 
                  वैष्णवी दासी जी की स्मृति में 65वां वार्षिक उत्सव… वृंदावन की पावन धरती पर हुआ भव्य आयोजन. सावन की शीतल बयार के साथ झूलनोत्सव की धूम
संवाददाता – अमित शर्मा, मथुरा
Mathura : 6 अगस्त मंगलवार को श्रीधाम वृंदावन की पावन धरती सावन की शीतल बयार और रिमझिम फुहारों के बीच आध्यात्मिक उल्लास से सराबोर रही… परिक्रमा मार्ग पर स्थित प्राचीन राधा गोविंद कुटी में रूप गोस्वामी प्रभुपाद जी और बहनजी सरकार पूज्य वैष्णवी दासी जी की स्मृति में 65वां वार्षिक उत्सव भव्य और दिव्य भाव से संपन्न हुआ.
आयोजन का पूरा विवरण

वर्तमान महंत पूज्य दामोदर दास जी महाराज ने परमपूज्य ललित किशोरी जी के सान्निध्य में इस आयोजन की अगुवाई की… सप्ताह भर चले श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ ने देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति, ज्ञान और ब्रह्मरस की अमिट छाप छोड़ी. भक्तों ने भागवत कथा की सरस वाणी में रसपान करते हुए भक्ति-गंगा में डुबकी लगाई.
विशेष भंडारा और स्वागत
उत्सव के अंतर्गत वृंदावन के प्रमुख वैष्णव संन्यासियों और रसिक संतों के स्वागत में एक विशेष भंडारा आयोजित हुआ. प्रसाद वितरण के इस पावन अवसर पर सेवा, अपनत्व और आध्यात्मिक मिलन का अद्भुत संगम देखने को मिला… भक्तों ने इस अवसर को भक्ति और प्रेम के उत्सव के रूप में मनाया.
झूलनोत्सव की धूम

परिक्रमा मार्ग पर ठाकुर रसिक शेखर जी महाराज के मंदिर में झूलनोत्सव का आयोजन भी धूमधाम से हुआ. मनमोहक भजन-कीर्तन, ढोल-मंजीरे की मधुर लय और “राधे-राधे” की गूंज ने पूरे वातावरण को राधा-कृष्ण प्रेम के रस में सराबोर कर दिया… सावन के झूले में ठाकुर जी के दर्शन और कीर्तन ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया.
आयोजन का आध्यात्मिक महत्व

यह आयोजन Vrindavan की आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक बना जहां भक्ति, सेवा और रस की त्रिवेणी ने हर हृदय को श्रीराधा-कृष्ण के प्रेम से जोड़ा… तटिया स्थान और राधा गोविंद कुटी जैसे पवित्र स्थानों ने भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति प्रदान की.

 
         
         
        