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लालू-तेजस्वी की क्यों बढ़ गई है टेंशन?

बिहार में कांग्रेस और आरजेडी की दोस्ती काफी पुरानी है। लेकिन अब गठबंधन में रहते हुए ही दोनों दल अपनी अलग खिचड़ी पका रहे हैं।जिससे लालू और तेजस्वी की टेंशन बढ़ गई है।बाहर से तो सब ऑल गुड लग रहा है,लेकिन अंदर ऐसा लग रहा है मानो भूकंप आया हो। दरअसल बिहार का सियासी किला फतह करने के लिए राहुल गांधी जो कोशिश कर रहे हैं, उससे आरजेडी की जमीन खिसकती नजर आ रही है। राहुल गांधी दरभंगा में शिक्षा संवाद करने जा रहे हैं।जिसे लेकर बिहार में हर तरफ चर्चा हो रही है।(Bihar Assembly Election )
राहुल गांधी कर रहे हैं क्या करामात?

बता दें कि, राहुल गांधी पांच महीने में बिहार की पांच बार यात्रा कर चुके हैं। और अब वो शिक्षा संवाद करने जा रहे हैं। जाहिर है कि,इससे महागठबंधन की सबसे मजबूत पार्टी आरजेडी की चिंता बढ़ेगी। क्योंकी राहुल गांधी के इन कामों से पार्टी की पकड़ बिहार में मबजूत होगी। और वो बिहार चुनाव में आरजेडी की सोच से ज्यादा सीटों पर दावा करेगी। और अगर कांग्रेस की जमीन मजबूत हो गई,तो आरजेडी को न चाहते हुए भी उसे ज्यादा सीटें देनी होंगी। जो वो कभी नहीं चाहेगी।
इस बार अलग ही मोड में नजर आ रही कांग्रेस!
कांग्रेस बिहार चुनाव में इस बार जी-जान से लगी है। ये पहली बार है कि,कांग्रेस पूरी तरह आक्रामक रुख अख्तियार किये हुए हैं।कांग्रेस का ये रुख राष्ट्रीय जनता दल यानि आरजेडी को जरा भी रास नहीं आ रहा है।एक तरफ तो कन्हैया कुमार ने मोर्चा संभाल रखा है।रोजगार दो और पलायन रोको का नारा देकर युवाओं को साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम दो कदम और आगे निकलते हुए सूबे की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार तलाश रहे हैं। इससे कांग्रेस का जोश आप समझ सकते हैं।
RJD-CONGRESS में इतनी टेंशन क्यों?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी बिहार का दौरा कर चुके हैं। और अब राहुल गांधी आ रहे हैं। वो भी पांचवी बार। राहुल का मेन मकसद एनडीए की सरकार को टारगेट करना होगा। अब यही बात आरजेडी को खटक रही है। उसे लग रहा है कि, अगर सारा काम कांग्रेस ही करेगी। तो फिर उसके हिस्से में क्या बचेगा। ऐसे में तो सीएम की कुर्सी का दावा भी कांग्रेस ही करने लगेगी।क्योंकि अभी तक उसने इस कुर्सी के लिए तेजस्वी के नाम पर सहमति नहीं दी है।
कांग्रेस के जोश से गठबंधन में दरार?
यहां सवाल उठता है कि,क्या Bihar Assembly Election कांग्रेस के इस जोश से उसके और आरजेडी के रिश्ते में खटास आ जाएगी? क्या बिहार चुनाव आते-आते दोनों के रास्ते अगल-अलग हो जाएंगे? अगर ऐसा हुआ तो फिर बिहार की सियासत किस करवट बैठेगी? क्या एक बार फिर एनडीए बाजी मार ले जाएगी? या फिर आरजेडी अकेले ही दम पर सबको पछाड़ देगी? होगा क्या ये तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। लेकिन ये तय है कि,अगर दोनों पार्टियों के बीच दरार पड़ गई। तो इसका फायदा एनडीए को जरूर मिलेगा।
महागठबंधन में सब नहीं चल रहा ठीक!
Bihar Assembly Election से पहले कांग्रेस और आरजेडी के खिंचतान की इस खबरों ने सियासत में उबाल ला दिया है। चुनाव में पहले जहां लड़ाई एनडीए और महागठबंधन के बीच थी। अब वही लड़ाई कांग्रेस और आरजेडी के बीच चलने की बात कही जा रही है। हालांकि दोनों ही पार्टियां इसे सिरे से खारिज कर रही हैं। और दरार की बात को कोरी अफवाह बता रही है। आरजेडी का कहना है कि,कांग्रेस अपनी पार्टी का प्रचार कर रही है, और हम अपना।(Bihar Assembly Election )

लेकिन कहा गया है कि सियासत में जो खिचड़ी पकती है उसकी महक दूर तक जाती है।लिहाजा कांग्रेस और आरजेडी चाहे जो कहे,लेकिन अंदर खाने कुछ न कुछ जरूर चल रहा है। ये बात तो तय हैं। भले ही कांग्रेस और आरजेडी दोनों ही इस पर कितना ही पर्दा डालने की कोशिश क्यों न करें।

 
         
         
        