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डीएम का आदेश और किसानों का चैलेंज – Farmers Protest in Sambhal
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में लोकतंत्र का अनोखा तमाशा देखने को मिला। डीएम ने तीन दिन पहले आदेश निकालकर कहा था कि अब राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर कोई धरना-प्रदर्शन नहीं होगा। लेकिन सोमवार को किसानों ने दिखा दिया कि आदेश सिर्फ कागज पर अच्छे लगते हैं। बहजोई के कलेक्ट्रेट गेट के सामने Farmers Protest ने डीएम के फरमान को कूड़ेदान में डाल दिया। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली, कार और नारेबाजी के साथ NH 509 पर आ धमके और देखते-ही-देखते सड़क को अखाड़ा बना डाला।
जाम से पस्त लोग और लाइव करता आंदोलन – Sambhal Farmers Protest Live
जैसे ही पुलिस ने कलेक्ट्रेट का गेट बंद किया, किसानों के धैर्य का बांध टूट गया। “ज्ञापन दो या गेट खोलो” की तकरार सड़क पर धरने में बदल गई। सैकड़ों किसान सड़क पर बैठ गए, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों ने हाईवे को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया। इस बीच कुछ किसानों ने माइक उठाकर प्रशासन के खिलाफ जमकर भाषण दिए तो कुछ ने फेसबुक लाइव शुरू कर दिया। इस Farmers Protest Live ने सोशल मीडिया पर खूब धूम मचाई। वहीं दूसरी तरफ जाम में फंसे लोगों की हालत यह थी कि कोई बस ड्राइवर माथा पीट रहा था तो कोई मरीज़ लेकर एंबुलेंस में परेशान।
दो घंटे ठप रहा NH 509 – NH 509 Jam in Sambhal

करीब दो घंटे तक संभल का NH 509 जाम से जूझता रहा। छोटे-बड़े वाहन, स्कूली बच्चे, एंबुलेंस और आम जनता – सब इस राजनीतिक नाटक के एक्स्ट्रा कलाकार बन गए। पुलिस समझाने की कोशिश करती रही, मगर किसानों का कहना था कि जब तक डीएम हमारी सुनवाई नहीं करेंगे, हम हाईवे नहीं छोड़ेंगे। आखिरकार प्रशासन ने 25 किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया। यही समझौता इस NH 509 Jam in Sambhal का “इंटरवल” बना और धीरे-धीरे सड़क खाली हुई।
किसानों का तर्क और प्रशासन का दर्द – Farmers Protest in Sambhal Updates
भाकियू अराजनैतिक के नेताओं का कहना है कि जाम लगाना उनका इरादा नहीं था, लेकिन प्रशासन ने गेट बंद किया तो उनके पास मजबूरी थी। उधर पुलिस और प्रशासन का कहना है कि किसानों ने जानबूझकर हाईवे को जाम किया और आदेश Sambhal Updates की असलियत।
डीएम का आदेश बना मजाक – Sambhal Protest Against DM Order

गौरतलब है कि तीन दिन पहले डीएम ने आदेश जारी कर दिया था कि अब धरना-प्रदर्शन सिर्फ मैदान में होगा, NH पर नहीं। लेकिन किसानों ने सोमवार को साबित कर दिया कि कागज़ पर लिखा आदेश सड़कों पर काम नहीं करता। आदेशों को धता बताते हुए किसानों ने साफ कहा कि जब तक आवाज़ नहीं सुनी जाएगी, हाईवे ही हमारा मंच है। यह Sambhal Protest प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
सड़क जनता की या आंदोलन का मंच? – Final Word on Farmers Protest in Sambhal
जाम खुलने के बाद भी सवाल वहीं खड़े हैं। क्या जनता की सड़क आंदोलन का मंच है? क्या प्रशासन किसानों को शांत करने के बजाय आदेशों से दबा सकता है? और क्या हर बार जनता ही इन टकरावों की कीमत चुकाएगी? फिलहाल इतना तय है कि Final Word on Farmers Protest यही है कि डीएम का आदेश धरा का धरा रह गया और किसान अपनी ताकत दिखाकर लौट गए।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: रामपाल सिंह
📍 लोकेशन: संभल, यूपी
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