 
                  Ghazipur News: विभाजन के पीड़ितों को दी गई श्रद्धांजलि
Ghazipur News Update
Ghazipur News: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर गाज़ीपुर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कई भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए. ये दिन 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुए दुखद घटनाक्रम और लाखों लोगों के बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है. इन कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल उस त्रासदी को स्मरण किया गया, बल्कि उन लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई जिन्होंने विभाजन की पीड़ा को झेला.
जिला पंचायत सभागार में कार्यक्रम
जिला पंचायत सभागार में आयोजित एक गोष्ठी इस दिन के प्रमुख आयोजनों में से एक थी. गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा के पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर राय ने विभाजन की त्रासदी को विस्तार से याद किया. उन्होंने बताया कि 1947 में स्वतंत्रता के साथ हुए विभाजन के कारण लगभग डेढ़ करोड़ लोग विस्थापित हुए. इस दौरान लोगों को न केवल अपना घर और संपत्ति छोड़नी पड़ी, बल्कि अपने प्रियजनों और रिश्तों को भी पीछे छोड़ना पड़ा. इस त्रासदी ने लाखों परिवारों को प्रभावित किया और समाज पर गहरे निशान छोड़े. गोष्ठी के दौरान जिला पंचायत परिसर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामसूरत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया, जिससे वहां उपस्थित लोगों ने उस युग के बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की.


मौन जुलूस का आयोजन
भाजपा कार्यकर्ताओं ने गाजीपुर में एक मौन जुलूस का आयोजन किया, जो आमघाट महात्मा गांधी पार्क से शुरू होकर कचहरी तक पहुंचा. जुलूस में शामिल लोग विभाजन की व्यथा को दर्शाते हुए वाक्य लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे. ये तख्तियां उस दर्द और पीड़ा को व्यक्त कर रही थीं, जो विभाजन के दौरान लोगों ने सहन की थी. जुलूस न्यू मार्केट, मिश्र बाजार, महुआबाग और अफीम फैक्ट्री जैसे प्रमुख स्थानों से होकर गुजरा. जुलूस का एक पड़ाव पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर था, जहां उपस्थित लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. जुलूस का समापन कचहरी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरयू पांडेय की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ. इस दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर उन सभी लोगों को याद किया, जिन्होंने विभाजन की त्रासदी में अपने प्रियजनों और संपत्ति को खोया.
ये सभी कार्यक्रम न केवल विभाजन के दर्द को याद करने के लिए थे, बल्कि यह संदेश देने के लिए भी थे कि हमें इतिहास से सीख लेकर एकजुटता और सौहार्द के साथ आगे बढ़ना चाहिए. इस आयोजन ने गाजीपुर के लोगों में एकता और देशभक्ति की भावना को और मजबूत किया.

 
         
         
         
        