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Banke Bihari Temple Trust Bill: विधानसभा में पास, वृंदावन में विरोध की लहर
मथुरा के वृंदावन में स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का नाम इस बार भक्ति नहीं, बल्कि सियासी हलचल में गूंज रहा है। यूपी विधानसभा में ध्वनि मत से Banke Bihari Temple Trust Bill पास कर दिया गया, और इसके बाद से मंदिर के सेवायत गोस्वामी समाज में हलचल मच गई है। यहां तक कि गोस्वामी समाज की महिलाओं ने भी खुलकर बयान दिया कि सरकार का इरादा सिर्फ और सिर्फ बांके बिहारी मंदिर को अपने कब्जे में लेने का है।
Banke Bihari Temple Trust Bill: ‘कॉरिडोर’ बहाना, मंशा कुछ और?

सेवायत परिवार की महिलाओं का आरोप है कि सरकार ‘कॉरिडोर’ बनाने की आड़ में मंदिर की संपत्ति और आय पर नज़र गड़ाए बैठी है। उनका कहना है, “सरकार कहती है विकास करेंगे, लेकिन असली मकसद मंदिर का पैसा हड़पना है।” विडंबना यह है कि जहां सरकार भगवान के दरबार में भक्तों की सुविधा का हवाला देती है, वहीं सेवायतों के मुताबिक, सुविधा से ज्यादा सुविधा-शुल्क में उनकी दिलचस्पी है।
Banke Bihari Temple Trust Bill: सेवायत बोले – सरकार की ताकत है, कर सकती है जो चाहे

बांके बिहारी के सेवायत अधिकारी ज्ञानेंद्र गोस्वामी का कहना है कि सरकार जब चाहे, कुछ भी कर सकती है। “आज उनके पास ताकत है, कल नहीं होगी। लेकिन मामला कोर्ट में लंबित होते हुए विधानसभा में बिल पास करना जल्दबाजी है।” उन्होंने भरोसा जताया कि हमारे आराध्य की मर्जी के बिना मंदिर का एक पत्ता भी नहीं हिल सकता।
Banke Bihari Temple Trust Bill: कोर्ट से पहले विधानसभा क्यों?

सबसे बड़ा सवाल यही है—जब मामला पहले से कोर्ट में चल रहा है, तो सरकार को विधानसभा में इसे पास करने की इतनी जल्दी क्यों थी? क्या यह ‘कानूनी प्रक्रिया’ का सम्मान है या ‘राजनीतिक हड़बड़ी’ का नमूना? विपक्ष भले चुप हो, लेकिन वृंदावन की गलियों में चर्चा यही है कि बिल पास करना सरकार का ‘पहला कदम’ है, जिसके बाद अधिग्रहण की राह आसान होगी।
Banke Bihari Temple Trust Bill: भक्तों का भरोसा भगवान पर

विरोध के बीच भी सेवायत समाज का भगवान पर विश्वास अडिग है। उनका कहना है—“बांके बिहारी जो चाहेंगे, वही होगा। बाकी चाहे कितनी भी कोशिश हो, बिना उनकी इच्छा के कुछ नहीं बदलेगा।” यह भरोसा भले ही धार्मिक आस्था से भरा हो, लेकिन सियासत के खेल में अक्सर आस्था की आवाज कागज़ी नोटिसों और सरकारी फाइलों में खो जाती है।
Banke Bihari Temple Trust Bill: सियासत बनाम श्रद्धा

इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आस्था के केंद्रों पर राजनीति की पकड़ कितनी गहरी है। सरकारें विकास के नाम पर कॉरिडोर और ट्रस्ट की बात करती हैं, लेकिन लोगों के मन में शक रहता है कि यह सब ‘कंट्रोल’ और ‘रेवेन्यू’ की लड़ाई है। वृंदावन की गलियों से लेकर विधानसभा के गलियारों तक, बांके बिहारी अब सिर्फ भगवान नहीं, बल्कि सत्ता के समीकरण में ‘हॉट टॉपिक’ बन चुके हैं।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: अमित शर्मा
📍 लोकेशन: मथुरा, यूपी
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