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पंजाब के चार गांवों ने उठाई हरियाणा में शामिल होने की मांग. घग्गर बाढ़ पर पंजाब सरकार की निष्क्रियता से नाराजगी. कहा – ‘पड़ोस में बेहतर इंतजाम’
Kaithal/Patiala : उत्तर भारत में मॉनसूनी बारिश का सितम जारी है जिसनें जम्मू-कश्मीर से लेकर हिमाचल और पंजाब से लेकर हरियाणा तक तबाही मचा रखी है. ऐसे में Punjab के पटियाला जिले के चार गांवों धर्महेड़ी, थेह ब्राह्मणा, हरिपुर और शशि गुजरान के ग्रामीणों ने Haryana में शामिल होने की मांग उठाई है… इसका कारण घग्गर नदी की बाढ़ से निपटने में पंजाब सरकार की कथित निष्क्रियता और हरियाणा सरकार द्वारा बेहतर प्रबंधन है. शनिवार, 6 सितंबर को कैथल में घग्गर का जलस्तर 24 फीट दर्ज हुआ, जो खतरे के निशान 23 फीट से एक फीट ऊपर है. इस स्थिति ने Punjab के सीमावर्ती गांवों में भय और नुकसान को बढ़ा दिया है.
बाढ़ प्रबंधन में फेल हुआ पंजाब?

Haryana Government सरकार ने घग्गर नदी के तटबंधों को मजबूत करने के लिए कैथल के टटियाणा गांव के पास करीब 2 किलोमीटर तक पत्थरों के जाल लगाए हैं जिससे बाढ़ का पानी हरियाणा के गांवों में कम प्रभाव डाल रहा है. वहीं Punjab Government ने इस तरह के कोई ठोस उपाय नहीं किए. नतीजा ये हुआ कि पंजाब के गांवों में 2 से 3 फीट तक पानी जमा हो गया है जबकि हरियाणा के गांवों में पानी का स्तर 1 फीट के आसपास है.
पंजाब के गांवों के हालात

- फसलों का नुकसान – पंजाब के हरिपुर और धर्महेड़ी में खेतों में 2-3 फीट पानी जमा होने से फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं. सब्जियां और अन्य फसलें बर्बाद हो गई हैं.
- आशियाने डूबने का डर – हालांकि अभी गांवों के रिहायशी इलाकों में पानी नहीं घुसा, लेकिन ग्रामीणों में डर का माहौल है. 2023 की बाढ़ में हरिपुर में 4 फीट तक पानी जमा हुआ था जिससे ग्रामीणों को डर है कि इस बार भी वैसे हालात न बन जाएं.
- ग्रामीणों की शिकायत – धर्महेड़ी गांव के किसानों का कहना है कि हरियाणा सरकार ने 13 साल पहले तटबंधों को मजबूत किया और पंजाब की ओर भी पुल पर पत्थर लगाए ताकि बांध न टूटे. लेकिन पंजाब सरकार ने आज तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया. ग्रामीणों ने कहा कि उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही इसलिए वे पटियाला से हटकर कैथल जिले में शामिल होना चाहते हैं.
हरियाणा के गांवों के हालात
Haryana के कैथल जिले के टटियाणा जैसे दर्जनों गांव हैं जहां खेतों में करीब 1.5 फीट पानी जमा है… लेकिन Haryana Government के तटबंध मजबूतीकरण के वजह से नुकसान Punjab की तुलना में काफी कम है.
सिरसा में बिगड़ते हालात

Sirsa में घग्गर नदी और घग्गर ड्रेन के ओवरफ्लो और बांधों में कटाव के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है… अहमदपुर और पनिहारी गांव में बांध टूटने से पानी खेतों में घुस गया है. नेजाडेला कलां और केलनिया-झोरड़नाली में बांध टूटने से 12,000 एकड़ फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. सिरसा से झोरड़नाली का कनेक्शन टूट गया है और ग्रामीणों ने अस्थायी बांध बनाकर नुकसान कम करने की कोशिश की.
घग्गर क्यों हर साल बढ़ाती है समस्या?

घग्गर नदी, जो Himachal Pradesh के शिवालिक पहाड़ों से निकलती है, Punjab और Haryana में मानसून के दौरान अक्सर बाढ़ का कारण बन जाती है… इसका मुख्य कारण है…
- कमजोर तटबंध – पंजाब में तटबंधों की मरम्मत और मजबूतीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण बांध टूट रहे हैं.
- संकुचित नदी का रास्ता – संगरूर में 17.5 किमी के हिस्से में नदी की चौड़ाई 598 फीट से घटकर 198 फीट हो जाती है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ता है.
- अतिक्रमण और गाद – नदी के किनारों पर अतिक्रमण और गाद जमा होने से पानी की निकासी बाधित होती है.
- पंजाब-हरियाणा में असहमति – सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश के बावजूद, नदी की चौड़ाई बढ़ाने और तटबंध मजबूत करने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच सहमति नहीं बनी. हरियाणा का कहना है कि नदी की चौड़ाई बढ़ाने से उनके क्षेत्र में नुकसान होगा.
