Putin ने यूक्रेन संघर्ष पर दिए निर्णायक संकेत
ख़बर है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने एक बार फिर यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। रक्षा मंत्रालय के साथ हुई वार्षिक बैठक के दौरान पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें अपमानजनक शब्दों में संबोधित किया और कहा कि रूस अपने लक्ष्य हर हाल में पूरा करेगा।
पुतिन ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन को लेकर रूस जिन उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, उन्हें कूटनीतिक बातचीत या सैन्य ताकत, किसी भी माध्यम से हासिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिसे रूस “विशेष सैन्य अभियान” कहता है, उसके सभी लक्ष्य बिना किसी शर्त के पूरे होंगे। पुतिन ने ये भी चेतावनी दी कि यदि गंभीर और ठोस वार्ता नहीं होती है, तो रूस अपने ऐतिहासिक क्षेत्रों को युद्ध के जरिए आज़ाद कराने से पीछे नहीं हटेगा।

बाइडेन पर Putin का निशाना
अपने बयान में रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व प्रशासन ने जानबूझकर हालात को सशस्त्र संघर्ष की ओर धकेला। पुतिन के अनुसार वॉशिंगटन को ये भ्रम था कि रूस को थोड़े समय में कमजोर किया जा सकता है या पूरी तरह तोड़ा जा सकता है।
Putin का यूरोप के नेताओं पर गंभीर आरोप
यूरोपीय नेताओं पर निशाना साधते हुए पुतिन ने कहा कि उन्होंने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का बिना सोचे-समझे साथ दिया। पुतिन का आरोप है कि यूरोपीय नेताओं को ये लगा कि रूस के कमजोर होने या टूटने से उन्हें राजनीतिक और रणनीतिक लाभ मिलेगा।

इन सख्त बयानों के बीच अमेरिका की ओर से दावा किया गया है कि यूक्रेन के साथ हुई शुरुआती बातचीत में कई जटिल मुद्दों पर सहमति बन चुकी है। हालांकि, ये अब भी स्पष्ट नहीं है कि रूस अपनी प्रमुख और कठोर मांगों पर किसी तरह का समझौता करने को तैयार होगा या नहीं।
रूस लगातार ये मांग करता रहा है कि यूक्रेन को डोनबास क्षेत्र के उन हिस्सों से भी पीछे हटना होगा, जो फिलहाल उसके नियंत्रण में हैं। यूक्रेन ने इन मांगों को पूरी तरह खारिज किया है। इसके अलावा रूस ने यूक्रेनी सेना पर सीमाएं लगाने, पश्चिमी सैनिकों की तैनाती रोकने और पश्चिमी सैन्य सहायता समाप्त करने की भी मांग रखी है।
नाटो को लेकर पुतिन ने कहा कि रूस की किसी भी नाटो देश पर हमला करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने उल्टा आरोप लगाया कि नाटो वर्ष 2030 को ध्यान में रखते हुए रूस के खिलाफ संभावित सैन्य टकराव की तैयारी कर रहा है।
