Bihar Election : जमीन घोटाला लालू के परिवार की बन गया है फांस।
बिहार में इस साल विधानसभा (Assembly Election) चुनाव होने हैं….लेकिन लालू परिवार के लिए बुरी खबर है। Land for job मामले में बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें काफी बढ गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने, ज़मीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले से जुड़े, Money laundering case में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ Case चलाने की मंजूरी दे दी है । Bihar Election से पहले ये लालू परिवार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
NDA दे सकता है मामले को तूल

Bihar Election से पहले NDA इसे मुद्दे बना सकता है..जिसके बाद ये सवाल उठने लगे हैं कि,इस फैसले का Bihar election और लालू परिवार के सियासी भविष्य पर क्या असर होगा..क्या ये फैसला आने वाले दिनों में लालू परिवार को किसी बड़ी मुसीबत में डाल देगा? जिसका बिहार की सियासत पर बहुत गहरा असर होगा? इसमें दो राय नहीं है कि,NDA इस मुद्दे को Bihar Election में तूल जरूर देगा..और इसे अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएगा। लिहाजा लालू परिवार की टेंशन इस बात को लेकर जरूर बढ़ गई होगी।
चुनाव से पहले बिहार में बड़ा खेला!

सवाल उठता है कि, Bihar Election से पहले क्या बड़ा खेला होने वाला है? बताएंगे आपको, लेकिन पहले उस जमीन घोटाले के बारे में बता देते हैं, जिसका फंदा लालू परिवार पर कस रहा है। RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक UPA- 1 सरकार में रेल मंत्री थे..जिसकी अगुवाई मनमोहन सिंह कर रहे थे..उस समय जब रेलवे में Group D की भर्तियां निकली थीं। इन भर्तियों में धांधली का आरोप लालू यादव पर लगा है।

आरोप है कि, लालू ने नौकरी देने के बदले लोगों से घूस के तौर में जमीन ली..साथ ही यह भी आरोप है कि, रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने बिना विज्ञापन जारी किए रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की। ED की चार्जशीट के मुताबिक, लालू परिवार को 7 जगहों पर जमीन मिली है। ये पूरा मामला 600 crore रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का है। यह पूरा घोटाला रेलवे की भर्ती से जुड़ा हुआ है। ED ने यह मामला PMLA यानि Prevention of Money Laundering Act 2002 के प्रावधानों के तहत 8 जनवरी 2024 को दायर की।
*CBI के मामले में तेजस्वी भी आरोपी

CBI ने इस मामले में लालू और उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर भी केस दर्ज किया है..CBI का कहना है कि ‘लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए जिन लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाई, उनसे रिश्वत के तौर पर जमीनें लीं’। ये जमीनें परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर हैं। लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी, बेटी मीसा, बेटे तेजस्वी समेत अपने परिवार के कई लोगों के नाम पर ये प्लॉट लिए।नौकरी देने के बदले लालू ने 12 लोगों से 7 प्लॉट सस्ते में या बिना कुछ पैसे दिए ही हासिल कर लिए।

लालू पर आरोप है कि उन्होंने इस घोटाले में सिर्फ बिहार के लोगों को नौकरी दी और करीब 4 करोड़ की जमीन को सिर्फ 26 लाख रुपये में अपने नाम पर करवा ली। इस मामले में लालू के परिवार के कुल 5 सदस्यों को आरोपी बनाया गया है। इनमें लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव शामिल हैं..ये जमीनें उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं।
बदल सकता है विधानसभा चुनाव का समीकरण

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने Indian Judicial Code 2023 की धारा 218 के तहत केस चलाने की मंजूरी दी है..जिसके बाद बिहार के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा सबसे ज्यादा है कि, आगामी Bihar Election2025 पर इसका कितना असर होगा..सियासी पंडित भी इस फैसले को बेहद गंभीरता से देख रहे हैं।चुनाव सिर पर है, ऐसे में अगर आने वाले दिनों में लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद या उनके परिवार के किसी सद्सय की मुशिकलें बढ़ती हैं, या फिर गिरफ्तारी की तलवार लटकती है तो इससे बिहार चुनाव का पूरा समीकरण ही बदल जाएगा
बिहार की जनता में जाएगा गलत संदेश!

लोगों में ये संदेश जाएगा कि सिर्फ लालू ही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार ही भ्रष्टाचार में लिप्त है, क्योंकि लालू चारा घोटाले में दोषी करार हो चुके हैं, जेल जा चुके हैं, ऐसे में इस बार उनके लिए या आरजेडी के लिए पार्टी को डिफेंड करना आसान नहीं होगा..क्योंकि दूसरी ओर सीएम नीतीश, बीजेपी और पूरा एनडीए Bihar election में इसको मुद्दा बनाएगा..और Election campaign में इस बात की चर्चा सबसे ज्यादा होगी।
तेजस्वी की छवि पर लग जाएगा दाग?
Bihar election में ये चर्चा निश्चित तौर पर लालू के लिए संकट का दौर होगा, वहीं उनके बेटे Tejashwi Yadav भी लोगों के निशाने पर आ सकते हैं। जिस तेजस्वी यादव की पहचान एक यूथ लीडर के तौर पर है, उस छवि पर दाग लग सकता है..वहीं Congress भी इस मौके को आपदा में अवसर के रुप में देखेगी, और चुनाव में सीट शेयरिंग पर अपनी मांग को बढ़ा सकती है।
RJD को होगा बड़ा नुकसान

कुल मिलाकर ये RJD के लिए किसी सदमे से कम नहीं होगा, अगर लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद या उनके परिवार के लोग दोषी पाए जाते हैं.. तो बिहार का पूरा सियासी समीकरण ही बदल जाएगा..और प्रदेश की सियासत एक ऐसी करवट लेगी जिसका असर लंबे समय तक देखने को मिल सकता है..क्योंकि यही मामला बिहार में तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के सियासी भविष्य की राह दिखाएगा।
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