Shehbaz Sharif Roots From India – शहबाज़ शरीफ की हरकतों से क्यों झुक जाता है उसके पैतृक गांववालों का सिर? Detailed Story

Shehbaz Sharif Roots From India
Shehbaz Sharif, PM, Pakistan

Shehbaz Sharif Roots From India – पंजाब के तरनतारन में पुश्तैनी गांव| क्यों सिख कर रहे शरीफ परिवार की मजारों की सेवा?

Punjab – India Pakitan War आज भले ही दोनों देशों के ऊपर से युद्ध के बादल छट गए हों लेकिन पाकिस्तान कभी चैन से बैठने वाला नहीं है. तीन दिन के अंदर भारत की मार से घुटने पर आने वाला पाकिस्तान पहले खुद ही सीज़फायर की मांग करता है और फिर कुछ ही घंटों में उसका उल्लंघन करता है. धर्म के नाम पर बने इस ‘नापाक’ मुल्क को कुछ अजीब सी बेचैनी है. आतंकवाद का सरपरस्त ये मुल्क हर लिहाज़ से भारत की बराबरी करना चाहता है. लेकिन हकीकत क्या है उसे पिछले कुछ दिनों में समझ आ गया है. खुद पाकिस्तानी आवाम अपनी सरकार और सेना पर थू-थू कर रही है. पाकिस्तान ये भूल जाता है कि बाप, बाप होता है, और बेटा, बेटा ही रहता है. आज भले ही पाकिस्तान अपने इतिहास को भुला सकता हो लेकिन हिंदुस्तान में मौजूद उसकी जड़ें कभी भुलाई नहीं जा सकतीं. आज के इस ख़ास कॉलम में हम आपको बताने वाले हैं कि Pakistan के शरीफ भाइयों की असली जड़ें कहां से हैं.? 75 सालों से भारत को लेकर अपने मन में बैर रखने वाले Shehbaz Sharif की मिसाइलें जब भारत का रुख करती हैं तो क्यों उनके अपने पैतृक गांव वालों के सिर शर्म से झुक जाते हैं. क्यों उनके अपने पैतृक गांव के लोग दोनों भाइयों को पानी पी-पी कर कोसते हैं.?

Shehbaz Sharif Roots From India

Shehbaz Sharif Roots From India
Tarn Taran Sahib

पंजाब के तरनतारन ज़िले में एक गांव पड़ता है… नाम है जाति उमरा गांव. इस गांव में रहने वाले लोग दोनों देशों के बीच अमन चाहते हैं. उनकी मानें तो पंजाब के इसी गांव से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif और पूर्व प्रधानमंत्री Nawaz Sharif की जड़ें जुड़ी हैं. गांववाले कहते हैं अमृतसर से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर ये शरीफ भाइयों का पैतृक गांव है जो है. जाति उमरा गांव के लोग भी दोनों देशों के बीच हो रही खींचतान से खुश नहीं हैं. ये कहते हैं कि जब शरीफ परिवार से कोई प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनता है तो हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. लेकिन जब उसी परिवार के लोग कुछ गलत करते हैं या आतंकवाद का समर्थन करते हैं तो हमारा सिर शर्म से झुक जाता है. आसपास के लोग हमसे तरह-तरह के सवाल करते हैं लेकिन हमारे पास कोई जवाब नहीं होता. गांव वालों की मानें तो Pakistan से भारत की तरफ जब भी हमला किया जाता है तो नुकसान यहां भी होता है. ये लोग शरीफ भाइयों से कहते हैं कि यहां भी तो आपका घर-परिवार है. अगर यहां मिसाइल दागोगे या हमला करोगे वो आपके गांव और आपके भाइयों को भी नुकसान पहुंचाएगा. इसमें आपके ही परिवारों का नुकसान होगा.

