख बदल दिया। लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, अमरोहा और बिजनौर में जोरदार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया। लखीमपुर खीरी में इतनी तेज बारिश हुई कि सड़कों पर पानी भर गया, जिससे यातायात ठप हो गया। पीलीभीत में 4 घंटे की लगातार बारिश ने मंडी में रखी सब्जियों को बहा दिया, जिससे किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ। अमरोहा और बिजनौर में भी भारी बारिश से निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऐसी बारिश इस मौसम में अप्रत्याशित थी, खासकर गर्मी की मार झेलने के बाद।
पिछले साल का हाल: जून 2024 में सूखे की मार
पिछले साल जून 2024 में पश्चिम यूपी सूखे की चपेट में था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, जून 2024 में उत्तर प्रदेश में औसत बारिश 147.2 मिमी थी, जो सामान्य 165.3 मिमी से 11% कम थी। लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, अमरोहा और बिजनौर जैसे जिलों में बारिश की कमी ने किसानों को परेशान किया था। IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम यूपी में जून 2024 में बारिश सामान्य से 20-59% कम थी, जिसे “घटिया” (deficit) श्रेणी में रखा गया। इस दौरान लखीमपुर खीरी में केवल 100-120 मिमी और पीलीभीत में 90-110 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य स्तर 150-170 मिमी था।
2025 का Western UP Rainfall: आंकड़ों की कहानी
इस साल Western UP Rainfall ने जून 2025 में नया रंग दिखाया। IMD की 12 जून 2025 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मानसून इस बार सक्रिय है, और उत्तर-पश्चिम भारत में भारी बारिश की संभावना थी। लखीमपुर खीरी में 13 जून को 50-70 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पीलीभीत में 60-80 मिमी बारिश हुई। अमरोहा और बिजनौर में 40-60 मिमी बारिश ने निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा की। यह बारिश सामान्य से 20-30% अधिक थी, जो पिछले साल के सूखे की तुलना में राहत की बात है। हालांकि, अचानक आई इस बारिश ने बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को भी उजागर किया।
जलभराव और नुकसान: स्थानीय प्रभाव
लखीमपुर खीरी में सड़कों पर पानी भरने से यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। स्थानीय निवासियों ने बताया कि नालों की सफाई न होने से जलभराव की समस्या बढ़ी। पीलीभीत की सब्जी मंडी में व्यापारियों को लाखों का नुकसान हुआ, क्योंकि बारिश ने टमाटर, गोभी और अन्य सब्जियों को नष्ट कर दिया। अमरोहा और बिजनौर में भी खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान पहुंचा। X पर पोस्ट के अनुसार, इस बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी, वहीं बाढ़ जैसे हालात भी पैदा किए।
सूखे से बारिश तक: क्या बदलेगा पश्चिम यूपी का भविष्य?
पिछले साल जून 2024 में सूखे ने पश्चिम यूपी के किसानों को परेशान किया था, लेकिन इस साल की भारी बारिश ने नई चुनौतियां खड़ी की हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण Western UP Rainfall का पैटर्न बदल रहा है। जहां सूखा और गर्मी एक समस्या थी, वहीं अब अचानक भारी बारिश से बाढ़ और जलभराव का खतरा बढ़ गया है। IMD के अनुसार, मानसून 2025 में उत्तर-पश्चिम भारत में 12-17 जून तक सक्रिय रहेगा, जिससे और बारिश की संभावना है
राहत या नई मुसीबत?
Western UP Rainfall ने 13 जून 2025 को पश्चिम यूपी में गर्मी से राहत तो दी, लेकिन जलभराव और फसल नुकसान ने नई समस्याएं खड़ी कीं। पिछले साल के सूखे की तुलना में इस साल की बारिश सामान्य से अधिक रही, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी ने इसके फायदे को सीमित कर दिया। सरकार और स्थानीय प्रशासन को जल्दी से नालों की सफाई और बाढ़ प्रबंधन पर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।
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