 
                  Lady Advocate & SHO Controversy. Supreme Court पहुंचा गुरुग्राम सेक्टर-50 थाने का हाई वोल्टेज ड्रामा. SHO पर लगे थे R*PE के आरोप!
Gurugram : हरियाणा के गुरुग्राम सेक्टर-50 थाने में घटी एक अजीबोगरीब घटना के बारे में हमने आपको 26 मई को बताया था जिसमें एक Lady Advocate ने थाने के SHO समेत कई पुलिस वालों पर मारपीट और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. जबकि थाना SHO और कुछ महिला पुलिसकर्मियों ने उलटा महिला वकील पर ही गुंडागर्दी और मारपीट के आरोप लगाए थे. इस केस में अब एक नया और बड़ा अपडेट आ गया है. बदतमीजी और यौन उत्पीड़न के इस हाई प्रोफाइल मामले में दिल्ली की उस महिला एडवोकेट ने Supreme Court का दरवाजा खटखटाया है. इस केस को Justice Prashant Kumar Mishra और Justice AG Masih की बेंच में गुरुवार को लिस्टेड किया गया. महिला वकील की ओर से Advocate on Record सूर्यनाथ पांडे पेश हुए. उन्होंने SC को बताया कि “21 मई को Lady Advocate एक मैरिज के मामले में गुरुग्राम गई थी. उसी दौरान दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया. जब महिला वकील थाने में गई और SHO को पूरा मामला बताया तो SHO ने उल्टे एडवोकेट ही धमकाना शुरू कर दिया. AOR ने कोर्ट को बताया कि SHO ने ना सिर्फ महिला एडवोकेट से अभद्रता की बल्कि उसके साथ Serious Sexual Harassment भी किया. SHO ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और लेडी एडवोकेट को फिज़कल और मेंटल टॉर्चर किया था”.
मामले पर कल फिर होगी सुनवाई

Supreme Court ने गुरुग्राम पुलिस अधिकारियों से उनके क्लाइंट के खिलाफ दर्ज FIR की कॉपी पेश करने को कहा… इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि FIR की कॉपी मांगी गई थी लेकिन जांच अधिकारी ने उसे मुहैया नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि FIR की कॉपी कोर्ट के आदेश पर ही मिलती है. हालांकि बेंच ने इसके लिए मामले से संबंधित Chief Judicial Magistrate के सामने औपचारिक आवेदन करने को कहा है. इसके बाद FIR पेश करने के लिए कोर्ट ने मामले की सुनवाई कल यानि 6 जून के लिए लिस्ट किया है.
CBI या रिटायर्ड जज करें मामेल की जांच
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि वो एक प्रेक्टिसिंग एडवोकेट और तीस हजारी बार एसोसिएशन की कार्यकारी सदस्य हैं. साथ ही Advocate on Record ने गुरुग्राम पुलिस अधिकारियों और महिला एडवोकेट के इस मामले की किसी स्वतंत्र एजेंसी CBI, Delhi Police या रिटायर्ड जज से जांच करवाने की मांग की है. और ये मांग की है कि Gurugram Police के उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.
क्या है पूरा मामला?

21 मई को महिला एडवोकेट सेक्टर 51 के महिला थाने में अपने क्लाइंट के साथ गई थी जो अपनी पत्नी के दर्ज कराए मामले में शामिल होने आया था. जांच के बाद जब वे दोनों दिल्ली लौट रहे थे तो एडवोकेट के क्लाइंट की पत्नी ने उनकी कार रोकी और गाली-गलौज की. Lady Advocate और उसका क्लाइंट सेक्टर-50 थाने में शिकायत दर्ज करवाने पहुंचते हैं. जब लेडी एडवोकेट का क्लाइंट शिकायत लिख रहा था तो एक महिला कॉन्स्टेबल ने उसे रोकने की कोशिश की. लेकिन जब बतौर एडवोकेट महिला ने उस Lady Constable पर आपत्ति जताई तो वो उसे SHO के कमरे में ले गई. लेडी एडवोकेट ने SHO के कमरे में जाकर उन्हे पूरे मामले के बारे में बताया. लेकिन SHO ने एडवोकेट को ही धमकाना शुरू कर दिया. Lady Advocate के मुताबिक SHO ने उसे कहा “तुम अभी गुड़गांव में हो, दिल्ली में नहीं. यहां रोज 365 वकील आते हैं… मैं तुम्हें वकालत सिखाऊंगा. तुम्हें हमारी ताकत पता नहीं है. मैं जो चाहूंगा करूंगा”. आरोप है कि इसके बाद SHO ने Lady Advocate से न केवल अभद्रता की, बल्कि उसका गंभीर यौन उत्पीड़न किया. SHO ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते महिला के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से अत्याचार किया.
Gurugram Police के Lady Advocate पर आरोप
सेक्टर-50 थाने की एक लेडी हेड कॉन्स्टेबल ने अपनी शिकायत दर्ज करते हुए बताया कि 21 मई को सेक्टर 51 के महिला थाने में पति-पत्नी को झगड़े का मामला सामने आया था. जहां फिर से दोनों के बीच झगड़ा हो गया. जिसके बाद मामले की जांच अधिकारी महिला कॉन्स्टेबल दोनों को सेक्टर-50 थाने ले आई. थाने में लेडी कॉन्स्टेबल दोनों से बात ही कर रही थी कि इतने में लेडी एडवोकेट वहां पर आ गई. दोनों पक्षों में वो पति की तरफ से थी. उसने आते ही थाने के अंदर पत्नी को थप्पड़ जड़ दिया. ये देखकर लेडी कॉन्स्टेबल ने लेडी एडवोकेट को टोका तो वो भड़क गई और उसने लेडी कॉन्स्टेबल को भी थप्पड़ जड़ दिया, उसका गला पकड़ा और धक्का मारा. सारा शोर सुनकर SHO भी मौके पर पहुंचे तो महिला एडवोकेट ने उनपर भी वकील होने का रौब झाड़ा. थाना बंद कराने और SHO को उनकी नौकरी खा जाने की धमकी दी. उसने यहां तक कहा कि तुम्हारे जैसे कई पुलिसवालों को वो पहले भी कोर्ट में सबक सिखा चुकी है.
Lady Advocate के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग
गुरुग्राम सेक्टर-50 के थाने में हुए इस हाई वोलटेड ड्रामे के बाद अब जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है तो पीड़िता अपने लिए सुरक्षा की मांग की है. लेडी एडवोकेट ने गुरुग्राम पुलिस अधिकारियों की ओर से किसी भी तरीके के नए झूठे केस, उत्पीड़न और शारीरिक नुकसान की आशंका के चलते सर्वोच्च न्यायालय से तीनों FIR को एक जगह ट्रांसफर करने का आग्रह किया है. साथ ही गुरुग्राम पुलिस से अपने बचाव के लिए Delhi Police की सुरक्षा की मांग की है.

 
         
         
        