
Banke Bihari Corridor-कांग्रेस की सरकार से अपील
वृंदावन की कुंज गलियों को माथे से लगाकर कांग्रेस ने दिखाई भक्तिमय नाराजगी, कहा- कॉरिडोर नहीं, श्रद्धा बचाओ!
लोकेशन: मथुरा। संवाददाता: अमित शर्मा
वृंदावन (मथुरा):
Banke Bihari Corridor के खिलाफ कांग्रेस की “लेटती हुई” राजनीति
वृंदावन की गलियों में बुधवार को एक अनोखा राजनीतिक दृश्य देखने को मिला। जहां आमतौर पर भक्त सिर झुकाकर मंदिर पहुंचते हैं, वहां इस बार कांग्रेस नेता पूरे शरीर के साथ धरती पर लेट गए। वजह? Banke Bihari Corridor। और विरोध का अंदाज ऐसा कि श्रद्धालु भी पलभर को कन्फ्यूज हो गए—ये प्रदर्शन है या भक्ति?
कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष यतींद्र मुकद्दम और उनके साथियों ने मंदिर की ओर दंडवती परिक्रमा करते हुए नारेबाज़ी की। जी हां, गलियों की धूल माथे पर चढ़ा ली और सरकार पर निशाना साधते हुए सीधे बिहारीजी के द्वार जा पहुंचे। कोई बोले—“हाय कॉरिडोर!” तो कोई बोले—“बचाओ विरासत!”
विरोध है विकास का नहीं, ‘विकास की बर्बादी’ का: Congress का दावा
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ये दावा किया कि उनका विरोध विकास से नहीं, बल्कि विकास के नाम पर “इतिहास के कत्ल” से है। Banke Bihari Corridor को लेकर सरकार पर सवाल उठाते हुए नेताओं ने कहा कि, सरकार के इस कदम से कुंज गलियों की पौराणिकता मिट जाएगी और वृंदावन की आत्मा खो जाएगी।
यतींद्र मुकद्दम ने कहा, “सरकार से कोई रंज नहीं, लेकिन ये गलियाँ जो श्रीकृष्ण की लीला स्थली हैं, इन्हें उखाड़कर चार लेन का कॉरिडोर बना देना, एक ऐतिहासिक अपराध है।”
इन कुंज गलियों में गूंजे राजनीतिक मंत्र
जहां-जहां दंडवती हुई, वहां-वहां नारों का शोर सुनाई दिया—“गलियाँ बचाओ, श्रद्धा बचाओ”, “बिहारीजी की गलियों को मत तोड़ो सरकार!” इतना ही नहीं, कुछ कार्यकर्ताओं ने तो गलियों को चूमकर प्रणाम किया, ताकि “बुलडोज़र की आहट से पहले आखिरी स्पर्श” कर लिया जाए।
Congress नेताओं ने मंदिर पहुंचकर ऐलान किया—“हम ना सड़क के विरोधी हैं, ना सुविधा के। लेकिन जो सड़क आस्था पर चले, उसे रोकना ज़रूरी है।”
Banke Bihari Corridor या Heritage Bulldozer?
Banke Bihari Corridor सरकार की बड़ी योजनाओं में से एक है, जो दर्शनार्थियों की भीड़ और अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए बनाई जा रही है। लेकिन कांग्रेस इसे “heritage bulldozer” करार दे रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि सरकार वृंदावन को ‘माल रोड’ बनाना चाहती है।
प्रदर्शनकारियों ने एक कड़ी चेतावनी भी दी: “अगर कॉरिडोर को जबरन थोपने की कोशिश की गई, तो वृंदावन की गलियों में हर दिन आंदोलन होगा। विकास हो, लेकिन भावना के साथ।”
श्रद्धा के नाम पर सियासी चौराहा
Banke Bihari Corridor अब सिर्फ विकास बनाम विरासत की लड़ाई नहीं, बल्कि सियासत और श्रद्धा के बीच का अखाड़ा बनता जा रहा है। कांग्रेस के इस अनोखे विरोध ने गलियों को चर्चा में ला दिया है। अब देखना ये है कि सरकार इस लेटे हुए आंदोलन को सीधा कर पाती है या नहीं।
गलियों से निकली आवाज़, अब सरकार के दरवाज़े तक
वृंदावन की कुंज गलियों से निकली ये ‘दंडवती क्रांति’ अब ब्रजवासियों की आवाज़ बन गई है। सरकार को तय करना है कि वो इसे विरोध माने या भक्तों की पुकार।
कांग्रेस ने अपना कार्ड खेल दिया है, अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है। सवाल सिर्फ इतना है—Banke Bihari Corridor के नाम पर विरासत बचाई जाएगी या विकास के नाम पर इतिहास मिटा दिया जाएगा?
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