Anmol Bishnoi को लेकर गृह मंत्रालय का बड़ा आदेश
गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई (Anmol Bishnoi) से जुड़े मामलों में लगातार बढ़ते सुरक्षा खतरे और संवेदनशीलता को देखते हुए गृह मंत्रालय (MHA) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय जारी किया है। BNSS की धारा 303 के तहत केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि एक साल तक देश की कोई भी पुलिस या जांच एजेंसी अनमोल बिश्नोई को जेल से बाहर कस्टडी में नहीं ले सकेगी। किसी भी एजेंसी को उससे पूछताछ करनी हो तो वो केवल दिल्ली की तिहाड़ जेल में जाकर ही कर सकेगी। ये फैसला सुरक्षा कारणों, गैंगवार की आशंका और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिया गया है।
BNSS धारा 303 क्या है?
BNSS (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita) की धारा 303 सरकार को ये अधिकार देती है कि वो किसी विशेष बंदी को उसकी जेल से बाहर न ले जाने का निर्देश जारी कर सकती है।
ये आदेश उन मामलों में लागू किया जाता है जहां:
- सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा हो
- किसी गैंग या बाहरी तत्व द्वारा हमले की आशंका हो
- आरोपी को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना जोखिमपूर्ण माना जाए
इसी तरह का आदेश पहले उसके बड़े भाई लॉरेंस बिश्नोई पर भी लगाया गया था, जो साबरमती जेल में बंद है।
NIA की कार्रवाई, Anmol Bishnoi और कोर्ट की प्रक्रिया
अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने के बाद NIA ने उसे हिरासत में लिया।
- पहली पेशी के बाद उसे11 दिन की कस्टडी मिली
- बाद में पूछताछ के लिए7 दिन की अतिरिक्त रिमांड
- इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने उसेन्यायिक हिरासत में भेज दिया
पिछली पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जिससे सुरक्षा जोखिमों से बचा जा सके।

Anmol Bishnoi पर गंभीर आरोप
अनमोल कई हाई-प्रोफाइल मामलों का मुख्य आरोपी है, जिनमें शामिल हैं—
- NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश
- सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में लिंक
- सलमान खान के घर फायरिंग की योजना
- विदेश से गैंग के संचालन और फंडिंग की भूमिका
जांच एजेंसियों के अनुसार वो अमेरिका में बैठकर अपने गैंग को ऑपरेट करता था और कई राज्यों में उसके खिलाफ संगीन मामले दर्ज हैं।
फरारी से गिरफ्तारी तक की कहानी
अनमोल 2022 से फरार था और लगातार विदेशों में ठिकाने बदलकर गैंग चलाता रहा। अमेरिकी अधिकारियों ने उसे फर्जी कागज़ों के आधार पर अवैध रूप से रहने के आरोप में पकड़ा। इसके बाद उसे भारत को सौंपा गया, जहां पहुंचते ही NIA ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
लॉरेंस बिश्नोई जैसा ही मामला
लॉरेंस बिश्नोई पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील आरोपी माना जाता है और उस पर भी BNSS सेक्शन 303 लागू है। अब उसी तरह का आदेश अनमोल पर लागू कर दिया गया है। दोनों भाइयों का नेटवर्क देशभर में सक्रिय रहा है, जिसके चलते एजेंसियां इसकी जड़ों तक पहुंचने में जुटी हैं।
