Rambhadracharya के बयान पर मायावती का पलटवार: “बाबासाहेब पर चुप रहें तो…”
Rambhadracharya News Update
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Rambhadracharya ) द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए विवादित बयान पर कड़ी नाराज़गी जताई है। उन्होंने बिना सीधे नाम लिए साधु-संतों को सलाह दी कि अगर उन्हें अंबेडकर के योगदान की पूरी जानकारी नहीं है, तो गलत बयानबाजी करने के बजाय चुप रहना ही उचित होगा।
Rambhadracharya के बयान पर बवाल
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया था कि अंबेडकर को संस्कृत का ज्ञान नहीं था और अगर होता तो वे मनुस्मृति का अपमान नहीं करते। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है।
मायावती ने जताई नाराज़गी
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बिना नाम लिए साधु-संतों को चेतावनी दी कि अंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्व के योगदान को समझे बिना गलत बयान देना अनुचित है। मायावती ने कहा, “बाबासाहेब पर बेबुनियाद बातें करने से अच्छा है कि ऐसे लोग चुप रहें।”
सोशल मीडिया पर सख्त टिप्पणी
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि कुछ साधु-संत सुर्ख़ियों में बने रहने के लिए विवादित बयानबाजी करते हैं। लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि अंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में ऐतिहासिक और अतुल्य योगदान दिया है। ऐसे में उनकी विद्वता पर सवाल उठाना हास्यास्पद है।

मनुस्मृति विवाद का जिक्र
बसपा सुप्रीमो ने यह भी कहा कि अंबेडकर के अनुयायी मनुस्मृति का विरोध क्यों करते हैं, इसे भी जातिवादी सोच से ऊपर उठकर समझने की ज़रूरत है। उन्होंने साधु-संतों को सलाह दी कि अंबेडकर की विद्वता के मुकाबले वे कुछ भी नहीं हैं, इसलिए टिप्पणी करने से बचना ही उचित होगा।
राजनीतिक हलचल तेज
रामभद्राचार्य का बयान और मायावती की तीखी प्रतिक्रिया से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर बयानबाजी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने वाला है।

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