 
                  Trump का एक और गड़बड़ बयान से आया भूचाल !
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने भारत और पाकिस्तान को लेकर ऐसा बयान दे दिया, जिससे न सिर्फ सोशल मीडिया पर हलचल मच गई, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि भारत में हर साल नया प्रधानमंत्री आता है। हालांकि हकीकत इससे ठीक उलट है।
क्या कहा Trump ने?
व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “मोदी एक महान व्यक्तित्व हैं। वो मुझसे प्यार करते हैं, लेकिन इस शब्द को गलत न समझें, मैं उनका राजनीतिक करियर बर्बाद नहीं करना चाहता।” इसके बाद उन्होंने कहा, “मैंने भारत को सालों से देखा है। ये एक अद्भुत देश है और हर साल नया नेतृत्व आता रहता है।”

ट्रंप की यही टिप्पणी सोशल मीडिया यूज़र्स के निशाने पर आ गई। लोगों ने तुरंत ये समझ लिया कि ट्रंप असल में भारत नहीं, पाकिस्तान की बात कर रहे थे।
असलियत क्या है? भारत या पाकिस्तान?
डोनाल्ड ट्रंप के बयान की सच्चाई जब सामने आई, तो साफ हुआ कि वे पाकिस्तान को भारत समझ बैठे, दरअसल
- भारत में 2014 से लेकर अब तक नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। उनसे पहले मनमोहन सिंह ने 10 साल (2004-2014) देश का नेतृत्व किया था।
- पाकिस्तान में 1947 से अब तक 29 प्रधानमंत्री बदल चुके हैं और कोई भी अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। वहां अक्सर सरकारें तख्तापलट, भ्रष्टाचार के आरोपों, अविश्वास प्रस्ताव या राजनीतिक अस्थिरता के चलते गिरती रही हैं।
इसलिए ट्रंप का ये बयान पाकिस्तान के संदर्भ में सही बैठता है, लेकिन उन्होंने गलती से भारत का नाम ले लिया।
Trump की ग़लतियों की फेहरिस्त लंबी है
ये पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप दो देशों के नामों को लेकर भ्रम में पड़े हों। इससे पहले भी वे कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं:

- आर्मेनिया और अजरबैजान के युद्ध की बात करते हुए उन्होंने गलती से अल्बानिया और अजरबैजान कह दिया था।
- एक मीटिंग में उन्होंने कंबोडिया और आर्मेनिया के बीच युद्ध समाप्त कराने का दावा कर डाला, जबकि इन दोनों देशों के बीच कोई युद्ध हुआ ही नहीं है।
मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
डोनाल्ड ट्रंप की उम्र 79 वर्ष है और लगातार उनकी स्मरण शक्ति व व्यवहार को लेकर विशेषज्ञ चिंतित हैं। हाल ही में एक पॉडकास्ट में साइकॉलजिस्ट डॉ. जॉन गार्टनर ने ट्रंप की मोटर स्किल्स में गिरावट का ज़िक्र किया और इसे डिमेंशिया का संभावित लक्षण बताया। हालांकि व्हाइट हाउस की ओर से इन दावों को खारिज करते हुए कहा गया कि ट्रंप को “मेमोरी लॉस” जैसी कोई समस्या नहीं है।

डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने एक बार फिर ये साबित कर दिया कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले नेताओं की बातों का हर शब्द महत्त्वपूर्ण होता है। भारत जैसे बड़े लोकतंत्र के बारे में गलत जानकारी देना न सिर्फ कूटनीतिक रूप से संवेदनशील है, बल्कि ये सवाल भी खड़ा करता है कि क्या ऐसे नेता वैश्विक राजनीति में विश्वसनीयता बनाए रख सकते हैं?

 
         
         
         
        
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