Molestation Allegation

बैंक खाता नहीं, हैवानियत की चाल थी ये – ‘Molestation Allegation’ में हिस्ट्रीशीटर माइकल जेल पहुंचा!

Molestation Allegation: हिस्ट्रीशीटर माइकल ने मासूम को बैंक के बहाने फंसाया, पीलीभीत पुलिस ने भेजा जेल”

📌 Location: पीलीभीत

🎤संवाददाता-सकुश मिश्रा

‘बेटी को बैंक ले जाऊंगा’ – और ले गया हवस के खाते में!

कहते हैं कि बैंक में विश्वास जमा होता है, लेकिन यहां तो molestation allegation का पूरा खाता खुल गया।
पीलीभीत के कुरैया खुर्दकलां गांव में रहने वाला नरेश शर्मा उर्फ माइकल, एक मासूम किशोरी को बैंक खाता खुलवाने के बहाने बाइक पर बिठाकर ले गया, लेकिन बैंक नहीं, बर्बरता की ब्रांच में पहुंचा दिया!
छेड़छाड़ की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सीधा सलाखों के खाता सेक्शन में जमा करवा दिया।

🔍 इतिहास तो देखिए साहब, ये कोई आम मजनू नहीं – हिस्ट्रीशीटर है ये माइकल!

Molestation Allegation वाले इस सज्जन का नाम इतना साफ नहीं जितना उसका रिकॉर्ड गंदा है।
पूरनपुर, जीआरपी, और सेहरामऊ थानों में साहब पर कुल 16 मुकदमे दर्ज हैं।
जी हाँ!
एक-दो नहीं, पूरे सोलह बार कानून की कमर तोड़ चुका है, लेकिन आज तक आज़ाद घूम रहा था।
थाना भी पहचानता है इसे — “हां, ये तो अपना पुराना ग्राहक है!”

👮 पुलिस बोली – ‘अब जेल की खाक छाने दो इसको’

माधोटांडा थाने में लड़की के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
पुलिस ने फुर्ती दिखाई, बयान लिए और Molestation Allegation की जांच तेज़ की।
इंस्पेक्टर अशोक पाल ने बताया कि आरोपी सेहरामऊ उत्तरी थाने का हिस्ट्रीशीटर है और वर्तमान में पूरनपुर की पंजाबी कॉलोनी में डेरा जमाए था।
अब उसका डेरा जेल के बैरक नंबर 4 में है।

Molestation Allegation :अब सवाल समाज से – कब तक चालाक हैवानों को पहचानने में देर करेंगे हम?

माइकल जैसे लोग ‘भोलाभाला पड़ोसी’ बनकर रहते हैं।
Molestation Allegation लगने तक किसी को भनक भी नहीं लगती कि वो मजनू नहीं, महाशैतान है।
कभी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में मदद का बहाना, तो कभी बैंक खाता खुलवाने का लालच – इनका मोटो होता है:
“भरोसा जीतो, फिर विश्वास का रेप करो!”
कड़वा है, लेकिन यही सच है।

⚠️ Molestation Allegation को हल्के में लेना ही सबसे बड़ा अपराध है!

हमेशा ये क्यों कहा जाता है –

“रेप नहीं हुआ न, सिर्फ़ छेड़छाड़ थी?”
क्या आत्मसम्मान का कोई ‘छोटा पैकेट’ होता है?
क्या लड़की का हक़ तभी माना जाएगा जब उसका शरीर ज़ख्मी हो?
नहीं साहब, छेड़छाड़ यानी साफ़-साफ़ अपराध, और molestation allegation को उतनी ही सज़ा और शर्म मिलनी चाहिए, जितनी किसी और यौन अपराध को।

Molestation Allegation संदेश साफ है – बेटियों के भरोसे से खेलने वालों की जगह जेल में ही है!

जो बेटियों को बहला-फुसलाकर हवस की गली में घसीटते हैं, उनके लिए कानून अब भी काफी है — बस इंतज़ाम में तेज़ी चाहिए, और समाज में चेतना
माइकल जैसे दरिंदों को सलाखों के पीछे देख अब वक्त है कि हर मोहल्ला, हर कॉलोनी, हर पड़ोसी को भी ‘संदेह का टेस्ट’ देना होगा।
वरना अगली बार बैंक नहीं, स्कूल, पार्क या मंदिर से कोई Molestation Allegation उठेगा — और फिर हम एक और बेटी से आंखें चुरा लेंगे।

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