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China- Pakistan दोनों भारत के कट्टर दुश्मन हैं। ये बात दुनिया में किसी से छिपी नहीं है। दोनों हमेशा भारत के खिलाफ साजिश रचते रहते हैं, उसे बर्बाद करने का सपना देखते रहते हैं। लेकिन आज तक इन दोनों ही मुल्कों का ये सपना पूरा नहीं हो पाया है। लाख कोशिशों के बाद भी ये भारत का बाल बांका नहीं कर पाए हैं। लिहाजा अब दोनों ने मिलकर एक नई साजिश रची है। चीन और पाकिस्तान की इस साजिश के बारे में सुनकर आपके भी कान खड़े हो जाएंगे।

बीजिंग:भारत के साथ सीमा पर मात खाने के बाद अब China-Pakistan के साथ मिलकर भारत के खिलाफ तगड़ी साजिश रच रहा है। Pakistan के डिप्टी पीएम इशाक डार की China में मौजूदगी इसी ओर इशारा कर रही है। बताया जा रहा है कि, दोनों के बीच भारत को लेकर लंबी बातचीत हुई है। जिसके बाद China ने कहा है कि, Pakistan की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। और हम Pakistan को इस मामले में पूरा समर्थन करते हैं। यानि एक तरह से China ने Pakistan के साथ खड़े होने का ऐलान कर दिया है.

चीन की सरकारी मीडिया या यू कहें चीनी सरकार के भोपूं ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि, चीन के विदेश मंंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से ये वादा किया है कि, एक सच्चे और अच्छे दोस्त के रूप में चाइना हमेशा पाकिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में उसका समर्थन करेगा । पाकिस्तान को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद करेगा। China-Pakistan को आतंकवाद से लड़ने में भी मदद की बात कह रहा है, जो हैरान करने वाला है।

क्या चीन को नहीं मालूम कि, पाकिस्तान ही आतंकियों को पालता है, उन्हें भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है। अब जो देश खुद आतंकवाद को पालता है,उसे भला आतकंवाद से लड़ने की क्या जरूरत है। कश्मीर में आज तक जो भी हुआ। उसके पीछे पाकिस्तान है क्या चीन ये नहीं जानता। कहने में गुरेज नहीं की चीन को सब पता है, लेकिन मामला भारत का है, लिहाजा किस तरह से हिंदुस्तान को परेशान रखा जाए, ये ड्रैगन की मंशा है। एक प्रकार से China-Pakistan को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए नहीं, बल्कि आतंकवाद का साथ देने के लिए समर्थन देने की बात कह रहा है।
CPEC 2.0 को पाकिस्तान ने दी सहमति
China-Pakistan ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर भी जोर दिया है। इस बैठक की खास बात ये रही कि, पाकिस्तान ने चीन CPEC 2.0 को अपनी मंजूरी दे दी है। यानि एक बार फिर China-Pakistan में भारी मात्रा में निवेश करेगा। यहां बता दें कि,CPEC के नाम पर China-Pakistan को पहले ही अपना आर्थिक गुलाम बना चुका है। विकास के नाम पर China-Pakistan को इतनी रकम दे चुका है, जिसे वो इस जीवन में तो कभी चुका ही नहीं सकता। शायद इसलिए China-Pakistan के कई बंदरगाहों पर कब्जा करके बैठा है।और चाहकर भी पाकिस्तान उससे कुछ नहीं बोल पा रहा है।
भारत को CPEC से क्यों है टेंशन?
बता दें कि, सीपीईसी के पहले प्रोजेक्ट ने ही भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी थी। इसका कारण ये है कि, चीन का ये प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरता है। जो अपने आप में टेंशन की बात है। तीन हजार किलोमीटर लंबी CPEC परियोजना चीन के BRI प्रोजक्ट का हिस्सा है। पाकिस्तान में चीन का ये प्रोजेक्ट शिनजियांग प्रांत को ग्वादर से जोड़ता है। जो भारत की सुरक्षा के लिहाज से बिल्कुल ठीक नहीं है।

हालांकि पिछले कुछ सालों से चीन के इस प्रोजेक्ट की रफ्तार थम पड़ गई है,। कारण ये है कि, Pakistan को इस प्रोजेक्ट में जो पैसा लगाना था,वो नहीं लगा पाया। आर्थिक रूप से भीखारी होने के कारण पाकिस्तान के लिए अब ये संभव भी नहीं है कि, वो चीन के इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाए।दरअसल चीन चाहता भी यही था कि, Pakistan प्रोजेक्ट में अपनी पूंजी निवेश न कर पाए। और उसका पाकिस्तान के अहम बंदरगाहों और व्यापार पर कब्जा रहे।हुआ भी बिल्कुल वैसा ही। इस प्रोजेक्ट में भारत के लिहाज से जो सबसे बड़ी चिंता है, वो है इसका पीओके से होकर गुजरना।
भारत कैसे तोड़ेगा दुश्मन का ये चक्रव्यूह?
अब आप समझ सकते हैं कि,China-Pakistan ने किस तरह मिलकर भारत के खिलाफ चक्रव्यूह तैयार किया है। अब देखना ये होगा कि, भारत कैसे अर्जुन बनकर China-Pakistan के इस चक्रव्यूह का भेदन करता है। और कैसे दुश्मन के मंसूबे को ढेर करता है।