Bihar Election 2025 को लेकर Sigma Gang रच रहा था बड़ी साज़िश
बिहार चुनाव (Bihar Election) से पहले राज्य की कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश कर रहे कुख्यात अपराधी रंजन पाठक (Ranjan Pathak) और उसके गैंग (Sigma Gang) का अंत हो गया है। दिल्ली (Delhi) के रोहिणी इलाके (Rohini Area)में हुई संयुक्त कार्रवाई में दिल्ली (Delhi) और बिहार पुलिस (Bihar Police)ने मिलकर रंजन पाठक (Ranjan Pathak) समेत उसके चार साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया। बिहार पुलिस के डीजीपी ने खुलासा किया कि ये गैंग आगामी चुनावों में दहशत फैलाने की साजिश रच रहा था।
बिहार चुनाव में हिंसा फैलाने की थी योजना
डीजीपी बिहार के अनुसार, रंजन पाठक और उसका गिरोह ‘सिग्मा एंड कंपनी’ (Sigma Gang & Company) के नाम से काम करता था और पिछले छह वर्षों में सीतामढ़ी समेत बिहार के कई जिलों में हत्याओं और फिरौती की वारदातों को अंजाम दे चुका था। ये गैंग लगातार पांच बड़े हत्याकांड कर चुका था, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ था।
हाल ही में इस गैंग ने ब्रह्मर्षि समाज के जिला अध्यक्ष गणेश शर्मा की हत्या कर दी थी, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया था। इसी घटना के बाद से बिहार पुलिस की नजर इस गिरोह पर और पैनी हो गई थी।
दिल्ली में छिपे थे अपराधी, पुलिस ने रचा ऑपरेशन
बिहार पुलिस को इनपुट मिला था कि ये गैंग अपराध के बाद दिल्ली में छिप जाता है। इस जानकारी के आधार पर बिहार पुलिस ने दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच से संपर्क किया और एक संयुक्त ऑपरेशन की योजना बनाई गई। इसके बाद 22 और 23 अक्टूबर की दरमियानी रात करीब 2:20 बजे दिल्ली के रोहिणी इलाके में पुलिस ने घेराबंदी शुरू की।

बहादुर शाह मार्ग से लेकर डॉ. अंबेडकर चौक और फिर पंसाली चौक तक पुलिस और बदमाशों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। गोलीबारी के दौरान चारों बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत डॉ. बीएसए अस्पताल, रोहिणी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के चार जवान भी घायल, बुलेटप्रूफ जैकेट ने बचाई जान
एनकाउंटर के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की। गोलीबारी में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अरविंद, सब-इंस्पेक्टर मनीष, सब-इंस्पेक्टर नवीन और एक अन्य जवान की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोलियां लगीं। सौभाग्य से सभी पुलिसकर्मी सुरक्षित हैं।
डीजीपी ने कही बड़ी बात
बिहार के डीजीपी ने बताया कि रंजन पाठक और उसका गैंग बिहार चुनाव में माहौल खराब करने की फिराक में था। उन्होंने कहा,
“हमें पुख्ता जानकारी मिली थी कि रंजन पाठक बिहार में अपराध करने के बाद दिल्ली में शरण लेता है। इसी इनपुट पर दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर ये कार्रवाई की गई। ये गैंग लंबे समय से बिहार पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ था।”
रंजन पाठक और उसके गैंग का सफाया न सिर्फ बिहार पुलिस के लिए राहत की खबर है, बल्कि चुनाव से पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ी सफलता भी है। ये एनकाउंटर इस बात का संकेत है कि अब अपराधी चाहे जहां छिप जाएं, बिहार और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से बच पाना आसान नहीं होगा।
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