 
                  जापानी अरबपति से शिव भक्ति तक… Hoshi Takayuki की कांवड़ यात्रा और आध्यात्मिक यात्रा की कहानी. Tokyo में घर को शिव मंदिर में बदला और पुडुचेरी में भी बनवा रहे हैं मंदिर
Dehradun : सावन का महीना चल रहा है और इस महीने भगवान शिव के भक्त अलग अलग राज्यों से मीलों चलकर हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लाकर अपने-अपने गणतव्यों तक पहुंचते हैं… ये बात तो आम है. हम हर साल सुनते हैं. लेकिन क्या आपने सुना है कि महादेव का एक भक्त ऐसा भी है जो दूर देश से समंदर पार करके शिव की भक्ति करने पहुंचा हो. क्या आपने किसी जापानी कांवड़िए के बारे में सुना है… अगर नहीं सुना तो आज हम आपको बताते हैं.
Hoshi Takayuki की कहानी

इनका नाम है होशी टाकायुकी… 41 साल के Japanese Billionaire Hoshi Takayuki इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. इन्हे अब ‘बाला कुंभ गुरु-मुनि’ के नाम से भी जाना जा रहा है. Hoshi Takayuki ने अपनी 15 ब्यूटी प्रोडक्ट स्टोर्स के अच्छे खासे बड़े साम्राज्य को त्यागकर भगवान शिव की भक्ति में जीवन समर्पित कर दिया है. सावन के इस पवित्र महीने में तमाम कांवड़ियों की तरह वो भी उत्तराखंड में 20 जापानी अनुयायियों के साथ Kanwar Yatra में शामिल हुए और नंगे पैर पवित्र गंगाजल लेकर शिव मंदिरों तक पहुंचे. इसके अलावा उन्होंने देहरादून में दो दिन का भंडारा आयोजित कर कांवड़ियों की सेवा भी की. ऐसे में उनकी ये निस्वार्थ भक्ति और आध्यात्मिक यात्रा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है.
कौन हैं होशी टाकायुकी?

- Hoshi Takayuki टोक्यो में 15 ब्यूटी प्रोडक्ट स्टोर्स के मालिक थे, लेकिन करीब 20 साल पहले तमिलनाडु की यात्रा ने उनका जीवन बदल दिया.
- तमिलनाडु में नाड़ी ज्योतिष के अनुभव ने उन्हें बताया कि उनका पूर्व जन्म हिमालय में बीता था और वह सनातन धर्म की ओर बढ़ेंगे.
- एक सपने ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया, जिसमें उन्होंने खुद को उत्तराखंड में देखा. इसके बाद उन्होंने अपना व्यवसाय अपने अनुयायियों को सौंप दिया और हिंदू आध्यात्मिकता को अपनाया.
- अब वह भगवा वस्त्र धारण कर बाला कुंभ गुरु-मुनि के नाम से जाने जाते हैं और भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति को समर्पित हैं.
नंगे पैर की कांवड़ यात्रा
Hoshi Takayuki हर साल सावन महीने में कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेते हैं. इस बार भी वह अपने 20 जापानी अनुयायियों के साथ हरिद्वार से लेकर उत्तराखंड तक नंगे पैर यात्रा करते देखे गए. यात्रा के दौरान वह कांवड़ कंधे पर ले जाते हैं और “हर हर महादेव” और “बम बम भोले” जैसे भक्ति भजनों का जाप करते हैं. देहरादून में उन्होंने दो दिन का भंडारा आयोजित किया, जिसमें हजारों कांवड़ियों को भोजन वितरित किया गया, जो उनकी सेवा और भक्ति का प्रतीक है.
शिव भक्ति और मंदिर निर्माण

Hoshi के बारे में बताया जाता है कि उन्होने अपने टोक्यो स्थित घर को शिव मंदिर में बदल दिया और जापान में एक और शिव मंदिर बनवाया. होशी का कहना है कि, “मुझे उत्तराखंड से गहरा लगाव है. मुझे लगता है कि मेरा पिछला जीवन यहीं कहीं बीता था और मैं आज भी अपने उस गांव की तलाश कर रहा हूं”. उनके मित्र रमेश सुंद्रियाल जो जापान में रहने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति हैं, उन्होने बताया कि होशी ने पुडुचेरी में 35 एकड़ जमीन खरीदी है जहां वह एक भव्य शिव मंदिर बनवाने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा वह उत्तराखंड के ‘देवभूमि’ में एक आश्रम स्थापित करने की योजना पर काम कर रहे हैं.

 
         
         
        