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Minister Car Stuck: VIP रूट पर लगा कीचड़ का रेड कारपेट
Jitin Prasada Car Stuck update
गजरौला के शिव नगर में रविवार को जो हुआ, वो ‘विकास’ की बासी रिपोर्ट पर ताज़ा कीचड़ था। केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की चमचमाती सरकारी गाड़ी सभा स्थल से बस 20 कदम पहले ही कीचड़ में यूं धंसी, जैसे सरकारी वादे जनता की उम्मीदों में।
दरअसल मंत्रीजी पीलीभीत आए थे जनसभा करने,
लेकिन जैसे ही गाड़ी गजरौला की शिवनगर सभा की तरफ बढ़ी,
कीचड़ ने कहा — “ठहरो महाराज, पहले मुझसे मिलो!”
Jitin Prasada Pilibhit: मंत्री फंसे, अफसर फिसले, जनता हंस पड़ी
मंत्रीजी के लिए बने “विशेष रूट” पर जब गाड़ी धंसी,
तो अफसर ऐसे हड़बड़ाए जैसे कीचड़ ने उनकी पोस्टिंग रोक दी हो।
किसी ने जूता उतारा, किसी ने पैंट चढ़ाई,
फिर बुलाया गया ट्रैक्टर —
गाड़ी तो निकली, पर अफसरों की ईज़्ज़त वहीं गीली मिट्टी में धंस गई।
Jitin Prasada Car Stuck: गाड़ी फंसी, लेकिन कैमरा नहीं!
जैसे ही मंत्री जी की गाड़ी कीचड़ में फंसी, सोशल मीडिया की स्पीड 5G हो गई। किसी ने लिखा – “गाड़ी नहीं, ये उम्मीदें फंसी हैं।” किसी ने कहा – “UP में विकास दिखता नहीं, बस धंसता है।”
विडियो में दिखा, कैसे अधिकारी हाथ जोड़े खड़े थे, जैसे कह रहे हों –
“साहब, गाड़ी तो निकाल लेंगे, मगर अब भरोसा कैसे निकालें?”
Jitin Prasada Car Stuck: भाषण वही पुराना, मगर अब जनता भी चालाक
सभा में मंत्री जी ने वही घिसा-पिटा स्क्रिप्ट पढ़ी – विकास हो रहा है, योजनाएं चल रही हैं, गांव बदल रहा है…
लेकिन जनता ने पहले ही देख लिया था —
“विकास कहां है – वो गाड़ी में धंसा पड़ा है।”
Jitin Prasada Car Stuck: मंत्री तो निकल गए, पर भरोसा वहीं अटका है
यह वाकया सिर्फ मंत्री जी की गाड़ी के फंसने का नहीं था। यह राज्य की व्यवस्था के फेल होने की सजीव झांकी थी। यह घटना वो आईना थी, जिसमें “डबल इंजन सरकार” खुद को कीचड़ में धंसा देख रही थी। जनता का मन अब पूछ रहा है –
“अगर VIP नहीं निकल पा रहे, तो हम किस खेत की मूली हैं?”Jitin Prasada Car Stuck: VIP व्यवस्था में कीचड़ भरने वाले कौन हैं?
सवाल बड़ा है — जब मंत्री की गाड़ी कीचड़ में फंस सकती है, तो आम जनता का क्या हाल होगा? गजरौला के शिव नगर से लेकर पूरे प्रदेश में ऐसी सड़कों की भरमार है, जिन पर चलने के लिए BSF का ट्रक चाहिए और भगवान का भरोसा।
हर बार चुनाव से पहले कहा जाता है – “अब की बार विकास दरवाज़े पर है”, लेकिन निकलता वही है – कीचड़ और जुमला! मंत्री के पैदल चलने से ‘प्रजातंत्र’ को मजबूती मिल गई होगी, लेकिन सड़कें अब भी ‘कमज़ोर लोकतंत्र’ की गवाही दे रही हैं।Jitin Prasada Car Stuck: सड़क नहीं सुधरी तो सियासत धंसेगी!
इस पूरे घटनाक्रम ने भाजपा और प्रशासन, दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जितिन प्रसाद की गाड़ी ने सिर्फ कीचड़ नहीं काटा, बल्कि नेताओं के दिखावटी विकास का परदा भी फाड़ दिया।
जनता अब वीडियो से आगे देख रही है — वो सवाल पूछ रही है, “क्या यही ‘डबल इंजन’ है, जो खुद कीचड़ में धंसा हुआ है?”
अगर अब भी सरकार नहीं चेती, तो अगली बार गाड़ी तो छोड़िए, वोट भी कीचड़ में फंस जाएंगे!Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: शकुश मिश्रा
📍 लोकेशन: पीलीभीत, यूपी
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