 
                  Mobikwik App में ग्लिच से 40 करोड़ का घोटाला… हरियाणा के नूंह में रातोंरात लखपति बने लोग. कंपनी ने चलाया रिकवरी अभियान, 6 लोग गिरफ्तार
Gurugram : गुरुग्राम स्थित डिजिटल पेमेंट कंपनी Mobikwik के खाते से कुछ यूजर्स ने अवैध तरीके से करोड़ों रुपये उड़ा लिए और कंपनी सोती रह गई. दो दिन बाद जह कंपनी की नींद खुली तब तक 40 करोड़ का घोटाला हो चुका था. जानकारी के अनुसार Software Update के दौरान हुई तकनीकी गड़बड़ी से सिक्योरिटी चेक डिसेबल हो गया, जिसका फायदा उठाकर हरियाणा के Nuh, Palwal, Gurugram के कई लोग रातोंरात लखपति बन गए. Mobikwik Company ने अब रिकवरी कैंप लगाकर पैसे वापस लेने का मौका दिया है और जो पैसा वापस नहीं करेगा उसके ऊपर FIR दर्ज की जाएगी.
दो दिन में लखपति बने यूजर

ये घटना 11-12 सितंबर को हुई थी जिसके लगभग 48 घंटों बाद कंपनी ने अब तक 14 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए हैं. कंपनी की शिकायत पर गुरुग्राम सेक्टर-53 पुलिस ने नूंह के 5 और पलवल के 1 व्यक्ति को गिरफ्तार किया है… ये सभी Mobikwik App Users हैं. पुलिस ने करीब 2500 खाते फ्रीज कर दिए हैं, जिनमें 8 करोड़ रुपये जमा हैं. ज्यादातर प्रभावित खाते व्यापारियों और दुकानदारों के हैं.
लघु सचिवालय में लगाया रिकवरी कैंप
सबसे ज्यादा नुकसान Nuh जिले को हुआ जहां 30 Cr. रुपये निकाले गए. नूंह को Cyber Fraud Hotspot के रूप में जाना जाता है जो झारखंड के जामताड़ा जैसा है. Mobikwik Company ने नूंह के लघु सचिवालय के Room Number 428 में 23 सितंबर तक रिकवरी कैंप लगाया है… Nuh Police ने भी अपील की है कि 11-12 सितंबर को प्राप्त अस्पष्ट ट्रांजेक्शन वाले लोग SP Office आकर रिपोर्ट करें.
कब और कैसे हुई गड़बड़ी?

शुरुआती जांच में पता चला कि Software Update के दौरान गलती हुई जिससे 3 Level Security Check Disable हो गए थे. अपडेट Annual Meeting और Audit के लिए रात में किया जा रहा था.
ऐसे हुआ कंपनी को नुकसान
वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस न होने पर भी ट्रांसफर हो रहा था.
गलत यूपीआई पिन डालने पर भी ट्रांजेक्शन सफल दिख रहा था
असफल ट्रांजेक्शन सफल के रूप में रिकॉर्ड हो रहे थे.
यह टेक्निल ग्लिच 11-12 सितंबर को एक्टिव रहा जिसमें 5 लाख से ज्यादा Unauthorized UPI Transactions हुए… 12 सितंबर को Internal Audit में हरियाणा के सीमित क्षेत्र में असामान्य ट्रांजेक्शन पकड़े गए. कंपनी ने तुरंत सिस्टम ठीक किया और 13 सितंबर को Gurugram Police में शिकायत दर्ज कराई.
साइबर फ्रॉड का अंदेशा
Gurugram के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार Cyber Fraud या कंपनी कर्मचारियों के मिलीभगत की जांच हो रही है… नूंह में 80% दुकानदार मोबिक्विक यूजर्स हैं, जो इसे संभव बनाता है. नूंह के 6000 खाते संदेह के दायरे में हैं. अगर कोई कर्मचारी शामिल पाया गया तो सख्ती से Action होगी.
अब तक हुई 6 गिरफ्तारियां

Gurugram Police प्रवक्ता अशोक कुमार के अनुसार अब तक इस मामले में कुल 6 गिरफ्तारियां की गई हैं जिनमें 5 आरोपी नूंह जिले से हैं और 1 पलवल से. पकड़े गए लोगों के खातों में 9 लाख रुपये मिले हैं इसके बाद आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया… उनका नाम इस तरह हैं…
- नूंह के रेवासन गांव का रेहान.
- कामेड़ा गांव के वकार यूनुस, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद अंसार.
- नूंह के मरोड़ा गांव का वसीम अकरम.
- पलवल के उटावड़ का मोहम्मद शकील.
स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी
Mobikwik Company ने स्टॉक एक्सचेंज को 7 बिंदुओं में स्पष्ट किया… सामने आई जानकारी के अनुसार 16 सितंबर को Company Secretary Ankita Sharma ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी…
फ्रॉड का स्वरूप – हरियाणा के कुछ रजिस्टर्ड मर्चेंट और यूजर्स ने मिलकर धोखाधड़ी की.
कंपनी पर प्रभाव – कानूनी कार्रवाई जारी, रिकवरी का प्रयास भी जारी.
कब हुई घटना – अनुमानित 11-12 सितंबर.
कौन-कौन शामिल – हरियाणा के चुनिंदा इलाकों के व्यापारी/यूजर. कोई कर्मचारी या KMP नहीं.
रकम – 40 करोड़ पर FIR. 14 करोड़ रिकवर, नेट लॉस 26 करोड़.
धोखाधड़ी/गिरफ्तारी – FIR दर्ज की गई और 6 गिरफ्तारियां हुईं.
सुधारात्मक कदम – बैंक खातों पर डेबिट फ्रीज और लियन मार्क, ग्राहकों से रिकवरी.
सेबी को जानकारी, गिरे कंपनी शेयर

Mobikwik Company ने सेबी को भी स्थिति स्पष्ट की और दावा किया कि कोई कर्मचारी मिलीभगत में शामिल नहीं है… 17 सितंबर को मोबिक्विक के शेयर 2.4% गिरकर 303.90 रुपये पर बंद हुए. यह निवेशकों में चिंता का संकेत है. यह घटना Digital Payment System की कमजोरियों को उजागर करती है, जहां UPI ने अगस्त 2025 में 1.4 अरब ट्रांजेक्शन किए हैं.

 
         
         
         
        
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