DM Chandraprakash Singh

Vrindavan DM Chandraprakash Singh: जब अफ़सर ने भीख मांगते बुज़ुर्ग संग जमीन पर बैठकर किया संवाद

Keshi Ghat पर इंसानियत का दरिया

DM Chandraprakash Singh update

मथुरा की धर्मनगरी वृंदावन वैसे तो भगवान की लीला और भक्तों के भजन के लिए जानी जाती है। लेकिन इस बार Vrindavan Keshi Ghat पर एक अलग ही लीला देखने को मिली—यह लीला थी इंसानियत की।
DM Chandraprakash Singh यमुना के बढ़ते जलस्तर का जायज़ा लेने पहुंचे थे। आमतौर पर अधिकारी आते हैं, मुआयना करते हैं और सरकारी गाड़ी में बैठकर चलते बनते हैं। मगर इस बार कहानी पलट गई।

DM Chandraprakash Singh का झुकना

अचानक उनकी नज़र सड़क किनारे बैठे एक वृद्ध भिक्षुक पर पड़ी। अब कोई और अफसर होता तो सुरक्षा गार्ड हड़का देते या ड्राइवर तेज़ी से गाड़ी बढ़ा देता। लेकिन यहां DM साहब ठहर गए।
बिना देर किए DM Chandraprakash Singh उस बुज़ुर्ग के पास पहुंचे और जमीन पर ही बैठ गए। भीख मांगने की वजह पूछी और बड़े ही स्नेहपूर्वक समझाया कि यह रास्ता ठीक नहीं है।

Vrindavan DM Chandraprakash Singh की सीख

डीएम साहब ने कहा – “जीवन जीने के लिए मेहनत करो, भिक्षावृत्ति नहीं। यह कार्य सम्मानजनक नहीं है।”
अब ज़रा सोचिए, आज के समय में जहां नेता और अफसर जनता को लाइन में लगाकर घंटों इंतज़ार करवाते हैं, वहां Vrindavan DM Chandraprakash Singh खुद जमीन पर बैठकर संवाद कर रहे थे। यह दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था।

Keshi Ghat पर भावुक नज़ारा

यह नज़ारा जिसने भी देखा, उसका दिल भर आया। आसपास खड़े लोग मोबाइल कैमरों में कैद करने लगे। कुछ ने कहा – “आज अफसर नहीं, इंसान मिला।”
Keshi Ghat पर DM साहब का यह मानवीय चेहरा देखकर लोग भावुक हो गए। आमतौर पर प्रशासनिक सख्ती के लिए जाने जाने वाले अफसर ने यह दिखा दिया कि शासन चलाना ही उनका काम नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा देना भी उनकी जिम्मेदारी है।

Vrindavan में DM Chandraprakash Singh की छवि

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस पहल ने प्रशासन को नया चेहरा दिया है। किसान बोले – “अगर हर अफसर ऐसा हो जाए तो अंधेरा अपने आप मिट जाएगा।”
युवाओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर लिखा – “Vrindavan DM Chandraprakash Singh is the real hero.”
Keshi Ghat का यह छोटा सा वाकया पूरे मथुरा और ब्रज क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।

सवाल यह भी है कि जब DM साहब एक भिक्षुक को सम्मान से जीने की राह दिखा सकते हैं, तो सरकार बाकी हज़ारों भिक्षुकों के लिए क्यों चुप है? क्या सबके पास DM साहब जैसा धैर्य है?

Keshi Ghat से उठता संदेश

कुल मिलाकर, Vrindavan Keshi Ghat पर हुआ यह छोटा सा संवाद बड़ा सबक छोड़ गया।
DM Chandraprakash Singh ने दिखा दिया कि अफसर बनने का मतलब जनता से दूर होना नहीं है। बल्कि असली प्रशासन वही है जो जनता के बीच बैठकर उनकी बात सुने, उन्हें सही राह दिखाए।
लोकतंत्र की भी यही असली आत्मा है—जनता और अफसर के बीच संवाद, न कि दूरी।

 Written by khabarilal.digital Desk

🎤 संवाददाता: अमित शर्मा
📍 लोकेशन: मथुरा, यूपी

#Vrindavan #KeshiGhat #DMChandraprakashSingh #MathuraNews #Humanity #InspiringStory #UPNews #VrindavanDM #BhikshukStory

More From Author

Vote Fraud को लेकर सड़कों पर विपक्ष

“Mant में मशाल और मच गया बवाल: वोट चोरी के खिलाफ गरजा लोकतंत्र”

Akhilesh Yadav Attack in Firozabad

“Vote Chor की तिगड़ी: अखिलेश यादव ने Firozabad से उठाया सियासी तूफ़ान”

5 1 vote
Article Rating
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

बिहार की ऐतिहासिक जीत पर PM मोदी का संबोधन

सौ. BJP