Kalan News: कलान में टेंडर प्रक्रिया की अनियमितताओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन
Kalan News: कलान विकास खंड के मंदिर प्रांगण में सोमवार से क्षेत्र पंचायत सदस्यों (बीडीसी) ने टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं गंभीर अनियमितताओं और सरकारी धनराशि के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर धरना प्रदर्शन और अनशन शुरू किया है. प्रदर्शनकारी सदस्यों का कहना है कि निविदा प्रक्रिया को जानबूझकर गैर-पारदर्शी बनाया गया है, जिससे सरकारी धनराशि का दुरुपयोग करने की साजिश रची जा रही है.
‘निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता की दरकार’
आरोप है कि निविदा संबंधी सूचनाएं स्थानीय समाचार पत्रों के बजाय गैर-जनपद के संस्करणों में प्रकाशित की गईं, जिससे स्थानीय ठेकेदारों और जनता को इसकी जानकारी नहीं मिल सकी. इससे केवल चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का रास्ता साफ हुआ. प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि निविदा सूचनाएं स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाएं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ जांच हो.
‘पहले से पूर्ण कार्यों के लिए दोबारा निविदाएं’
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि प्रकाशित निविदा सूची में नौ ऐसे कार्य शामिल हैं, जो पहले ही पूर्ण हो चुके हैं और अच्छी स्थिति में हैं. उदाहरण के लिए, पंचम राज्य वित्त आयोग के तहत लालपुर में अबरार के मकान से इम्तियाज के मकान तक इंटरलॉकिंग और नाली निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है, फिर भी इसके लिए 9.96 लाख रुपये की नई निविदा निकाली गई है. इसी तरह, 15वें वित्त आयोग के अनटाइड फंड से मालव में शिवपाल के मकान से प्रकाश सक्सेना के मकान तक इंटरलॉकिंग और नाली निर्माण के लिए 8.89 लाख रुपये की निविदा दोबारा निकाली गई है. इनके जरिए कुल 18.85 लाख रुपये की सरकारी धनराशि के दुरुपयोग की आशंका है.
‘प्रक्रिया में हेराफेरी के संकेत’
एक गंभीर आरोप ये है कि निविदा का प्रकाशन 1 अगस्त 2025 को हुआ, जबकि टेंडर की बिक्री 23 जुलाई 2025 से शुरू हो चुकी थी. यह प्रक्रिया में हेराफेरी का स्पष्ट संकेत देता है. इसके अलावा, तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी), बरेली द्वारा पिछले वर्ष रद्द किए गए कार्यों की निविदाएं फिर से निकाली गई हैं, जो सरकारी धन के दुरुपयोग का प्रयास प्रतीत होता है.

‘पहले भी गबन का इतिहास’
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि तीन वर्ष पहले ब्लॉक प्रमुख रुचि वर्मा के कार्यकाल शुरू होते ही डोंगल के जरिए 15 लाख रुपये का गबन किया गया था, जिसके लिए कलान थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी.
जांच की अपील
क्षेत्र पंचायत सदस्य जवाहर यादव ने 2 अगस्त को संपूर्ण समाधान दिवस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और दोषियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच हो. उनका कहना है कि यह न केवल वित्तीय अनियमितता है, बल्कि पंचायती राज व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों का भी उल्लंघन है.
धरने में शामिल सदस्य
धरना प्रदर्शन में विनोद जवाहर सिंह, संजय गुप्ता उर्फ लल्ला, नेम सिंह, कल्लू यादव, आराम सिंह, वीरपाल, विनोद कुशवाहा, प्रमोद यादव, लंकुश, सामोद, रघुनंदन, मदनपाल, कुँवरपाल, रामवीर, ओमेंद्र यादव, मनोज कुमार सहित कई क्षेत्र पंचायत सदस्य शामिल रहे.
विश्वसनीयता पर सवाल
कलान क्षेत्र पंचायत में टेंडर प्रक्रिया की अनियमितताएं सरकारी धनराशि के दुरुपयोग और पंचायती राज व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हैं. स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले की गहन जांच और दोषियों को सजा देने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
