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Factory Worker Death in Firozabad: 15 साल की नौकरी, मौत का मुआवज़ा सिर्फ खामोशी
फिरोजाबाद का नाम भले ही कांच के गिलास और चूड़ियों के लिए मशहूर हो, लेकिन इस बार यह खबर मौत के धुएं से निकली है। थाना लाइनपार क्षेत्र के सेंट जॉन्स स्कूल वाली गली स्थित फारूखी गिलास फैक्ट्री में 50 वर्षीय साहब सिंह की बुधवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। 15 साल तक फैक्ट्री के पसीने में अपनी ज़िंदगी गलाने वाले इस मज़दूर की मौत ने बाकी मजदूरों का खून खौला दिया, और उन्होंने काम बंद कर फैक्ट्री में हंगामा शुरू कर दिया।
Factory Worker Death in Firozabad: मालिक और ठेकेदार का ‘गायब होने का खेल’
घटना के बाद फैक्ट्री मालिक और ठेकेदार का गायब हो जाना किसी बॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं था। मजदूरों का आरोप है कि साहब सिंह की मौत की असली वजह छुपाने के लिए ये दोनों मौके से रफूचक्कर हो गए। लोगों का कहना है—“जब तक साहब सिंह रोज़ 12-12 घंटे पसीना बहाते थे, तब तक ये उनके ‘काम के देवता’ थे, और मौत के बाद ऐसे फरार हुए जैसे किसी ने इन पर बुलडोजर चला दिया हो।”
Factory Worker Death in Firozabad: गुस्साए मजदूरों का काम बंद
साहब सिंह की मौत की खबर जैसे ही फैक्ट्री के बाकी कर्मचारियों को मिली, उन्होंने तुरंत काम बंद कर दिया। लपटें नहीं थीं, लेकिन गुस्से का ताप इतना था कि माहौल किसी भट्टी जैसा हो गया। मजदूरों ने फैक्ट्री के भीतर ही हंगामा शुरू कर दिया और मृतक के परिजनों को बुला लिया। देखते ही देखते पूरा परिसर नारों और आक्रोश से गूंज उठा।
Factory Worker Death in Firozabad: पुलिस पहुंची, पोस्टमार्टम को भेजा शव
हंगामे की सूचना मिलते ही थाना लाइनपार पुलिस मौके पर पहुंची। इंस्पेक्टर राजेश कुमार पांडे ने स्थिति को शांत कराने की कोशिश की और मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। हालांकि, मजदूरों और परिजनों का गुस्सा अभी ठंडा नहीं हुआ है। उनका कहना है कि जब तक मौत का कारण साफ़ नहीं होगा और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
Factory Worker Death in Firozabad: भतीजे ने उठाए सवाल
मृतक के भतीजे रामपाल ने बताया कि साहब सिंह पिछले 15 साल से इस फैक्ट्री में काम कर रहे थे। “हमारे पास बस यही खबर आई कि उनकी मौत हो गई है, लेकिन कैसे—ये कोई नहीं बता रहा। फैक्ट्री मालिक और ठेकेदार फरार हैं। क्या ये किसी बड़ी लापरवाही का नतीजा नहीं?” रामपाल के इस सवाल ने फैक्ट्री की सेफ्टी और मजदूरों की हालत पर बड़ा सवालचिह्न खड़ा कर दिया है।
Factory Worker Death in Firozabad: मजदूरों की सुरक्षा पर फिर सवाल
ये कोई पहला मामला नहीं है जब फिरोजाबाद की फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर संदिग्ध परिस्थितियों में मरे हों। यहां मजदूर सुरक्षा कानून किताबों में ज्यादा, फैक्ट्रियों में कम नज़र आते हैं। न मेडिकल जांच, न सुरक्षा उपकरण, न ही आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा—बस काम करो, पसीना बहाओ और मौत को अपनी ड्यूटी का आखिरी दिन समझ लो।
Factory Worker Death in Firozabad: जांच का वादा, भरोसे की कमी
पुलिस ने मामले की जांच का वादा किया है, लेकिन मजदूरों का भरोसा टूटा हुआ है। उन्हें डर है कि कुछ दिनों में ये केस भी बाकी हादसों की तरह फाइलों में दब जाएगा। फिलहाल, फैक्ट्री के दरवाजे बंद हैं और मजदूर खुले आसमान के नीचे अपने सवाल लेकर खड़े हैं—जवाब किसके पास है, ये अभी किसी को नहीं पता।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: मुकेश कुमार बघेल
📍 लोकेशन: फिरोजाबाद, यूपी

 
         
         
         
        