Shehbaz Sharif के दादा परदादा करते थे हकीमी

Shehbaz Sharif Roots From India
Nawaz Sharif & Shehbaz Sharif

जाति उमरा गांव के लोग बताते हैं कि शरीफ बंधुओं के खून में पहले खूब शराफत हुआ करती थी… इनके दादा परदादा अखंड भारत में हकीमी की काम किया करते थे. और गांव के हर सुख दुख में बराबर के भागीदार हुआ करते थे. इसीलिए उनके पुश्तैनी घर को गुरुद्वारे में तब्दील कर दिया गया है. इसी गांव से जुड़ा शरीफ परिवार दशकों से पाकिस्तान की सियासत पर हुकूमत कर रहा है. इस तस्वीर में मौजूद विशाल गुरुद्वारा, ये कभी Shehbaz Sharif और Nawaz Sharif के पिता मियां मुहम्मद शरीफ का पुश्तैनी घर हुआ करता था. ग्रामवासी बताते हैं कि ये ज़मीन भले ही शरीफ परिवार की पुश्तैनी ज़मीन रही है लेकिन अब तक इस पर जो भी कंस्ट्रक्शन हुआ है वो गांव वालों के चंदे से करवाया गया है. गांवालों के मुताबिक साल 1976 से पहले तक यहां शरीफ परिवार की हवेली हुआ करती थी. लेकिन बाद में नवाज शरीफ के भाई अब्बास शरीफ ने इसे गांव को दान कर दिया. क्योंकि जब 1976 में अब्बास शरीफ गांव आए तो हवेली को जर्जर हालत में देख कर दुखी हो गए. हवेली की देखभाल तक करने वाला कोई नहीं था. इसी वजह से अब्बास ने हवेली गांव को दान कर दी. अब्बास शरीफ पेशे से एक बिजनसमैन थे और अक्सर अपने पैतृक गांव आया करते थे. मगर अब वो इस दुनिया में नहीं है. 2013 में उनका निधन हो गया था. उनकी हवेली के बगल में पहले एक छोटा सा गुरुद्वारा था. शरीफ परिवार की जमीन मिलने के बाद गांव वालों ने गुरुद्वारे का विस्तार कर दिया और गांव के चंदे से ही इस विशाल गुरुद्वारे का निर्माण करवा दिया.

शरीफ के पूर्वजों की मजारों की देखभाल करते हैं सिख गांववाले

नवाज शरीफ की पुश्तैनी हवेली भले ही विशाल गुरुद्वारे में तब्दील हो गई हो लेकिन उनके पूर्वजों की मजारें आज भी पहले की तरह साफ और सुरक्षित हैं. गांव के लोग समय-समय पर उनकी मरम्मत तो करते ही हैं साथ में उस परिवार की हर याद को संभाल कर रखते हैं. गांववालों की मानें तो शरीफ परिवार को अपने पैतृक गांव से इतना लगाव था कि बंटवारे के बाद उन्होंने पाकिस्तान की इकबाल तहसील में इसी नाम से एक और गांव बसा लिया और अब वहीं से अपना साम्राज्य चला रहे हैं. गांव के लोग कहते हैं कि नवाज शरीफ ने इस गांव को बहुत कुछ दिया है. उनके कहने पर ही साल 2013 में यहां स्टेडियम का निर्माण करवाया गया था. उनके कहने पर ही गांव को हर तरह की सुविधाएं दी गई हैं.

