 
                  Mayawati ने किसे बताया मेंढक, आकाश आनंद की वापसी से बेचैनी क्यों बढ़ी ?
चंद्रशेखर आजाद की हालिया सियासी गतिविधियों के बीच Mayawati ने बड़ा बयान दे दिया है. मायावती ने किसी का नाम लिए बिना कुछ ऐसा कह दिया कि जिससे प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. और अब बात खुलकर अंबेडकरवादी सोच और उस सोच से जुड़ी विरासत के प्रतिनिधित्व के सवाल पर आ गई है.
Mayawati के बैक-टू-बैक बड़े हमले
मायावती ने सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट कर कहा है कि “कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि पार्टियों के सहारे व इशारे पर चलकर बहुजनों की एकता व बीएसपी को कमजोर करने वाले बरसाती मेंढकों की तरह के संगठन व दलों के नेता चाहे निजी स्वार्थ में विधायक, सांसद व मंत्री क्यों ना बन जाएं इनसे समाज का कुछ भला होने वाला नहीं। लोग सावधान रहें”

आकाश आनंद की वापसी से बढ़ी बेचैनी ?
मायावती ने इशारों-इशारों में बड़ी बात कह दी है. मायावती ने X पर अपनी पोस्ट में हाल ही फिर से आकाश आनंद को BSP में दी गई बड़ी जिम्मेदारी देने की वजह बताई है. साथ ही बता दिया कि क्यों आकाश आनंद की वापसी से लोगों की बेचैनी बढ़ गई है. मायावती ने कहा है कि देश में बीएसपी बहुजन हित की एकमात्र अम्बेडकरवादी पार्टी है तथा पार्टी हित में लोगों पर कार्रवाई करने व पश्चताप करने पर उन्हें वापस लेने की परम्परा है। इसी क्रम में आकाश आनन्द के उतार-चढ़ाव व उन्हें मुख्य नेशनल कोआर्डिनेटर बनाने से बहुत से लोगों में बेचैनी स्वाभाविक है

मायावती ने अपनी दूसरी पोस्ट में कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि अब आकाश आनन्द बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी के आत्म-सम्मान के कारवाँ को आगे बढ़ाने व उनके सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी पूरी तनम्यता व जी-जान से निभाएंगे अर्थात पार्टी को अवसरवादी व स्वार्थी लोगों की कतई जरूरत नहीं।

मायावती यहीं नहीं रुकी उन्होंने X पर पोस्ट एक और बड़ा बयान दे दिया. मायावती ने कहा कि वैसे भी कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि पार्टियों के सहारे व इशारे पर चलकर बहुजनों की एकता व बीएसपी को कमजोर करने वाले बरसाती मेंढकों की तरह के संगठन व दलों के नेता चाहे निजी स्वार्थ में विधायक, सांसद व मंत्री क्यों ना बन जाएं इनसे समाज का कुछ भला होने वाला नहीं। लोग सावधान रहें।

चंद्रशेखर ने क्या कहा था ?
मायावती के तेवर तल्ख हैं और निशाने पर हैं विरोधी नेता, ऐसे में सवाल उठता है कि हाल-फिलहाल ऐसा क्या घटा कि मायावती को बरसाती मेंढकों का ज़िक्र कर लोगों को सावधान रहने की सलाह देनी पड़ी है. दरअसल हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चंद्रशेखर आजाद मुस्लिम समुदाय के एक जलसे में शामिल हुए थे, इस दौरान चंद्रशेखर ने खुलकर कहा था कि आजाद समाज पार्टी ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों और विरासत का प्रतिनिधित्व करती है. चंद्रशेखर के इस बयान के बाद सामने आई मायावती की ज़ोरदार प्रतिक्रिया किस ओर इशारा कर रही है, वो आप समझ सकते हैं.

वैसे भी यूपी की सियासत पर नज़र रखने वाले एक्सपर्ट्स का एक बड़ा वर्ग, चंद्रशेखर को आने वाले वक्त में एक बड़े दलित नेता के तौर पर देखता है. और ऐसे में BSP का सिमटता जनाधार और मायावती की तुलनात्मक सियासी सक्रियता चंद्रशेखर के दलित समाज से जुड़े जनाधार को पूरी तरह से अपने पाले में करने के सियासी लक्ष्य को मजबूत बना देती है. लेकिन जिस तरीके से मायावती ने तमाम उतार चढ़ाव के बाद आकाश आनंद को फिर से BSP की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और फिर उसके बाद मायावती का हालिया बयान ये बताने के लिए काफी है कि दलित वोटबैंक से जुड़ी यूपी की सियासत में 2027 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कई सियासी बवंडर उठेंगे.

 
         
         
         
        