 
                  Rahul Gandhi की दी Deadline दो बार हुई खत्म, आखिर कब बनेगा संगठन? नाम तय, तो किस बात की देरी? क्या फिर Haryana Congress में हो रही है गुटबाज़ी?
Chandigarh : Haryana Congress में जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है, लेकिन अभी तक अंतिम नामों पर मुहर नहीं लग पाई है… प्रदेश में एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा संगठन पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनवाने के लिए लगातार कोशिशें कर रहे हैं.
हुड्डा के 3 समर्थक शामिल

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिलाध्यक्षों की लिस्ट से ये साफ हो जाएगा कि हरियाणा कांग्रेस में किस गुट का दबदबा कायम है… इससे पहले Youth Congress की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में Bhupinder Singh Hooda ने अपने तीन समर्थकों को शामिल करवाकर अपनी ताकत का अहसास कराया था. ऐसे में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों में भी उनके प्रभाव की प्रबल संभावना जताई जा रही है.
हर जिले से 6 नाम AICC को भेजे
कांग्रेस जिलाध्यक्षों की लिस्ट पिछले दो महीनों से तैयार की जा रही है लेकिन अभी तक अंतिम नामों पर फैसला नहीं हो सका है. चयन प्रक्रिया के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे जिन्होंने कार्यकर्ताओं की राय जानने के बाद हर जिले से 6 नामों की सिफारिश AICC को भेजी है. Kumari Selja और Randeep Surjewala भी अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनवाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं.
चयन प्रक्रिया में देरी क्यों?

जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया जून 2025 में शुरू हुई थी और कांग्रेस नेता Rahul Gandhi नें जून के अंत तक नामों के ऐलान करने की Deadline दी थी. हालांकि Deadline बढ़ती गई और जुलाई के अंत तक घोषणा की उम्मीद जताई गई. लेकिन अब तो अगस्त भी शुरू हो चुका है, लेकिन जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा अभी तक नहीं हो पाई है.
पूर्व सीएम हुड्डा का प्रभाव

पार्टी सूत्रों से जुड़े लोगों की मानें तो अगर पूर्व CM Bhupinder Singh Hooda का प्रभाव कायम रहा तो आधे से ज्यादा जिलों में उनके समर्थक ही जिलाध्यक्ष बनते नजर आ रहे हैं. लेकिन इस पर अंतिम मुहर तभी लगेगी जब कांग्रेस आधिकारिक रूप से जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी करेगी. लेकिन पार्टी जितना देर करेगी उसे उतना ही नुकसान होता नजर आ रहा है. क्योंकि ना सिर्फ प्रदेश की भाजपा सरकार बल्कि तमाम छोटे मोटे राजनीतिक दल हरियाणा कांग्रेस से संगठन के मुद्दे पर ही लगातार चुटकी ले रहे हैं जो पिछले 11 साल गुटबाज़ी का शिकार है, और संगठन है जो बनने का नाम नहीं ले रहा.

 
         
         
        