नवाज़ और Shehbaz Sharif को उनके गांववालों की सलाह

Shehbaz Sharif Roots From India
शहबाज़ शरीफ के पैतृक गांव के लोग

जाति उमरा गांव के लोग कहते हैं कि “हमें शरीफ परिवार से काफी उम्मीदें हैं. दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बने रहने चाहिए ताकि दोनों देशों में अमन हो, खुशहाली आए और व्यापार बढ़े. नवाज़ या शहबाज़ शरीफ जब कोई अच्छा काम करते हैं तो हमें गर्व होता है. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए हमें काफी दुख होता है. जब भी कुछ गलत होता है तो लोग हमसे सवाल करते हैं कि आपके गांव का प्रधानमंत्री कुछ करता क्यों नहीं? तब हमें शरीफ परिवार पर गुस्सा आता है. हमें शर्म महसूस होती है… लोग हमें ऐसे देखते हैं जैसे हमारे गांव के किसी लड़के ने आतंकवाद किया हो या उसका सपोर्ट किया हो. नवाज़ शरीफ की बेटी CM बनीं और Shehbaz Sharif PM बने तो हमारे गांव का मान काफी बढ़ा. लेकिन इन दिनों हमारी गर्दनें झुकी रहती हैं. हम ये संदेश देना चाहते हैं कि दोनों देशों में पंजाब हैं और पंजाबी भी हैं. जंग से बर्बादी दोनों तरफ होती है. इस समस्या का हल निकालें और जड़ से इसे खत्म. हमारा खून एक जैसा है… दुख होता है जब सीज़फायर के उल्लंघन की खबरें सुनते हैं. खबर चाहे झूठी हो या सच्ची… शुरू सब कुछ पाकिस्तान से होता है खत्म हिंदुस्तान में होता है. शरीफ परिवार ये समझे कि हम एक ही परिवार हैं. हमारी बोली एक है, हमारा खून एक है… बस थोड़ा प्यार और बढ़ाना है”.

शरीफ परिवार आतंक का समर्थक है तो उसे भी सज़ा मिले

Shehbaz Sharif Roots From India
Shehbaz Sharif In Tarn Taran, Punjab

आपको बता दें 2022 में जब Shehbaz Sharif के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद दिखी थी तो जाति उमरा गांव के लोगों ने इसी गुरुद्वारे में उनके लिए अरदास की थी… ये दिखाता है कि गांव के लोग आज भी शरीफ परिवार को अपने गांव का हिस्सा मानते हैं. गांववालों ने आज भी मानवीय रिश्तों को संजो कर रखा है लेकिन क्या शहबाज़ शरीफ इस बात को मानते हैं.? अगर मानते होते तो हर बार इस तरह की नापाक हरकतें ना करते. शरीफ परिवार आतंक का समर्थक है ये बात सुनकर गांव के लोगों को बेहद तकलीफ होती है. जाति उमरा गांव में शरीफ परिवार इकलौता मुस्लिम परिवार था. शरीफ भाइयों के उनके पिता अक्सर ये कहते थे कि उनके परिवार की तरक्की इसी गांव से जुड़ी हुई थी. यहां के लोगों के आशीर्वाद से ही शरीफ परिवार इतना आगे बढ़ा और तरक्की कर सका. इसी बात को मानते हुए दिसंबर 2013 में पाकिस्तान वाले पंजाब के मुख्यमंत्री रहते हुए Shehbaz Sharif भारत आए भी थे. तब उन्होंने गांव में अपने परदादा मियां मुहम्मद बख्श की कब्र पर जाकर चादर चढ़ाई थी. उस वक्त को याद करते हुए गांववाले बताते हैं कि तब हमने पूरे गांव को दुल्हन की तरह सजाया था. शहबाज शरीफ की पत्नी भी उस वक्त उनके साथ आईं थीं. दोनों ने हवेली वाली जगह देखी और परदादा की कब्र पर चादर चढ़ाई थी. वो गांव वालों के लिए तोहफे भी लाए थे. मगर अब इन लोगों को क्या हो गया है.? क्यों ये लोग आतंकवाद को बढ़ावा देते नहीं थकते. इस पीड़ा को देखते हुए गांवाले कहते हैं कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों को सजा मिलनी ही चाहिए… भले ही वो शरीफ खानदान से ताल्लुक रखता हो. अगर वो भी गलत करेंगे तो सज़ा उन्हे भी मिलनी ही चाहिए. फिर भी गांव वालों को उम्मीद है कि शरीफ परिवार का ये जुड़ाव भारत-पाक रिश्तों को सुधारने में मदद करेगा और दोनों देशों में खुशहाली लेकर आएगा.