
Banda District Hospital
“Banda District Hospital: इलाज की जगह ‘जुगाड़’ की पाठशाला!”
Banda District Hospital “ये कोई आम अस्पताल नहीं जनाब, ये है बांदा का जिला अस्पताल—जहां बिस्तर नहीं, ‘बेंच’ है… और IV स्टैंड की जगह ‘फायर एक्सटिंग्विशर’। यहां डॉक्टर नहीं, शायद किस्मत इलाज करती है!”
🤹♂️Banda District Hospital:‘स्वास्थ्य विभाग का सर्कस’ LIVE चल रहा है!
ज़रा कल्पना कीजिए—गर्मी अपने चरम पर है, मरीज छटपटा रहा है, बेड तो छोड़िए एक चटाई भी नसीब नहीं। बेंच पर लिटाए मरीज के ऊपर लटका फायर फाइटर और उस पर IV बोतल!
यह दृश्य कहीं हॉलीवुड की डिजास्टर फिल्म से नहीं, बांदा के जिला अस्पताल(Banda District Hospital)से है—यानी ‘बनारस की ठसक’ और ‘बांदा की व्यवस्था’ में फर्क सिर्फ अंदाज़ का है।
Banda District Hospital:🧪 यहां इलाज नहीं, इंतिहान होता है!
यहां हर मरीज को अपना बायो डेटा जमा करना पड़ता है—बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में नहीं, बल्कि बेंच खाली कराने के लिए!
सरकारी दावे तो कहते हैं कि “बेड भरपूर हैं”, लेकिन जब आप पहुंचेंगे, तो स्टाफ कहेगा—“देख लीजिए, कोई कोना खाली हो तो बता दीजिए।”
और अगर तीमारदार ज़्यादा आवाज़ उठाए, तो जवाब मिलेगा—“कभी-कभी ऐसा हो जाता है।”
यानी अस्पताल नहीं, कर्म का क्षेत्र है।
🔥 फायर सेफ्टी या IV स्टैंड? सरकार भी कन्फ्यूज है!
बांदा जिला अस्पताल (Banda District Hospital)ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी जुगाड़ से बड़ा कोई इनोवेशन नहीं।
बोतलें फायर फाइटर पर टांगने की इस तकनीक को “बांदा मॉडल ऑफ क्लिनिकल इंटीग्रेशन” कहा जाना चाहिए।
WHO को भी सोचना चाहिए कि इस नवाचार को “जुगाड़ आधारित चिकित्सा तकनीक” के तहत पुरस्कार दिया जाए।
🕴️ CMO साहब का जवाब – वो जो हर बार आता है!
जब पत्रकारों ने पूछा कि “ये क्या चल रहा है?”
तो जवाब आया—
“मामला संज्ञान में है, जांच करवा रहे हैं, दोषी बख्शा नहीं जाएगा…”
(ये लाइन इतनी बार दोहराई जा चुकी है कि शायद अब CMO की सील के साथ प्रिंट में आनी चाहिए।)
💉 जांच की बोतल बाहर, इलाज की दवा बाहर, कमीशन अंदर!
अस्पताल में जांच और दवाइयों का जो खेल चल रहा है, वो IPL से कम नहीं। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां टॉस भी डॉक्टर के मूड पर निर्भर करता है।
CMO साहब ने खुद मानी थी “डॉक्टर्स का कारनामा”, लेकिन फिर एक्शन का क्या हुआ?
शायद उसी कमरे में बंद है जहां फायर सेफ्टी पर बोतल टांगी जाती है।
🚨Banda District Hospital:Conclusion (लेकिन कार्रवाई नहीं)
बांदा के Banda District Hospital की हालत देखकर शायद मंत्री जी भी सोच में पड़ जाएं—
“ये अस्पताल है या कोई तंबू वाला इंतज़ाम?”
और मरीज?
वो अब बीमारी से नहीं, व्यवस्था की ठोकर से मरते हैं।
और अगर बच भी जाएं, तो इलाज से नहीं, इंतज़ार से ही ठीक हो जाते हैं।
#BandaDistrictHospital #HospitalNegligence #UPHealthSatire #FireSafetyJugaad #BenchWalaIlaj #5StarSarkariSystem
संवाददाता-गुल मुहम्मद
यथार्थ।