
Air India Plane Crash
जब आसमान रो पड़ा: Air India Plane Crash ने लील लीं 241 ज़िंदगियां
Air India Plane Crash ने गुरुवार दोपहर भारत समेत दुनिया के 241 परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे भरोसेमंद विमान की यह दर्दनाक दुर्घटना न सिर्फ तकनीकी विफलता थी, बल्कि उन सपनों का मलबा भी थी जिन्हें हर यात्री अपने साथ लंदन ले जा रहा था—कभी परिवार से मिलने, कभी नया जीवन शुरू करने तो कभी अपने करियर को नई उड़ान देने। लेकिन उस विमान से अब सिर्फ कहानियां लौटकर आई हैं—टूटी हुई, अधूरी और अंतिम।
गुरुवार की दोपहर अहमदाबाद का आसमान चीख उठा। एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर लंदन की उड़ान भरते हुए क्रैश हो गया। इस विमान में 12 क्रू मेंबर समेत कुल 242 लोग सवार थे — और अब, इस भयावह हादसे के बाद, केवल एक यात्री जिंदा बचा है।
241 कहानियां, 241 सपने, 241 परिवार – सबकुछ इस हादसे की राख में बदल गया।
Air India Plane Crash: डॉक्टर दंपति और तीन बच्चों की आखिरी सेल्फी
बांसवाड़ा के डॉक्टर दंपति — डॉ. कोमी व्यास और डॉ. प्रतीक जोशी — अपने तीन मासूम बच्चों प्रद्युत, मिराया और नकुल के साथ लंदन जा रहे थे। कोमी ने हाल ही में उदयपुर के पैसिफिक हॉस्पिटल की नौकरी छोड़ी थी, ताकि पति के साथ लंदन में एक नई ज़िंदगी शुरू कर सकें। प्रतीक लंदन के एक निजी अस्पताल में नौकरी करने जा रहे थे। तीनों बच्चों को भी लंदन शिफ्ट करने का फैसला किया गया।
परिवार की लंदन रवाना होने से पहले की ली गई आखिरी सेल्फी अब एक मूक साक्षी है — उस उम्मीद की, जो कभी मंज़िल तक नहीं पहुंची।
चार महीने की दुल्हन – खुशबू की आखिरी विदाई
राजस्थान के बालोतरा की रहने वाली खुशबू कंवर ने अपने जीवन के केवल चार महीने पति के साथ बिताए थे। शादी 18 जनवरी को हुई और अब वह अपने डॉक्टर पति से मिलने लंदन जा रही थीं। घर से निकलते वक्त उन्होंने एक भावुक वीडियो रिकॉर्ड किया — जिसमें वह परिवार से गले लगती हैं, हाथ जोड़कर कार में बैठती हैं, आंखें नम हैं।
उन्हें क्या पता था कि यह वीडियो उनकी जिंदगी की आखिरी तस्वीर बन जाएगा।
Air India Plane Crash:MBA भाई-बहन की लंदन यात्रा और पिता का टूटा सपना
उदयपुर के मार्बल व्यापारी संजीव मोदी के बेटे शुभ और बेटी शगुन, दोनों MBA करके पिता का बिजनेस संभाल रहे थे। दोनों पहली बार लंदन घूमने जा रहे थे।
हादसे की खबर मिलते ही संजीव मोदी अहमदाबाद के लिए निकल पड़े। घर पर मातम है, दीवारें खामोश हैं, और पिता की आंखें अब शायद कभी मुस्कुराएंगी नहीं।
पूर्व विधायक का नाती और अधूरी वापसी
बीकानेर के पूर्व विधायक किशना राम नाई के नाती अभिनव परिहार, लंदन से अपनी पत्नी और बेटे को लेने आ रहे थे। भारत में हमेशा के लिए बसने का सपना था, इसलिए अहमदाबाद में नया ऑफिस खोला था।
लेकिन विमान उनके सपनों की जमीन तक पहुंचने से पहले ही टूट गया।
पहली उड़ान थी, आखिरी बन गई: पायल की अधूरी पढ़ाई
