
Israel vs Iran: Mossad की खुफिया जानकारी ने Iran को कर दिया बर्बाद !
Israel-Iran War News
इजरायल (Israel) ने शुक्रवार तड़के ईरान (Iran) की राजधानी तेहरान समेत, ईरान अन्य इलाकों में परमाणु और सैन्य ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए हैं. इजरायल के हमलों से ईरान थर्रा उठा है, पूरी दुनिया में इस वक्त इजरायल-ईरान युद्ध की चर्चा हो रही है. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की सटीक जानकारी के आधार पर शुरू किए गए इस ऑपरेशन को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया गया है. इस ऑपरेशन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया, इन हमलों में ईरान के प्रमुख परमाणु स्थल नतांज, सैन्य अड्डे तबाह हो गए हैं. साथ ही इजरायल के हमले में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की ख़बर है।
Mossad है असली मास्टरमाइंड
इजरायल रक्षा बल (IDF) ने स्पष्ट किया कि ये हमले मोसाद से प्राप्त उच्च-स्तरीय खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए। मोसाद ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम की गतिविधियों, विशेष रूप से नतांज में यूरेनियम संवर्धन और गुप्त परमाणु हथियार विकास की ठोस जानकारी दी थी। आईडीएफ के अनुसार, ईरान के पास हजारों किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम है, जिससे वो कुछ ही दिनों में 15 परमाणु हथियार बना सकता है।
इजरायल का घातक ‘राइजिंग लॉयन’
‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत इजरायल ने 200 से अधिक लड़ाकू विमानों का उपयोग कर पांच चरणों में हमले किए। इजरायल के इन हमलों में ईरान के नतांज परमाणु स्थल, सैन्य अड्डे और ईरान के कई वरिष्ठ अधिकारियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। आईडीएफ प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, “हमें खुफिया जानकारी मिली थी कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था।”
इजरायल के हमलों में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल हुसैन सलामी, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी, और परमाणु वैज्ञानिकों जैसे फेरेयदून अब्बासी, मोहम्मद मेहदी तेहरांची, अब्दुलहामिद मिनौचेहर, अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ागरी, सईद अमीरहुसैन फ़ेक़ी और मोतलाबिज़ादेह की मौत की पुष्टि हुई है।
मोसाद का खौफनाक इतिहास
मोसाद की ख्याति दुनिया की सबसे तेज-तर्रार और खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक के रूप में है। पहले भी मोसाद ने ईरान के गुप्त परमाणु दस्तावेज चुराकर दुनिया को चौंका दिया था। इस बार भी, मोसाद ने साइबर हमलों और गुप्त ऑपरेशनों के जरिए ईरान के वायु रक्षा तंत्र को निष्क्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ख़बर है कि, मोसाद ने हमले से पहले ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों की सटीक जानकारी जुटाई, जिसके आधार पर आईडीएफ ने केवल लक्षित स्थानों पर ही प्रहार किया।
ईरान का पलटवार नाकाम
ईरान ने इजरायल हमलों के जवाब में इजरायल पर ड्रोन स्ट्राइक की है. ख़बर है कि ईरान ने इज़रायल पर 100 से अधिक ड्रोन हमले किए, जिन्हें इजरायल ने नाकाम करने का दावा किया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल को “कठोर सजा” दिए जाने की चेतावनी दी है। वहीं इस बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAE) ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंता जताई है, जबकि अमेरिका ने स्पष्ट किया कि वो इस हमले में शामिल नहीं था।
अब आगे क्या होगा ?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये ऑपरेशन “जब तक जरूरी होगा” जारी रहेगा। दूसरी ओर, ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, जिससे मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ गई है। ये हमला उस समय हुआ है, जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी, जिस पर अब खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में ये पूरी घटना न केवल इजरायल और ईरान के बीच तनाव को बढ़ा रही है, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकती है। मोसाद और आईडीएफ की इस रणनीति ने एक बार फिर दुनिया को उनकी ताकत का एहसास करा दिया है।