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Water Supply in Pilibhit: 20 साल बाद टोटियों का पुनर्जन्म
Pilibhit Water Supply
पीलीभीत शहर के वार्ड 25 का मोहल्ला पूरनमल शायद अब “सूखा राहत शिविर” कहलाना बंद कर देगा। कारण बड़ा फिल्मी है—20 साल से सूखी पड़ी टोटियों में अचानक पानी टपकने लगा। मोहल्ले वालों को ऐसा सुखद अनुभव हुआ मानो बरसों बाद किसी रेगिस्तान में गंगाजल की बूंद गिरी हो। लोगों ने खुशी-खुशी नगरपालिका अध्यक्ष डॉ. आस्था अग्रवाल, सभासद साकेत सक्सेना और जलकल विभाग का धन्यवाद किया।
Pilibhit Water Supply and Amrit Yojana की पोल
दरअसल पांच साल पहले अमृत योजना के तहत यहां नई पाइपलाइन और कनेक्शन डाले गए थे। लेकिन टोटियों में पानी पहुंचने के बजाय ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत से यह योजना सीधे “घोटाले की पाइपलाइन” में बह गई। लोग बार-बार गुहार लगाते रहे, लेकिन पानी की जगह केवल झूठे वादे और विभागीय आश्वासन की बौछार होती रही। जनता समझ चुकी थी कि “Water Supply ” नाम की स्कीम सिर्फ फाइलों में बह रही है।
Pilibhit Water Supply: घोटाले और खानापूर्ति की कहानी
मोहल्ले वालों का कहना है कि अमृत योजना ठेकेदारों के लिए “अमृत” साबित हुई, लेकिन जनता के लिए जहर। खानापूर्ति कर ठेकेदार भाग खड़े हुए और पाइपलाइन सूखी पड़ी रही। लोग पानी की बूंदों के लिए भटकते रहे, पर नेता चुनावी वादों की नदियां बहाते रहे। 20 साल से पीलीभीत के पूरनमल मोहल्ले में “Water Supply ” का नाम लेना भी मजाक बन चुका था।
नगरपालिका की सक्रियता और Water Supply in Pilibhit
आखिरकार जनता के दबाव में नगरपालिका अध्यक्ष और सभासद ने जलकल विभाग को हड़काया। अवर अभियंता राजरानी, प्रभारी तारिक हसन खां और पूर्व जलकर प्रभारी राकेश कुमार, इमरान और मोहम्मद मियां ने तीन दिन तक पाइपलाइन खंगाली। कहीं जाम, कहीं लीकेज और कहीं कनेक्शन की गड़बड़ी… सब मिलाकर ऐसा लगा मानो पानी नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का कीचड़ बह रहा हो। लेकिन अंततः मेहनत रंग लाई और मोहल्ले की टोटियों में पानी की धार फूट पड़ी।
Pilibhit Water Supply पर जनता की तंज
लोग अब व्यंग्य में कह रहे हैं—”20 साल बाद पानी आया तो क्या, अब टोटियों की चोंच पर ताले जड़े पड़े थे, उन्हें खोलने में ही आधा मोहल्ला लग गया!” किसी ने कहा—”ये पानी नहीं, चमत्कार है।” तो किसी ने तंज कसा—”अगर नेताओं और अफसरों पर भरोसा किया होता तो शायद टोटियां अगली सदी में भी सूखी रहतीं।”
सवालों के घेरे में Water Supply in Pilibhit
हालांकि पानी पहुंच गया, लेकिन सवाल यह है कि इतने सालों तक जनता को किसने तरसाया? अमृत योजना का पैसा आखिर गया कहां? ठेकेदार और विभागीय अफसरों की जवाबदेही कब तय होगी? “Water Supply ” नाम की फाइल बंद हो जाएगी या इस पर कार्रवाई भी होगी? यह सवाल मोहल्ले की गलियों में अब भी गूंज रहे हैं।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: शकुश मिश्रा
📍 लोकेशन: पीलीभीत, यूपी
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