पायल खटीक, जो लंदन के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में MBBS की पढ़ाई शुरू करने जा रही थीं, बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं। यह उनकी पहली विदेशी उड़ान थी।
सपने के आसमान में पंख लगाए थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें कभी उतरने नहीं दिया।
व्यापार, परिवार और फ्लाइट नंबर 54
गुजरात के सूरत निवासी जयेशभाई गोंडलिया, फ्लाइट की सीट नंबर 54 पर बैठे थे। लंदन में अपने बिजनेस पार्टनर से मिलने जा रहे थे। पीछे पत्नी सोनल और दो छोटे बेटे धर्म और विवान थे।
अब उनके लिए केवल सीट नंबर 54 की खबर आई है, और एक खामोश घर पीछे रह गया है।
बेटी की शादी के बाद सास-बहू का विदाई पल
सादिकाबेन सेठवाला और उनकी ढाई साल की बेटी फातिमा, अपने देवर की शादी में वडोदरा आई थीं और अब ब्रिटेन लौट रही थीं।
घर के लोग उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने गए थे, और जब लौटते वक्त हादसे की खबर मिली — पूरा परिवार फिर अहमदाबाद लौट आया, लेकिन अब उनके इंतज़ार में कोई नहीं था।
एयर होस्टेस नगनथोई का अधूरा सपना
22 वर्षीय नगनथोई शर्मा मणिपुर से थीं। एयर होस्टेस बनना उनका सपना था, और लंदन की ये फ्लाइट उनकी ड्यूटी थी। बहन गीतांजलि से उन्होंने आखिरी मैसेज किया था — “अब कुछ दिनों तक कॉन्टैक्ट नहीं हो पाएगा।”
आज नगनथोई की मां रो-रोकर एलबम पलट रही हैं, कह रही हैं — “कहां गई बेटी?”
Air India Plane Crash:वो “गुड मॉर्निंग” कॉल अब कभी नहीं आएगा
दीपक पाठक, क्रू मेंबर थे। हर दिन मां से बात करने की आदत थी। हादसे से पहले भी उन्होंने “गुड मॉर्निंग” कहा। फिर फोन बजता रहा, पर जवाब नहीं आया।
मां आज भी इंतज़ार कर रही हैं कि बेटा लौट आए… बस एक बार।
Air India Plane Crash:बेटी से मिलने निकली मां अब लौटेगी ताबूत में
अंजू शर्मा, वडोदरा से अपनी बेटी निम्मी से मिलने लंदन जा रही थीं। वे छह महीने वहीं रहने वाली थीं। पति की मौत के बाद यह उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी थी।
अब गांव में बुजुर्ग माता-पिता को ये बताया तक नहीं गया कि बेटी अब लौटेगी… पर ताबूत में।
Air India Plane Crash:बेटे से मिलने जा रहे थे… बेटा इंतज़ार करता रह गया
सोलापुर के बुज़ुर्ग दंपति महादेव और आशा पवार, अपने बेटे से मिलने लंदन जा रहे थे। वर्षों बाद मिलने का उत्साह आंखों में था, लेकिन अहमदाबाद पहुंचते-पहुंचते सपनों की उड़ान राख बन गई।
ये हादसा नहीं, एक युग का अंत है
यह केवल एक विमान हादसा नहीं था, बल्कि हर सीट पर बैठी एक उम्मीद की मौत थी। एक बेटी, एक बहन, एक पिता, एक मां, एक प्रेमी — हर चेहरा अब एक दर्दनाक कहानी बन गया है।
“Air India Plane Crash” सिर्फ खबर नहीं, यह एक पूरे देश की पीड़ा है।
सरकार जांच करेगी, रिपोर्ट आएगी, मुआवज़े बंटेंगे। लेकिन जिनके घरों में अब केवल खामोशी बची है, उनके लिए ये तारीख हमेशा एक कालजयी स्याही से दर्ज रहेगी।
अगर आपके घर का कोई भी सदस्य विदेश यात्रा पर है, तो एक बार फोन ज़रूर कीजिए… क्योंकि पता नहीं, अगली बार कब सुनने को मिलेगा “मैं पहुंच गया।”
So Sorry. ॐ शान्ति।