Ahilyabai Legacy

Ahilyabai Legacy: फिरोजाबाद की सड़कों पर उतरेगी जनश्रद्धा की रजवाड़ी शोभा

Ahilyabai Legacy: फिरोजाबाद की ज़मीन पर उतरेगा इतिहास का कारवां

📍 लोकेशन-फिरोजाबाद

🎤संवाददाता- मुकेश कुमार बघेल

8 जून 2025, दिन रविवार… फिरोजाबाद की गलियों में जब बैंड-बाजे की धुन बजेगी और ऊंटों की चाल पर सजे हुए रथ बढ़ेंगे, तब यह शहर नहीं, बल्कि इतिहास का चलित चित्र लगेगा। अवसर है Ahilyabai Legacy यानी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती का, जिसे फिरोजाबाद वासियों ने भव्य श्रद्धांजलि में बदलने की ठान ली है। गांधी पार्क इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान से शुरू होने वाली शोभायात्रा न केवल आस्था की अभिव्यक्ति होगी, बल्कि भारतीय नारी शक्ति की गौरवगाथा का सार्वजनिक प्रदर्शन भी।

इस शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, जिनकी उपस्थिति इस आयोजन को केंद्रीय स्तर पर महत्ता देती है। उनके साथ-साथ विधायक मनीष असीजा, प्रेमपाल सिंह धनगर, महापौर कामिनी राठौर, एटा विधायक विपिन लोधी और अन्य जनप्रतिनिधि भी इस यात्रा में हिस्सा लेंगे। लेकिन यह केवल नेताओं की उपस्थिति का नहीं, Ahilyabai Legacy की विरासत को जन-जन तक पहुंचाने का आयोजन होगा।

Ahilyabai Legacy: ऊंट सवारी, झांकियों और जनश्रद्धा का होगा संगम

शोभायात्रा में सांस्कृतिक समागम की झलक भी साफ़ दिखाई देगी। दो दर्जन से अधिक झांकियां लोकमाता के जीवन और कार्यों को सजीव करेंगी। साथ ही एक दर्जन से अधिक पारंपरिक नृत्य कलाकार, बैंड-बाजों की धुन पर सांस्कृतिक वैभव को दर्शाएंगे। लेकिन सबसे अनोखा आकर्षण होगी ऊंट सवारी, जो अहिल्याबाई की सादगी और रजवाड़ा संस्कृति का प्रतीक बनेगी।

शाम 5 बजे केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल और टूंडला विधायक प्रेमपाल सिंह धनगर हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारंभ करेंगे। यह कोई आम यात्रा नहीं, बल्कि पीढ़ियों तक याद रखा जाने वाला आयोजन होगा, जो यह बताएगा कि Ahilyabai Legacy सिर्फ इतिहास नहीं, आज की प्रेरणा है।

“माँ अहिल्या” के नाम एक शहर का नमन

शोभायात्रा को लेकर हुई प्रेस वार्ता भी उतनी ही भावुक रही जितनी ये योजना खुद। पूर्व प्रधान देवेंद्र बघेल, रुपेंद्र बघेल ‘छोटू’, पुष्पेंद्र बघेल ‘पिंकी’ और मीडिया प्रभारी मुकेश कुमार बघेल जैसे आयोजकों की आंखों में जो श्रद्धा दिखी, उसने बता दिया कि यह आयोजन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि लोकभावनाओं की धारा है।

जब कोई 300 साल बाद भी इतने स्नेह और सम्मान से याद किया जाए, तो यह किसी साम्राज्य से कम नहीं होता। फिरोजाबाद 8 जून को केवल शोभायात्रा नहीं निकाल रहा, बल्कि एक युग को जीने जा रहा है। यह युग है साहस का, त्याग का, लोकसेवा का – और यही है Ahilyabai Legacy

 


 

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