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Danish Ansari Attack on SP in Sambhal-तेजपात की तरह इस्तेमाल, फिर किनारे!
Danish Ansari Attack
संभल की सरज़मीं पर शुक्रवार को सियासी बिरयानी में नया मसाला तब डाला गया जब योगी सरकार के राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे। माइक संभालते ही उन्होंने सपा को आड़े हाथों लेते हुए ऐसा तीखा तंज मारा कि सभा में बैठे लोग “वाह-वाह” करने लगे। मंत्री ने कहा – “समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को हमेशा बिरयानी के तेजपत्ते की तरह इस्तेमाल किया, खुशबू दिलाई और फिर किनारे फेंक दिया।”
अब जरा सोचिए, जब मंत्री मंच से बिरयानी का ज़िक्र करें तो सियासत का तड़का कितना लजीज़ बनता है। लेकिन यह तंज सीधा अखिलेश यादव और उनकी सपा सरकार पर था।
Danish Ansari Attack on SP: 2012-2017 की नाकामी पर प्रहार
दानिश अंसारी ने सपा के सबसे बड़े गढ़ पर वार करते हुए कहा कि 2012 से 2017 तक जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब मुसलमानों के लिए कोई ठोस काम नहीं हुआ। शिक्षा हो, रोजगार हो या सामाजिक उत्थान – सब सिर्फ भाषणों में रह गया।
मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि “सपा ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक की तरह रखा, जैसे बिरयानी में तेजपत्ता – काम पूरा होते ही बाहर।”
यानी साफ है कि BJP अब मुसलमानों को सपा के “पुराने धोखे” की याद दिलाकर अपने पाले में लाने की रणनीति पर है।
Sambhal Politics: BJP vs SP की सियासी जंग
संभल की गलियों में वैसे ही सियासी गर्मी हमेशा चरम पर रहती है। ऊपर से Danish Ansari का ये हमला आग में घी डालने जैसा साबित हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” पर चल रही है और यही वजह है कि समाज का हर वर्ग मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है।
अब सवाल ये है कि क्या मुसलमानों को तेजपत्ता बनाकर छोड़ देने वाली सपा की इमेज इतनी आसानी से धुल पाएगी? या फिर भाजपा का यह “तेजपत्ता कार्ड” ही अगले चुनाव में निर्णायक साबित होगा?
Danish Ansari Attack on SP: वक्फ संपत्तियों का मुद्दा
भाजपा मंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और उनके जरिए मुसलमानों का विकास करना योगी सरकार का एजेंडा है। यानी अब भाजपा सीधे मुसलमानों को साधने की कोशिश में है।
दानिश अंसारी का दावा है कि अब मुसलमान सपा के छलावे को समझ चुके हैं और भाजपा की नीतियों में भरोसा कर रहे हैं।
साफ है कि भाजपा अब “विकास” के बहाने अपने पुराने आरोपों की धार तेज कर रही है।
Sambhal Dispute: हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद
जब पत्रकारों ने हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद विवाद पर सवाल दागा तो मंत्री ने कानूनी चश्मा पहन लिया। बोले – “यह मामला अदालत में है, हम कानून और न्याय की मर्यादा का पालन करेंगे।”
यानी साफ संकेत – भाजपा यहां भावनात्मक कार्ड खेलने से बच रही है और फैसला अदालत पर छोड़ रही है।
SP vs BJP in Sambhal: आरोप-प्रत्यारोप की जंग
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने भाजपा पर खूब आरोप लगाए थे, लेकिन Danish Ansari ने उसे हवा में उड़ा दिया। बोले – “ये सब बेबुनियाद बयानबाजी है, भाजपा किसी समुदाय का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं करती, बल्कि सबको बराबरी का अवसर देती है।”
अब संभल की जनता ये तय करेगी कि कौन सच्चा और कौन नकली। लेकिन इतना तय है कि Danish Ansari के बयान ने सपा और भाजपा की सियासी जंग को और ज्यादा तल्ख कर दिया है।
संभल में Danish Ansari का यह हमला सिर्फ भाषण नहीं था, बल्कि 2027 की पॉलिटिकल बिरयानी में डाला गया “तेजपत्ता” था। सपा को मुसलमानों का इस्तेमाल करने वाला बताना और भाजपा को विकास का मसीहा पेश करना – यही भाजपा की रणनीति है।
अब देखना होगा कि मुसलमान “तेजपत्ता थ्योरी” पर भरोसा करते हैं या फिर सपा की पुरानी प्लेट में ही अपनी पसंदीदा बिरयानी तलाशते हैं।

 
         
         
         
        