 
                  जम्मू-कश्मीर किश्तवाड़ बादल फटने की त्रासदी… 65 शव बरामद, 200+ लापता, 500 से ज्यादा का रेस्क्यू. तबाही की तस्वीरें देख हिल जाएंगे आप.
Jammu-Kashmir : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में 14 अगस्त 2025 को दोपहर 12:25 बजे बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है… इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 65 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से 40 की पहचान हो चुकी है. 200 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं, जबकि 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. इस हादसे में 180 लोग घायल हुए हैं जिनमें 40 की हालत गंभीर है. घायलों को किश्तवाड़ और जम्मू के अस्पतालों में भर्ती किया गया है…
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमें

Kishtwar में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन का आज तीसरा दिन है… इसमें NDRF की तीन टीमें, सेना के 300 से अधिक जवान, व्हाइट नाइट कोर मेडिकल टीम, पुलिस, SDRF और अन्य एजेंसियां दिन-रात जुटी हैं. प्रशासन को 75 लापता लोगों की जानकारी उनके परिजनों से मिली है. रेस्क्यू टीमें मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए कठिन परिस्थितियों में काम कर रही हैं.
मचैल माता यात्रा के दौरान हादसा

यह त्रासदी उस समय हुई जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता तीर्थयात्रा के लिए चसोटी गांव पहुंचे थे… यह गांव पड्डर सब-डिवीजन में मचैल माता मंदिर के रास्ते का पहला पड़ाव है. हादसे के दौरान श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और दुकानें बाढ़ में बह गईं. चसोटी गांव किश्तवाड़ शहर से 90 किमी दूर पड्डर घाटी में स्थित है, जहां पहाड़ों की ऊंचाई 1,818 से 3,888 मीटर तक है. ऊंचाई पर मौजूद ग्लेशियर और ढलान ने बाढ़ के बहाव को और तेज कर दिया.
मचैल माता यात्रा का महत्व
मचैल माता तीर्थयात्रा हर साल 25 जुलाई से 5 सितंबर तक आयोजित होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं… यह रूट जम्मू से किश्तवाड़ तक 210 किमी लंबा है. पड्डर से चसोटी तक 19.5 किमी की सड़क वाहनों के लिए उपलब्ध है इसके बाद 8.5 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है.
हादसे का भयावह मंजर

न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार हादसे का दृश्य अत्यंत भयावह था… मलबे में कई शव खून से सने मिले, लोगों के फेफड़ों में कीचड़ भरा था और टूटी हड्डियां व बिखरे अंग देखे गए. सेना, पुलिस और स्थानीय लोगों ने घायलों को कीचड़ भरे इलाके से कड़ी मशक्कत के बाद अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंचाया.
नुकसान का आकलन

- मौतें – 65 शव बरामद, 40 की पहचान.
- लापता – 200 से अधिक लोग.
- घायल – 180, जिनमें 40 की हालत गंभीर.
- रेस्क्यू – 500 से अधिक लोग सुरक्षित निकाले गए
- नुकसान – 16 से ज्यादा घर, सरकारी इमारतें, होम स्टे और पुल बहे.
सीएम का दौरा और ड्रोन फुटेज

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चसोटी गांव में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन का जायजा लिया और पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. ड्रोन फुटेज में दिखाई देता है कि पहाड़ों से मलबा और पानी की भारी धारा नीचे की ओर बही, जिसने गांव को तहस-नहस कर दिया.

 
         
         
        