 
                  हिमाचल प्रदेश के बाद जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही… 42 की मौत, 65 को बचाया, 200 से ज्यादा लापता. युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी.
Jammu-Kashmir : देशभर में Monsoon की बारिश का कहर जारी है और इससे धर्ती का स्वर्ग कहे जाने वाला जम्मू-कश्मीर भी नहीं बच सका है… गुरुवार 14 अगस्त को घाटी के किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही की खबर सामने आई है जिसमें 42 लोगों की मौत हो चुकी है.
कहां और कैसे मची तबाही?

Jammu-Kashmir के किश्तवाड़ जिले के पड्डर सब-डिवीजन में चशोटी गांव में दोपहर 12:30 बजे Cloudburst से भयानक बाढ़ और मलबे का प्रवाह हुआ है. न्यूज एजेंसियों की मानें तो इस हादसे में कम से कम 42 लोगों की मौत हो चुकी है और उनके शव बरामद कर लिए गए हैं. वहीं 65 लोगों को बचाया गया जबकि 200 से ज्यादा लोग अभी तक लापता हैं. ये हादसा मचैल माता यात्रा के पहले पड़ाव चशोटी गांव में हुआ जहां हजारों श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे. बाढ़ ने बसों, टेंटों, लंगरों और दुकानों को बहा दिया.
रोकी गई मचैल माता यात्रा

मचैल माता यात्रा जो 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलती है… ये 210 किमी लंबे रूट पर होती है जिसमें चशोटी से मचैल तक 8.5 किमी की पैदल यात्रा शामिल है. फिलहाल घटना को देखते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, NDRF, SDRF, और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगी हैं. जम्मू-कश्मीर के LoP और स्थानीय MLA सुनील कुमार शर्मा के अलर्ट के बाद Union Minister Jitendra Singh ने किश्तवाड़ के DC से बात कर राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए है. खबरों की मानें तो दो पैदल पुल भी बह गए हैं और स्थानीय लोग प्रशासन से इन्हें जल्द बहाल करने की मांग कर रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश में भी फटे बादल

पहाड़ी राज्य Himachal Pradesh में 13-14 अगस्त की रात भारी बारिश और बादल फटने की कई घटनाएं हुईं… शिमला जिले के कोटखाई में खलटूनाला की पहाड़ियों में 14 अगस्त तड़के 3 बजे बादल फटने से नाले में मलबा आ गया जिससे एक पेट्रोल पंप और 6 से ज्यादा गाड़ियां दब गईं. कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई. इसके अलावा कुल्लू से लेकर किन्नौर तक भारी जलप्रलय देखने को मिली. सेना ने किन्नौर के पूह में फंसे 4 लोगों को रेस्क्यू कर मिलिट्री कैंप में पहुंचाया. भारी बारिश के चलते ऊना, कुल्लू के बंजार, शिमला के जुब्बल और मंडी के थुनाग में स्कूलों में 14 अगस्त को छुट्टी घोषित की गई.
राहत-बचाव कार्यों में तेजी की मांग

किश्तवाड़ में राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर और अतिरिक्त संसाधन मांगे हैं… हिमाचल में NDRF, SDRF, और स्थानीय प्रशासन सड़कें खोलने और फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं. लोगों से नदी-नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की गई है. यह आपदा हिमालयी क्षेत्रों में बादल फटने और भारी बारिश की बढ़ती घटनाओं को दर्शाती है जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है.

 
         
         
        