Shame on you Noida Police कहेंगे आप भी – सुनेंगे जब लूट की ये कहानी
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के थाना कोतवाली ईकोटेक-3 इलाके में दिनदहाड़े हुई एक सनसनीखेज लूट ने पुलिस की कार्यशैली को नंगा कर दिया है। खबरीलाल डिजिटल के संभल रिपोर्टर रामपाल सिंह के परिजन (छोटे भाई की पत्नी और उसका भाई) घर लौट रहे थे – रास्ते में दोनों परिजनों पर ऑटो चालक गैंग का कहर टूटा। ऑटो चालक गैंग के ‘लुटेरों’ ने सुनियोजित ढंग से उनके बैग से कीमती आभूषण छीन लिए और फरार हो गए। रामपाल सिंह की परिजन महिला ने हौसला दिखाते हुए एक आरोपी ऑटो चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले किया – लेकिन गौतम बुद्ध नगर पुलिस का बेशर्म चेहरा देखिए – थाना कोतवाली ईकोटेक-3 पुलिस ने गंभीर कार्रवाई के बजाय महज धारा 151 के तहत चालान कर मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की। पत्रकार रामपाल सिंह के परिजनों ने पुलिस पर लुटेरों से सांठगांठ का सनसनीखेज आरोप लगाया है – जिसने गौतम बुद्ध नगर की कानून-व्यवस्था की हकीकत को उजागर कर दिया है।
Shame on you Noida Police: FIR दर्ज नहीं की – उल्टा धमकाने लगी पुलिस!
खबरीलाल.डिजिटल के रिपोर्टर रामपाल सिंह के दोनों पीड़ित परिजनों के मुताबिक जब वो ऑटो में सवार होकर घर जा रहे थे – तभी ऑटो चालक और उसके साथियों ने उनके बैग से आभूषण लूटे। लूट के शिकार परिजन बताते हैं- “हमने एक लुटेरे को पकड़कर पुलिस को सौंपा – लेकिन पुलिस ने न तो FIR दर्ज की और न ही कोई कार्रवाई की। उल्टा, हमें डराने-धमकाने की कोशिश की गई। हमें पूरा यकीन है कि पुलिस और लुटेरे एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।” पीड़ितों ने पुलिस की इस शर्मनाक हरकत पर गहरा रोष जताया और तत्काल लुटेरों और आरोपी पुलिसवालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

Shame on you Noida Police…क्योंकि पुलिस का ‘असली’ चेहरा बेनकाब!
नोएडा की पुलिस का जब पत्रकार के परिजनों के साथ ऐसा रवैया है – तो जरा सोचिए कि आम आदमी के साथ क्या नहीं होता होगा? नोएडा के ईकोटेक-3 इलाके में तैनात पुलिस का असली चेहरा बेनकाब हो गया है। दिनदहाड़े हुई इस लूट की वारदात के बावजूद वहां की पुलिस ने न तो तुरंत FIR दर्ज की और न ही लुटेरों को पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम उठाया। इसके बजाय पुलिस ने पीड़ित पत्रकार और उनके परिजनों को ही डराने-धमकाने की कोशिश की – जो कानून के रक्षकों की भूमिका पर काला धब्बा है। क्या पुलिस अपराधियों की ढाल बन रही है? क्या गौतम बुद्ध नगर में आम नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा खतरे में है? ये सवाल हर नागरिक के मन में गूंज रहे हैं।
खबरीलाल.डिजिटल के सवालों का जवाब दो Noida Police!
- FIR क्यों नहीं दर्ज की? दिनदहाड़े लूट की इतनी बड़ी वारदात के बाद भी पुलिस ने FIR दर्ज करने में आनाकानी क्यों की? क्या यह लापरवाही है या अपराधियों को बचाने की साजिश?
- पुलिस और लुटेरों की यारी? क्या ईकोटेक-3 थाने की पुलिस ऑटो गैंग से उगाही करती है और फिर बदले में ऐसे ‘लुटेरों’ को बचाने का काम करती है? जैसा कि पीड़ितों ने आरोप लगाए हैं।
- सुरक्षा व्यवस्था का ढोंग? गौतम बुद्ध नगर जैसे औद्योगिक और शहरी क्षेत्र में दिनदहाड़े लूट की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं? पुलिस की गश्त और निगरानी व्यवस्था कहां गायब है?
- न्याय का इंतजार कब तक? क्या लूट के शिकार परिजनों को उनके लूटे गए आभूषण वापस मिलेंगे? क्या लुटेरों को सजा मिलेगी, या पुलिस का संरक्षण उन्हें बचाएगा?
- अपराधियों के हौसले बुलंद क्यों? क्या पुलिस की निष्क्रियता ने गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) को अपराधियों का गढ़ बना दिया है?
Noida Police की छीछालेदर – जनता में उबाल
यह घटना गौतम बुद्ध नगर में बढ़ते अपराध और पुलिस की नाकामी का चेहरा बेनकाब करती है। एक पत्रकार – जो समाज की सच्चाई उजागर करता है – अगर उसके ही अपने परिजन सुरक्षित नहीं है – तो आम नागरिकों का क्या हाल होगा? पुलिस की इस लापरवाही ने न केवल स्थानीय निवासियों में डर और गुस्सा पैदा किया है, बल्कि प्रशासन की साख को भी तार-तार कर दिया है। गौतम बुद्ध नगर पुलिस के आला अफसरों तक शायद ये पूरा मामला अब पहुंचेगा – लेकिन क्या लुटेरों और आरोपी पुलिसवालों पर कड़ा एक्शन होगा – और मामले की निष्पक्ष जांच होगी? इन सवालों के जवाब का खबरीलाल.डिजिटल को इंतजार रहेगा।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤संवाददाता: रामपाल सिंह
📍लोकेशन: नोएडा, यूपी
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