Epstein Files से कई नामचीन शख्सियत हो रही बेनकाब
दुनिया के सबसे चर्चित और विवादित मामलों में शामिल ‘एपस्टीन फाइल्स’ (Epstein Files) एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में हैं। अमेरिकी अरबपति जेफ्री एपस्टीन (Jeffrey Epstein) से जुड़े करीब 3 लाख कानूनी दस्तावेजों के सार्वजनिक होने के बाद ये मामला राजनीति, बिजनेस और ग्लैमर वर्ल्ड तक फैल गया है। इन दस्तावेजों में कई पूर्व राष्ट्राध्यक्षों, अरबपतियों और नामचीन हस्तियों के नाम सामने आए हैं।
Epstein Files क्या हैं ?
‘एपस्टीन फाइल्स’ दरअसल जेफ्री एपस्टीन से जुड़े कोर्ट रिकॉर्ड, जांच दस्तावेज, फ्लाइट लॉग्स, ईमेल, तस्वीरें और गवाहियों का संग्रह है। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) ने इन्हें अलग-अलग चरणों में सार्वजनिक किया। इन दस्तावेजों से ये सामने आया कि वर्षों तक नाबालिग लड़कियों का शोषण किया गया और एक संगठित नेटवर्क के तहत उन्हें अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया।
एक शिकायत से कैसे खुली पूरी कहानी ?
इस हाई-प्रोफाइल मामले की शुरुआत 2005 में फ्लोरिडा से हुई, जब एक 14 साल की नाबालिग की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोप था कि उसकी बेटी को मसाज के बहाने जेफ्री एपस्टीन के घर बुलाया गया, जहां उसके साथ गलत व्यवहार करने का दबाव बनाया गया। जांच आगे बढ़ी तो दर्जनों पीड़ित सामने आए और एपस्टीन के मैनहटन, पाम बीच और ‘लिटिल सेंट जेम्स’ नामक निजी द्वीप पर होने वाली गतिविधियों की जानकारी मिली।

प्राइवेट आइलैंड और रसूख का खेल
एपस्टीन का निजी द्वीप, जिसे आमतौर पर ‘एपस्टीन आइलैंड’ कहा जाता है, केवल प्राइवेट जेट या नाव से ही पहुंचा जा सकता था। आरोप है कि यहां हाई-प्रोफाइल पार्टियों के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां भी होती थीं।
एपस्टीन का प्रभाव इतना अधिक था कि शुरुआती वर्षों में उसे कड़ी सजा से राहत मिलती रही। बाद में बढ़ते दबाव और नई गवाहियों के कारण 2019 में उसे फिर गिरफ्तार किया गया।
गिस्लीन मैक्सवेल की भूमिका
जांच में सामने आया कि एपस्टीन की करीबी सहयोगी गिस्लीन मैक्सवेल (Ghislaine Maxwel) लड़कियों को बहला-फुसलाकर लाने में अहम भूमिका निभाती थी। उसे 2020 में गिरफ्तार किया गया और बाद में 20 साल की सजा सुनाई गई।

क्या नाम आने से कोई अपराधी हो जाता है?
ये समझना जरूरी है कि एपस्टीन फाइल्स में नाम आना किसी को स्वतः अपराधी साबित नहीं करता। अमेरिकी अदालतों के अनुसार, दोष सिद्ध करने के लिए ठोस सबूत, गवाही और कानूनी प्रक्रिया जरूरी होती है। कई मशहूर लोगों के नाम सामने आए, लेकिन सभी को दोषी नहीं ठहराया गया।
भारत से जुड़ाव का सच
अब तक की आधिकारिक जांच में ये स्पष्ट किया गया है कि इस सेक्स स्कैंडल का भारत से कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया। अमेरिकी अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय नागरिकों या संस्थाओं की संलिप्तता के प्रमाण नहीं मिले हैं।
Epstein Files Case में अब क्या होगा?
एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत DOJ को ये बताना होगा कि कौन-से दस्तावेज सार्वजनिक किए गए और किन्हें कानूनी कारणों से रोका गया। आने वाले समय में और खुलासे संभव हैं, जिससे इस मामले की तस्वीर और साफ हो सकती है।
एपस्टीन फाइल्स सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि ये दिखाती हैं कि पैसा, ताकत और रसूख किस तरह लंबे समय तक अपराधों को ढक सकते हैं। साथ ही ये मामला न्याय व्यवस्था, पारदर्शिता और पीड़ितों की आवाज के महत्व को भी रेखांकित करता है।
