
Depression ने ले ली लड़की की जान
Depression से जूझ रही लड़की ने खुद को लगाई आग, सुसाइड नोट में लिखा “मैं हार गई”
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से आई यह घटना न सिर्फ दिल तोड़ने वाली है, बल्कि समाज के उस क्रूर मज़ाक को भी बेनकाब करती है, जिसे हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं। 28 साल की साल्वी गुप्ता ने Depression से हारकर खुद को आग के हवाले कर दिया। जाते-जाते वो एक सुसाइड नोट छोड़ गई, जिसमें सिर्फ दर्द था… टूटन थी… और माफ़ी थी, जिसे पढ़कर कोई भी पत्थर दिल इंसान भी फफक कर रो पड़े।
🔥 “अब मुझसे नहीं हो रहा…” – Depression में झुलसती ज़िंदगी की आख़िरी पुकार
मौदहा कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली साल्वी गुप्ता का जीवन कभी सामान्य नहीं रहा। उसकी लंबाई 5 फीट और वजन 90 किलो था। इस शारीरिक बनावट ने उसे समाज की हंसी का पात्र बना दिया। Depression धीरे-धीरे उसकी हड्डियों में उतरता गया। वह चलने-फिरने में असहज थी, लोग ताने मारते थे – “क्या हाथी चल रहा है?”… “इतनी बड़ी क्यों हो गई?”
Depression से न लड़ पाई साल्वी, शारीरिक तकलीफ़ से ज़्यादा था मानसिक ज़हर

साल्वी ने खुद को सामान्य बनाने की लाख कोशिश की। माता-पिता ने उसे निजी स्कूल में पढ़ाने भेजा ताकि मन बहल सके, ज़िंदगी रुक न जाए। लेकिन वहां भी उसे चैन नहीं मिला। बच्चे हों या सहकर्मी, सभी के लिए वो Depression का शिकार एक मज़ाक बन चुकी थी। उसका सुसाइड नोट बताता है कि भीतर ही भीतर वो हर दिन मर रही थी। इस समाज ने उसे जीने ही नहीं दिया।
Depression की दास्तां उस चिट्ठी में दर्ज है, जो हर माँ-बाप को झकझोर देगी
मरने से पहले साल्वी ने अपने माता-पिता के नाम एक मार्मिक पत्र लिखा:
“मम्मी-पापा, मैं हार गई हूं। आप सब मेरा इतना ध्यान रख रहे हैं पर मैं ठीक नहीं हो पा रही हूं। अब मुझसे नहीं हो रहा है… मैं और परेशानी नहीं देना चाहती हूं। भैया मोनू, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। मम्मी-पापा का ध्यान रखना…”
यह चंद लाइनों का पत्र पूरे Depression की एक गूंज है, जिसे न तो डॉक्टर समझ पाए, न स्कूल, और न समाज।
माता-पिता ने कहा – “हमारी बेटी अंदर ही अंदर मर रही थी… हमें पता ही नहीं चला”
पिता सुनील गुप्ता की आंखें अब हमेशा नम रहेंगी। उन्होंने कहा, “हमने लाख कोशिश की, डॉक्टरों को दिखाया, उसे व्यस्त रखा… लेकिन Depression बहुत खतरनाक बीमारी है। ये इंसान को बाहर से नहीं, भीतर से खत्म करता है।”
पुलिस जांच में जुटी, Depression के केस में समाज की भूमिका पर उठे सवाल
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। सीओ मौदहा विनीता पहल ने पुष्टि की है कि सुसाइड की वजह Depression ही मानी जा रही है। लेकिन सवाल यह है – क्या इसके लिए सिर्फ साल्वी ज़िम्मेदार थी? या वो लोग भी जिन्होंने उसे हर दिन नीचा दिखाया?
Depression कोई मज़ाक नहीं, यह एक खतरनाक खामोशी है
हर बार जब आप किसी के शरीर, चेहरे या चाल का मजाक उड़ाते हैं – याद रखिए, आप किसी को Depression के रास्ते पर धकेल सकते हैं। आज साल्वी चली गई, कल कोई और होगा। हमें बदलना होगा – वरना ये चिंगारी कब किसके घर को राख बना दे, कोई नहीं जानता।