BIHAR ELLECTION:अनंत सिंह क्यों गा रहे हैं नीतीश राग,पुराने घर वापसी की है तैयारी?
BIHAR ELLECTION: मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह, जी हां। छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह को लेकर आजकल फिर बिहार की सियासत का बाजार गर्म है।ऐसे कयास हैं कि, अनंत सिंह एक बार फिर अपने पुराने सियासी घर जेडीयू में वापसी कर सकते हैं। वहां अपना सिक्का जमा सकते हैं। अनंत सिंह की पत्नी जो आरजेडी से विधायक हैं, एनडीए का साथ देकर ये बात साबित भी कर दिया है।

अनंत सिंह आजकल गा रहे नीतीश राग
दरअसल अनंत सिंह आजकल एनडीए सरकार की जमकर सराहना कर रहे हैं। नीतीश सरकार का हर काम उन्हें भा रहा है। सीएम नीतीश के रूप में उन्हें साक्षात भगवान नजर आ रहे हैं। पिछले साल अगस्त में अनंत सिंह सीएम नीतीश से मुलाकात भी कर चुके हैं…जो ये इशारा करने के लिए काफी है कि, अनंत सिंह एक बार फिर अपने सियासी धनुष पर तीर की प्रत्यंचा चढ़ा चुके हैं। यही नहीं सीएम नीतीश से मुलाकात के बाद ही अनंत सिंह ने मोकामा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
सीएम नीतीश का साथ अनंत को प्यारा!
नीतीश और अनंत सिंह की मुलाकात से आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि, अनंत सिंह की सियासी चाल का रुख इस वक्त किस ओर बढ़ रहा है। कहने में गुरेज नहीं कि, अनंत सिंह सीएम नीतीश को अपने सियासी जार में उतार चुके हैं। सरकार का संरक्षण पाने के लिए सारी सियासी गुणा-गणित बैठा चुके हैं। दरअसल अनंत सिंह भी जानते हैं कि, बिहार में अपना बाहुबल बनाए रखना है, तो सत्ता का संरक्षण जरूरी है। बिना सत्ता संरक्षण के उनके ऊपर पुलिस का शिकंजा और कस सकता है।वो केस जो कहीं दफन है,दोबारा खुल सकता है।

चुनावी में जातिगत जनगणना पर क्या बोलेंगे अनंत?
दरअसल अनंत सिंह अक्सर किसी भी सियासी मुद्दे पर मुखर होकर बोलते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान जातिगत जनगणना पर उनकी राय जानने में सबकी दिलचस्पी रहेगी। खासकर मीडिया की। अगर अनंत सिंह इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़े रहते हैं तो कोई खबर नहीं बनेगी,लेकिन अगर अनंत सिंह ने सरकार के इस रुख पर असहमति जताई तो बड़ी खबर बन सकती है। हालांकि ऐसी उम्मीद कम है कि, अनंत सिंह जातिगत जनगणना पर सरकार के खिलाफ बोलें
जातिगत जनगणना को मिल चुकी है हरी झंडी
बता दें कि, केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर अपनी मंजूरी दी है। जिसके बाद बिहार में इसका श्रेय लेने की विपक्षी दलों में होड़ मची है। आरजेडी और कांग्रेस इसे अपनी सियासी जीत बता रहे हैं।जबकि बीजेपी और जेडीयू खुद को पिछड़े वर्ग का हितैषी बता रहे हैं। और इसके जरिये पिछड़ी वर्गों का सही विकास करने की बात कह रही है।

अनंत सिंह क्यों कहलाते हैं बाहुबली
बता दें कि, अनंत सिंह ने 2005 में मोकामा विधानसभा से चुनाव लड़ा था और बंपर वोटों से जीत हासिल की थी। इसके बाद 2010 वो एक बार फिर वो जेडीयू के टिकट पर ही मोकामा से चुनाव जीते। लेकिन 2015 में नीतीश से मतभेद होने के कारण अनंत सिंह ने जेडीयू छोड़ दी थी। और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था। बता दें कि, अनंत सिंह पर कई अपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
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