
Haryana Crop Loan Recovery Controversy Solved By CM.
Haryana Crop Loan Recovery Controversy. किसानों से ब्याज की वसूली न की जाए. अब तक लिया ब्याज भी वापस करना होगा-CM
Chandigarh : Haryana के किसानों के लिए आज का दिन बेहद खास है. क्योंकि प्रदेश सरकार ने किसानों को लेकर एक बहुत बड़ा ऐलान किया है. हरियाणा की Nayab Singh Saini सरकार ने ये फैसला किया है कि अब प्रदेश के किसानों को फसली कर्जे पर ब्याज नहीं देना होगा. लंबे समय से विवादित चले आ रहे इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार ने अधिकारियों को आदेश जारी करके कह दिया है कि अब से किसी भी कीमत पर किसानों से ब्याज की वसूली ना की जाए. जबकि इससे पहले सरकार ने इसी साल के अप्रैल महीने में एक आदेश जारी करके फसली लोन का ब्याज 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया था. और जैसे ही हरियाणा सरकार का ये आदेश जारी हुआ था विपक्षी दलों ने इसे लेकर खूब हंगामा खड़ा किया था. खासकर पूर्व मुख्यमंत्री Bhupinder Singh Hooda ने जब सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए तो किसानों के हित को देखते हुए सरकार ने एक महीने के अंदर ही इस फैसले को वापस ले लिया है. हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद कोऑपरेटिव बैंक के General Manager ने भी एक आदेश जारी कर दिया है जिसमें लिखा है कि फसल के लिए लिए गए लोन पर किसी तरह का ब्याज नहीं लिया जाएगा. और जिसने अभी तक ब्याज लिया है उसे वापस करना होगा.
कहां से शुरू हुआ था विवाद?

19 अप्रैल को Haryana Cooperative Bank Head Office ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि “जिन भी लोगों ने बैंक से कर्जा लिया है उनसे अब 4% की जगह 7% ब्याज वसूल करना है. इस आदेश के बाद से हंगामा शुरू हो गया. ना सिर्फ किसान बल्कि विपक्षी दलों ने भी इसे किसान विरोधी फैसला बताया. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि “सरकार ने दावा किया था कि फसली लोन पर 4% से जायदा ब्याज नहीं लिया जाएगा तो फिर अब इसे बढ़ा कर 7% क्यों किया गया है. प्रदेश का किसान पहले ही प्राकृतिक आपदाओं से परेशान हैं. ऐसे में ब्याज की दरें बढ़ाकर किसानों पर क्यों बोझ बढ़ाया जा रहा है. सरकार को तुरंत इस फैसले को वापस लेना होगा”.

अब हरियाणा सरकार ने अपना फैसला वापस ले ही लिया है तो साथ ही नए आदेशों में ये भी कहा है कि “सभी MPAX Manager और सभी Branch Manager MPAX के किसी भी कर्जाई सदस्य से अब ब्याज नहीं लेंगे. और अगर किसी से ब्याज वसूला गया है तो उसे तुरंत वापस लौटाया जाए. सैनी सरकार के इस फैसले से किसानों के ऊपर पड़ने वाले ब्याज रूपी बोझ में वाकई कमी आएगी जिससे उनके चेहरे पर मुस्कान भी लौट आएगी.