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Banke Bihari Jhulanotsav: हरियाली तीज पर भक्तों ने देखे स्वर्ण हिंडोले में झूलते ठाकुर
✨ हरियाली तीज पर Jhulanotsav की अनुपम छटा
Banke Bihari Jhulanotsav Update
हरियाली तीज 2025 के पावन अवसर पर वृंदावन के जग प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धा और सौंदर्य का ऐसा संगम देखने को मिला, जो वर्षों तक आंखों और आत्मा में बसे रहने वाला है। सावन की सोंधी-सोंधी बयार में जब ठाकुरजी को स्वर्ण-रजत निर्मित हिंडोले में विराजमान कराया गया, तो पूरा मंदिर परिसर ठाकुर जी के दर्शन (Banke Bihari Hindola Darshan )के लिए आतुर हो गया।
स्वर्ण-रजत Hindola Darshan ने बांधा भक्तों का मन। Banke Bihari Jhulanotsav
इस साल भी परंपरा अनुसार ठाकुर बांके बिहारी को गर्भगृह से निकालकर लगभग 32 फुट चौड़े और 12 फुट ऊंचे स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजित किया गया। उनके दोनों ओर प्रतीकात्मक रूप से सखियां उन्हें झूला झुला रही थीं। इस अलौकिक दृश्य को देखकर भक्तों ने हरियाली तीज ( Hariyali Teej Banke Bihari Temple) के महत्त्व को पुनः अनुभव किया। हर भक्त के चेहरे पर भक्ति, आनंद और आंसुओं का अद्भुत मिलन देखने को मिला।
Hariyali Teej की हरियाली में हरे रंग की पोशाक। Banke Bihari Jhulanotsav
हरियाली तीज के अवसर पर हरे रंग का विशेष महत्त्व होता है, जिसे ध्यान में रखते हुए ठाकुरजी और सखियों को हरे रंग की पोशाक पहनाई गई। मंदिर को सावन के हर रंग से सजाया गया था। हरे, पीले, गुलाबी और नारंगी रंग की झालरें, फूलों की मालाएं और पारंपरिक सजावट ने वातावरण को उत्सवमय बना दिया। यह नजारा हरियाली तीज (Hariyali Teej Vrindavan) के सबसे भव्य आयोजनों में गिना गया।
Banke Bihari को अर्पित हुआ घेवर-फैनी का भोग
पारंपरिक भोग और सुख सेज की झलक
ठाकुरजी को तीज की विशेष मिठाई घेवर और फैनी अर्पित की गई। उनके विश्राम हेतु खासतौर पर सुख सेज सजाई गई। परंपरानुसार मंदिर बंद होने के बाद ठाकुरजी विश्राम करते हैं, और इस बार उन्हें भी सावन की थकान मिटाने का पूरा ध्यान रखा गया।
भक्तों की भीड़ और दर्शन की व्यवस्था। Banke Bihari Jhulanotsav
सुबह 6:30 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुले, बांके बिहारी के दर्शन (Banke Bihari Hindola Darshan) के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर “जय बांके बिहारी लाल की” गूंज से थरथराने लगा। दर्शन के लिए भक्तों की लाइनें मंदिर के बाहर तक फैल गईं। जैसे ही भक्तों ने ठाकुरजी को हिंडोले में झूलते देखा, उनके आनंद का कोई ठिकाना नहीं रहा।
मल्हार और भक्ति में रमा Vrindavan।Banke Bihari Jhulanotsav
कुछ भक्त महिलाएं मल्हार गाकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रही थीं। पूरे परिसर में ऐसा लग रहा था मानो स्वयं राधा रानी वृंदावन में आकर उत्सव में शामिल हो गई हों। सावन की फुहारों और मल्हार की मिठास ने वातावरण को रस-मय बना दिया।
सुरक्षा और सेवाभाव की छाया में भक्तों का अनुभव। Banke Bihari Jhulanotsav
👮 पुलिस और नगर निगम की तैयारी
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा चौकसी बरती गई। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में सफाई के विशेष प्रबंध किए गए। हरियाली तीज (Hariyali Teej Banke Bihari Temple) के आयोजन को प्रशासन ने भक्तों के लिए सौम्यता और सहजता से भरा बना दिया।
यह दर्शन जीवन में एक बार अवश्य करें। Banke Bihari Jhulanotsav
हरियाली तीज पर बाँकेबिहारी जी के स्वर्ण-रजत हिंडोले में दर्शन करना केवल एक दृश्य नहीं, बल्कि एक दिव्य अनुभूति है। Banke Bihari Jhulanotsav हर श्रद्धालु के जीवन में एक ऐसा क्षण होता है, जिसे देखकर आत्मा तक गदगद हो जाती है। अगर आपने अब तक यह दर्शन नहीं किया, तो समझिए वृंदावन ने अभी तक अपने द्वार पूरी तरह आपके लिए नहीं खोले!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: अमित शर्मा 
📍 लोकेशन: मथुरा, यूपी
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