
Theft Case
ये पीलीभीत है जनाब, यहां चोर भी सुपरमैन हैं!”
📍लोकेशन-पीलीभीत
🎤संवाददाता-सकुश मिश्रा
🕵️♂️ चोरी पकड़ी गई, चोर भी पकड़ में आया… लेकिन थाने में पुलिस ही ‘फिसल’ गई!
कहते हैं कि पुलिस के हाथ लंबे होते हैं,
लेकिन पीलीभीत की सेहरामऊ पुलिस के तो शायद हाथ जेब में थे —
क्योंकि theft case में पकड़ा गया चोर
थाने से दीवार फांदकर उड़ गया… और पुलिस सिर्फ ‘ओ…’ करती रह गई!
चोर न हो गया मानो जादूगर हो गया, चो फ्लाइंग चप्पल पहकर थाने से छू मंतर हो गया हो
अब खोज अभियान ऐसा चल रहा है जैसे सावन में कागज़ की नाव ढूंढी जा रही हो।
सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं –
“थाने में जेल है या जिमनास्टिक ग्राउंड?”
31 मई की रात: घर में घुसे चोर, 2 लाख और गहने उड़ा ले गए!
कुरैया खुर्द निवासी BC संचालक सुरेश शुक्ला के घर पर अज्ञात चोरों ने ताले तोड़े, और पूरे सलीके से नगदी व आभूषण उड़ा ले गए।
Theft Case दर्ज हुआ, और पुलिस ने थोड़ी मेहनत कर CCTV फुटेज खंगाले –
4 आरोपी पकड़ भी लिए।
एक तो सुनार निकला – जो चोरी का सोना हजम कर चुका था!
अब आइए ‘थाने से भगोड़ा’ एपिसोड पर!
बुधवार शाम करीब 6:30 बजे, जब पुलिस सोच रही थी कि उसने कमाल कर दिया…
तभी एक आरोपी ने सीधा कमाल कर दिखाया!
थाने की दीवार फांदी, पुलिस को आंखें दिखाई और हवा में उड़ गया!
यानी ‘जेल से नहीं, थाने से फरार’ – और वो भी theft case में पकड़ा गया चोर।
पुलिस क्या कर रही थी? – “हम चाय पी रहे थे शायद!”
थाने में बंद आरोपी फरार हो जाए और पुलिस को भनक भी न लगे?
या तो चोर स्पाइडरमैन था या फिर पुलिस वाले स्लीपिंग मैन!
गुरुवार सुबह परिजनों को थाने बुलाकर ‘मनोवैज्ञानिक पूछताछ’ शुरू हुई –
पर चोर का अब तक कोई सुराग नहीं।
पुलिस बस यही कह रही है –
“तलाश जारी है, बहुत जल्द पकड़ लेंगे…”
(हां, जैसे बकरा खुद थाने लौट आएगा!)
💰Theft Case: दो गिरफ्तार, जेवर बरामद – लेकिन एक चोर लेकर चला गया भरोसा!
नगमा कॉलोनी के फैयाज और साजेब को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
उनके पास से ₹72,000 नकद और सोने के तीन पेंडल, दो अंगूठियां बरामद हुईं।
Theft Case का खुलासा हो गया – लेकिन जनता यही पूछ रही है:
“जिस थाने से चोर भाग जाए, क्या वहां कानून सुरक्षित है?”
जब थाने की दीवार चोरों को रास्ता दिखाए, तो सुरक्षा किसके भरोसे?
Theft case सुलझाने वाली पुलिस खुद तब सवालों के घेरे में आ जाती है, जब चोर थाने से उछलकर निकल जाए।
ये घटना पुलिसिंग पर सीधा तमाचा है —
और चोर के लिए पुरस्कार है:
“पहले जेवर उड़ाए, फिर पुलिस को — अब जनता पूछ रही है:
“कानून का राज है या भाग्य का भरोसा?”
अरे भाई अब जनता को कौन समझाए कि, पुलिस के पास ढेरों काम होते हैं, हो जाती है भूल-चूक। अब एकाध चोर थाने से फरार हो गए तो इसमें इतनी हायतौबा मचाने से क्या फायदा।