 
                  Banke Bihari Corridor के खिलाफ विरोध प्रदर्शन: “ब्रज बचाओ आंदोलन”
Banke Bihari Corridor Update
Banke Bihari Corridor Protest: बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और न्यास योजना के खिलाफ ब्रजवासियों का विरोध आंदोलन मंगलवार को 69वें दिन भी पूरे संकल्प और श्रद्धा के साथ जारी रहा। अब ये आंदोलन वृंदावन की सीमाओं को पार करते हुए गोवर्धन पहुंच गया है, जहां ब्रज की मातृशक्ति ने गिरिराज महाराज की शरण लेकर इस योजना के विरुद्ध अपनी आस्था और आवाज़ को एक साथ जोड़ा।
वृंदावन से बड़ी संख्या में आईं ब्रजवासी महिलाओं ने गिरिराज पर्वत की परिक्रमा करते हुए प्रार्थना की
“हे गिर्राज जी! जैसे आपने द्वापर युग में अपनी छाया में ब्रजवासियों की रक्षा की थी, वैसे ही इस आधुनिक ‘दैत्य रूपी’ कॉरिडोर से भी रक्षा करें।”
परिक्रमा की शुरुआत राधाकुंड स्थित बिहारी जी मंदिर में सामूहिक प्रार्थना से हुई, जिसके बाद महिलाएं राधाकुंड से आगे बढ़ते हुए मानसी गंगा, दानघाटी, जतीपुरा और अन्य लीला स्थलों तक पहुंचीं। सभी पवित्र स्थलों पर सरकार की योजना के खिलाफ तीव्र नारेबाज़ी की गई, जिसमें ‘ब्रज की विरासत बचाओ’, ‘कॉरिडोर हटाओ’ जैसे नारों की गूंज सुनाई दी।
ब्रज के पुरोहितों का समर्थन
गोवर्धन में स्थानीय समाज के पुरोहितों, पुजारियों और मुखियाओं ने आंदोलनकारियों का खुले मन से स्वागत और समर्थन किया। उन्होंने इस संघर्ष को धर्म और संस्कृति की रक्षा का आंदोलन बताया।
रामदेव जी (मुखिया, मानसी गंगा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी:
“सरकार की योजना ब्रज संस्कृति के साथ छल है। यह सनातन विरोधी निर्णय है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।”
हर्षवर्धन कौशिक (मुखिया, दानघाटी) बोले:
“यह योजना सेवा-परंपरा और प्राचीन विरासत को मिटाने की साजिश है। सरकार यमुना जी की शुद्धि जैसे जरूरी कार्यों पर ध्यान दे।”दाऊजी (मुखिया, जतीपुरा) ने भावुक स्वर में कहा:
“हम ठाकुर जी की सेवा में जन्मजात लगे हैं, यह हमारा सौभाग्य है। सरकार इसे हमसे न छीने और बृज की वे गलियाँ न तोड़े जिनमें ठाकुर जी आज भी अपनी लीलाएँ करते हैं।”प्रदर्शन में कौन-कौन ?
इस व्यापक विरोध में अनेक श्रद्धालु सक्रिय रूप से सम्मिलित रहे, जिनमें दीपक पाराशर, अथर्व गोस्वामी, अनिरुद्ध गोस्वामी, विकास राघव, रूचि गोस्वामी, सोनिया गोस्वामी, रेनू गोस्वामी, निशा शर्मा, नीलम गोस्वामी, मीरा गोस्वामी, मधु गोस्वामी, राखी गोस्वामी, अदिति गोस्वामी, वर्षा ओटवानी, अनुराधा गोस्वामी और पूजा मिश्रा प्रमुख हैं।
69 दिनों से लगातार चल रहे इस जन आंदोलन ने ये स्पष्ट कर दिया है कि ब्रजवासी अपनी धार्मिक आस्था, सेवा परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वे चाहते हैं कि विकास हो, पर बिना ब्रज की आत्मा को ठेस पहुंचाए।
अमित शर्मा की रिपोर्ट

 
         
         
        