“Vikrant ऐसा नाम है जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन का मनोबल तोड़ देता है”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष दिवाली का पर्व समुद्र के बीच स्थित भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant)पर नौसेना के जवानों के साथ मनाया। ये क्षण सिर्फ एक उत्सव नहीं था, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति, आत्मनिर्भरता और देशभक्ति का प्रतीक बन गया।
‘विक्रांत‘ नाम से कांप उठा था पाकिस्तान
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले ही जब भारत ने आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया था, तब पाकिस्तान में दहशत की लहर दौड़ गई थी। उन्होंने कहा, “विक्रांत ऐसा नाम है जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन का मनोबल तोड़ देता है।”
गहरे समंदर में विशेष दिवाली
प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने आईएनएस विक्रांत पर रात बिताई और जवानों के साथ समय गुजारा। उन्होंने कहा, “मैं कल से आपके बीच हूं और हर पल कुछ न कुछ नया सीखा है। आपके समर्पण को मैं महसूस कर पाया, भले ही उसे जी न सका।”
उन्होंने रात के अंधेरे समुद्र और सुबह के सूरज के दर्शन को एक अविस्मरणीय अनुभव बताया।
INS Vikrant – आत्मनिर्भर भारत की मिसाल
प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत को ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ का सशक्त उदाहरण बताया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब विक्रांत नौसेना में शामिल हुआ था, उसी दिन भारतीय नौसेना ने ब्रिटिश कालीन प्रतीक चिन्ह को त्याग कर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से नया ध्वज अपनाया।

तेज़ी से बढ़ रही भारत की रक्षा शक्ति
पीएम मोदी ने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत का रक्षा उत्पादन तीन गुना से ज़्यादा बढ़ा है। उन्होंने बताया कि हर 40 दिन में एक युद्धपोत या पनडुब्बी भारतीय नौसेना में शामिल हो रही है।

उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में भारत दुनिया के प्रमुख रक्षा निर्यातकों में शामिल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के कई देश भारत की ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहते हैं।

जवानों का समर्पण – राष्ट्र की असली ताकत
प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना के जवानों के समर्पण को सराहा और कहा कि उनका देशप्रेम और त्याग देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप्स की भूमिका पर भी ज़ोर दिया और कहा कि भारत की स्वदेशी रक्षा कंपनियाँ और नवाचार देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

INS Vikrant, भारत की ताकत का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आईएनएस विक्रांत पर दिवाली मनाना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि देश के सैनिकों के प्रति एक सम्मान और विश्वास का प्रतीक था। यह संदेश था कि भारत न सिर्फ सैन्य दृष्टि से सशक्त हो रहा है, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी तेज़ी से अग्रसर है।



