 
                  खाकी की टफ ड्यूटी से घबराए कुछ पुलिसवालों ने दिया CET Exam. लंबी ड्यूटी, छुट्टियां और परिवारिक समय न मिलने के चलते क्लर्क और पटवारी पद के लिए आकर्षित.
Chandigarh : हरियाणा में 26 और 27 जुलाई को आयोजित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानि CET Exam में 13.48 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया… इनमें न केवल बेरोजगार युवा, बल्कि पहले से सरकारी नौकरी में कार्यरत कर्मचारी, विशेषकर पुलिसकर्मी भी शामिल थे. सिरसा, हिसार, महेंद्रगढ़ और फतेहाबाद जैसे जिलों में सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने Group C पदों जैसे क्लर्क, पटवारी और अन्य सहायक पदों के लिए CET Exam दिया. हालांकि कुछ पुलिसकर्मी ड्यूटी की वजह से एग्जाम नहीं दे पाए… इससे पता चलता है कि सरकारी मुलाजिमों को पुलिस की नौकरी कितनी टफ और चुनौतियों भरी लग रही है जिसकी वजह से इसे छोड़ कर दूसरे आसान विकल्प चुनना चाहते हैं.
पुलिसकर्मियों की भागीदारी

- सिरसा – 279 पुलिसकर्मियों ने CET Exam दिया जिनमें प्रोबेशनर सब-इंस्पेक्टर (SI), असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) और कॉन्स्टेबल शामिल थे. साइबर थाना प्रभारी सुभाष चंद्र ने बताया कि उनके थाने से 7 कर्मचारियों ने पेपर दिया हालांकि वे खुद ड्यूटी के कारण शामिल नहीं हो पाए. रानियां थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने भी 5-7 कर्मचारियों की भागीदारी की पुष्टि की है.
- हिसार – 247 पुलिसकर्मियों ने CET दी.
- महेंद्रगढ़ – 350 पुलिसकर्मियों ने परीक्षा दी.
- फतेहाबाद – 292 सरकारी कर्मचारियों ने पेपर दिया जिनमें अधिकांश पुलिसकर्मी थे.
लंबी ड्यूटी और छुट्टी ना मिलना वजह
पुलिसकर्मियों का कहना है कि पुलिस की नौकरी में लंबे ड्यूटी घंटे, साप्ताहिक अवकाश की कमी और तीज-त्योहारों पर भी ड्यूटी के कारण पारिवारिक समय नहीं मिल पाता. इसके विपरीत, क्लर्क, पटवारी जैसे Group C पदों में निश्चित ड्यूटी घंटे और अधिक छुट्टियां आकर्षक हैं.
क्या है CET Exam का उद्देश्य?

हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) द्वारा आयोजित CET Group C और D पदों जैसे क्लर्क, पटवारी, असिस्टेंट, स्टेनोग्राफर, टेक्नीशियन, लैब अटेंडेंट, नहर पटवारी, ग्राम सचिव और अन्य सहायक पदों के लिए पात्रता निर्धारित करता है. पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल और सब-इंस्पेक्टर जैसे पद भी Group C के अंतर्गत आते हैं. CET स्कोर तीन साल तक वैध रहता है और अभ्यर्थी इसे कई भर्तियों के लिए उपयोग कर सकते हैं.
ग्रुप D कर्मचारियों का ग्रुप C में तरक्की का प्रयास
चपरासी, माली, हेल्पर और चौकीदार जैसे कई Group D कर्मचारियों ने भी ग्रुप C पदों में तरक्की के लिए CET Exam दिया. झज्जर के एक सरकारी स्कूल के चपरासी ने बताया कि वे पहले प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे, लेकिन CET Exam पास कर चपरासी बने. अब ग्रुप C पदों की उम्मीद में दोबारा परीक्षा दी है. कई MA, B.Ed, और M.Phil डिग्री धारक भी ग्रुप D में चयनित होकर स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, लेकिन बेहतर अवसरों के लिए Group C का लक्ष्य रखते हैं.
2017 का उदाहरण

साल 2017 में हरियाणा रोडवेज के 500 कंडक्टरों ने प्राइमरी टीचर (JBT) बनने के लिए इस्तीफा दे दिया था. ये अभ्यर्थी पहले हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (HTET) पास कर चुके थे और JBT के लिए चयनित थे. लेकिन कोर्ट में मामला अटकने पर उन्होंने रोडवेज में नौकरी जॉइन की. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से क्लियरेंस मिलने के बाद अप्रैल 2017 में शिक्षा विभाग ने उन्हें तुरंत जॉइन करने का आदेश दिया जिससे रोडवेज की कई बसें बंद हो गईं.
पुलिसकर्मियों की शिकायतें
नाम ना छापने की शर्त पर कुछ पुलिसकर्मियों नें बताया कि पुलिस की नौकरी में तनाव और जिम्मेदारी अधिक है… अपराध होने पर जनता और सरकार दोनों पुलिस को जिम्मेदार ठहराती है. साप्ताहिक अवकाश और त्योहारों पर छुट्टियां मिलना मुश्किल होता है. जबकि Group C पद जैसे क्लर्क और पटवारी में निश्चित कार्य घंटे, बेहतर वेतन और पारिवारिक जीवन के लिए समय उपलब्ध होता है. इससे पता चलता है कि सरकारी नौकरियों में स्थिरता और बेहतर कार्य-जीवन संतुलन की चाह बढ़ रही है.

 
         
         
        