 
                  Sambhal News: सरकारी ज़मीन से अवैध कब्रिस्तान हटाया गया
Sambhal News: संभल जनपद के गांव शेरखां सराय में प्रशासन ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी ज़मीन पर बने अवैध कब्रिस्तान को ध्वस्त कर दिया. ये कार्रवाई तहसीलदार की अगुवाई में और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में की गई. प्रशासन के मुताबिक, ये ज़मीन सरकारी नवीन पट्टी की है, जिस पर वर्षों से स्थानीय लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर कब्रिस्तान बना लिया गया था.
जानकारी के अनुसार, ये अवैध कब्जा लगभग तीन बीघा भूमि पर फैला हुआ था. लंबे समय से शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने सर्वेक्षण कराया और कब्जे की पुष्टि होने पर इसे हटाने की कार्रवाई शुरू की. संवेदनशील माने जाने वाले इस इलाके में कार्रवाई के दौरान स्थिति पर पूरी तरह नज़र रखने के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई.

कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक अमले के साथ-साथ पुलिस बल भी मुस्तैद रहा, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके. बुलडोज़र लगाकर कब्रिस्तान की दीवारें और निर्माण को ध्वस्त किया गया, जिससे ज़मीन को पूरी तरह कब्जा मुक्त कराया जा सके.

तहसील प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सरकारी ज़मीन पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण या कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह धार्मिक स्थल हो या निजी निर्माण. अधिकारियों ने कहा कि पहले भी कब्जाधारियों को नोटिस देकर अवगत कराया गया था, लेकिन निर्धारित समय सीमा में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ये कब्रिस्तान कई साल पहले बनाया गया था, लेकिन इसके लिए कोई वैधानिक अनुमति या भूमि आवंटन नहीं था. मामले को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद प्रशासन ने जांच कर कठोर कदम उठाया.

प्रशासन ने ये भी बताया कि ज़मीन मुक्त होने के बाद इसे सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा और भविष्य में सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित रखा जाएगा. साथ ही, इस तरह की कार्यवाहियां आगे भी जारी रहेंगी, ताकि जनपद की सरकारी संपत्ति को अतिक्रमण से बचाया जा सके.
इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां कुछ लोग प्रशासनिक कदम की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे लेकर असंतोष भी जता रहे हैं. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि ये कदम पूरी तरह क़ानूनी प्रक्रिया के तहत और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिए उठाया गया है. संभल प्रशासन की ये सख्त कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश देती है कि अवैध कब्जे, चाहे वह कितने भी पुराने हों, अब बख्शे नहीं जाएंगे.

 
         
         
        