 
                  SYL को लेकर पूर्व सीएम हुड्डा ने बीजेपी सरकार को घेरा… कहा – “BJP का रवैया हरियाणा विरोधी, मुलाकातों से कुछ ना होगा. पंजाब पर अवमानना का केस करें”
Chandigarh : Haryana-Punjab के बीच लंबे समय से चले आ रहा सतलुज-यमुना लिंक (SYL) का विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है… अब एक बार फिर SYL के मुद्दे पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता Bhupinder Singh Hooda ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है. पंजाब और हरियाणा सरकारों के बीच हाल ही में हुई बैठक को “बेनतीजा” करार देते हुए हुड्डा ने कहा कि बीजेपी को “मीटिंग-मीटिंग का खेल” बंद कर पंजाब सरकार के खिलाफ Supreme Court में अवमानना का केस दायर करना चाहिए. उन्होंने बीजेपी पर हरियाणा के हितों की अनदेखी करने और पंजाब की बनी-बनाई SYL नहर को पाटने देने का आरोप लगाया.
हरियाणा को कब मिलेगा पानी?

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 7 अगस्त 2025 को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में SYL नहर विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी… उन्होंने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने 2002 और 2004 में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था जिसमें केंद्र सरकार को हरियाणा का 3.5 मिलियन एकड़ फीट (MAF) पानी का हिस्सा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई थी. केंद्र और हरियाणा दोनों जगह बीजेपी की सरकार होने के बावजूद हरियाणा को उसका हक का पानी नहीं मिला”.
बीजेपी का रवैया हरियाणा विरोधी-हुड्डा

Bhupinder Hooda ने बीजेपी पर हरियाणा विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, “पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रही है, लेकिन बीजेपी सरकार बेकार की बैठकों में समय बर्बाद कर रही है. बीजेपी के शासन में ही पंजाब में SYL नहर को पाट दिया गया… साथ ही कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई दादूपुर-नलवी नहर, जो भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए थी उसे भी बंद कर दिया गया”.
क्या है SYL नहर विवाद?

आपको बता दें SYL नहर का मुद्दा पंजाब और हरियाणा के बीच दशकों पुराना जल बंटवारा विवाद है… 214 किमी लंबी इस नहर का 122 किमी हिस्सा पंजाब में और 92 किमी हरियाणा में है. Haryana ने अपना हिस्सा पूरा कर लिया है लेकिन पंजाब ने 1982 में शुरू की गई निर्माण प्रक्रिया को बाद में रोक दिया. 2004 में पंजाब सरकार ने पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट पारित कर जल बंटवारा समझौता रद्द कर दिया जिसे Supreme Court ने 2016 में असंवैधानिक करार दिया. हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह Supreme Court के आदेश को लागू कराए लेकिन बीजेपी सरकार इस मामले में निष्क्रिय रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में हरियाणा के प्रतिनिधित्व को कमजोर होने दिया जिससे राज्य के हित प्रभावित हुए.

 
         
         
        