
Banda News-यमुना में डूबकर दो बच्चों की मौत
Banda News: देवी पूजन के बीच यमुना ने लील लिए दो मासूम भाई, गांव में मातम
Banda News:बांदा की यमुना लहरों में वो गूंज अब भी बाकी है, जो दो मासूम चचेरे भाइयों की अंतिम सांसों की खामोशी में बदल गई।
तिंदवारी थाना क्षेत्र के बेंदाघाट से सामने आई ये खबर सिर्फ एक हादसा नहीं, एक ऐसा मातम है जो हर माता-पिता की रगों में डर घोल देता है। य़हां 10 वर्षीय वीरू और 11 वर्षीय जितेंद्र — दो चचेरे भाई, पूजा पाठ के बीच चुपचाप नदी नहाने चले गए.. और फिर कभी लौटकर नहीं आए।
परिवार यमुना किनारे टकटकी लगाए देखता रहा गया क्योंकि, लहरों में कुछ ऐसा बह गया जो अब कभी लौटकर नहीं आएगा ।
Banda News: जहां पूजा की घंटियों के बीच उठी चीखों की गूंज
बेरराव गांव से देवी पूजन में शामिल होने आए वीरू और जितेंद्र जिनकी जिद थी सिर्फ नहाने की,जैसे नदी उन्हें बुला रही थी , लेकिन वो नहीं जानते थे कि यमुना की गहराई सिर्फ पानी नहीं, मौत भी छुपाए बैठी थी। और वही हुआ जो होना था, यमुना ने दोनों बच्चों को अपनी गहराई में समा दिया।कुछ ही पलों में दोनों बच्चे गहरे पानी में समा गए। न कोई चीख, न कोई पुकार — सिर्फ शांत पानी और एक बेकाबू किस्मत।
सोचिए एक जहां माता की चौकी सज रही थी, वहीं दूसरी ओर एक मां की कोख सूनी हो रही थी। भगवान की ये कैसी विडंबना है।
शव बाहर निकले तो मच गया कोहराम, देवी की पूजा में शोक का सन्नाटा
जब परिजनों को बच्चों की खोज न मिली, तो गांव में हड़कंप मच गया।
सूचना पर पहुंची पुलिस और स्थानीय गोताखोरों ने घंटों की मशक्कत के बाद दोनों शव बाहर निकाले।
अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने देखते ही सिर हिलाया — “कोई नहीं बचा..”
उसके बाद जो हुआ, वो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता —
एक मां का कलेजा फट गया, एक बाप की आंखों से खून बहने लगा, और देवी की चौकी पर आरती की जगह सिर्फ चीखें गूंज रही थीं।
Banda News:“ये कोई हादसा नहीं, भगवान की चुप्पी है”
गांववालों का कहना है कि ये कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, एक परिवार की पूरी दुनिया उजड़ गई।
पूजा पाठ, धर्म, संस्कार सब पीछे छूट गए और आगे रह गई सिर्फ दो तस्वीरें — एक 10 साल का हंसता चेहरा, एक 11 साल की शरारती आंखें.. जो अब सिर्फ फोटो फ्रेम में कैद रहेंगी।
Banda की यह घटना बताती है कि जीवन कितना नाजुक है — और कभी-कभी, सिर्फ एक छोटी लापरवाही कैसे पूरे जीवन को तबाह कर सकती है।
बच्चों की मौत के पीछ बड़ा सवाल — कौन है असल कातिल?
इस हादसे ने एक बार फिर उस दर्दनाक सच्चाई को सामने ला दिया है, जिसे खबरी लाल पहले ही उजागर कर चुका था।
यमुना के किनारों पर अवैध खनन लगातार जारी है — ट्रैक्टरों से रेत खींची जाती है, JCB मशीनें गड्ढे खोदती हैं, और कोई देखने वाला नहीं।
बेंदाघाट वही इलाका है, जहां यमुना के पेट से बालू निकाल-निकालकर खाई जैसे गड्ढे बना दिए गए हैं।
इन गहराइयों में नहाते वक्त बच्चा हो या बड़ा — कोई भी फिसल जाए, तो मौत तय है।
खबरी लाल ने पहले ही आगाह किया था:
“बांदा की यमुना में जिस रफ्तार से अवैध खनन हो रहा है, वो सिर्फ ज़मीन नहीं, बच्चों की ज़िंदगियाँ भी निगलने वाला है।“
आज वो चेतावनी, भविष्यवाणी बनकर टूटी है दो मासूमों की लाश पर।
खामोश गड्ढों में हर साल दर्जनों ज़िंदगियाँ दफ्न हो रही हैं।लेकिन सब मौन हैं।
ये खबर सिर्फ डूबने का नहीं, डुबाने वालों का भी है — जो खनन की भूख में बच्चों का बचपन निगल रहे हैं.. और हम सब चुप हैं।