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भीड़तंत्र” का इलाज चाहिए या बेल्ट?
Mob Lynching in Uttar Pradesh बनी नई न्याय प्रणाली?
Mob Lynching in Uttar Pradesh update
बापू कहते थे “सत्याग्रह से स्वतंत्रता मिलेगी”, लेकिन आज़ाद भारत में लगता है न्याय बेल्ट, डंडा और खंभे से बांधकर दिया जाता है। नखासा थाना क्षेत्र, ज़िला—(मानवता की कब्रगाह), जहां दो दलित किशोर दवा लेने निकले थे, लौटे तो ऐसे जैसे युद्ध में हारकर आए हों—लहूलुहान, अधमरे और इंसानियत से परे भीड़ का फैसला लेकर।
Mob Lynching अब अपराध नहीं, एक सामाजिक कर्मकांड होता जा रहा है, जिसमें सबकी भूमिका तय है—मारने वाला, देखने वाला, और चुप रहने वाला।
“चोर!” कह दो, फिर मारो—Crowd Violence का नया नियम
Dalit Boys Beaten Like Animals, Proof? Who Cares!
गांव वालों ने कहा—“चोर हैं!”
गांव वालों ने मारा—“बेल्ट से, डंडों से, कैमरे के सामने।”
गांव वालों ने सुबूत भी नहीं मांगा। क्योंकि अब सुबूत का ज़माना गया, भीड़ ही अब FIR, जज और जल्लाद है।
दवा की पर्ची लेकर निकले किशोरों को बिजली के खंभे से बांध दिया गया, और जैसे कंधे पर कानून की डिग्री हो, लोग मारते रहे। भीड़ ने LIVE वीडियो बनाया, ताकि भारत में मानवाधिकार आयोग को कंटेंट की कमी न हो।
Dial 112 से पहले चलीं लाठियाँ—Nakhasha Police ने बचाया
Nakhasha Police Rescues Dalit Teens After Mob Justice
किस्मत से Dial 112 की पुलिस मौके पर पहुंची, वरना “दवा” लेने निकले ये बच्चे शायद अब तक श्मशान का रास्ता तय कर चुके होते।
पुलिस के मुताबिक, दोनों किशोरों की हालत नाजुक है और उन्हें जिला संयुक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अब प्रशासन कहेगा—”जांच होगी”, “कार्रवाई होगी”… और जनता कहेगी—“LIVE वीडियो है तो क्या? कल फिर मारेंगे!”
Live Viral Video से खुला Crowd Violence का सच
Viral Video Shows Real Face of Mob Justice in UP
वीडियो में साफ दिख रहा है—बेल्ट लहराते हाथ, खंभे से बंधे नाबालिग और हंसते हुए तमाशबीन।
ये कोई फिल्म का सीन नहीं, Mob Lynching का नया “एपिसोड” है।
शर्म आती है इस पर लिखते हुए कि भारत अब भीड़ से डरता नहीं, भीड़ के साथ खड़ा हो गया है।
Mob Lynching:”दलित” होना आज भी गुनाह?
Mob Lynching: Dalit Identity Still Vulnerable in 2025 India?
किसी ने नहीं पूछा कि ये बच्चे कहां जा रहे थे, क्या उनके पास चुराई हुई चीज़ थी, या किसकी शिकायत थी?
पूछा गया सिर्फ़ इतना—“दलित हो?”
और फिर शुरू हुई भीड़ की परीक्षा, जिसमें हर कोई पास हो गया… मानवता फेल हो गई।
Mob Lynchin: अब सवाल ये नहीं कि भीड़ ने क्यों मारा?
The Real Question: कब खत्म होगी Mob Lynching in Uttar Pradesh?
अब सवाल ये है कि—हम भीड़ से डरें या भीड़ में शामिल हो जाएं?
क्या Mob Justice ही अब “तेज़ न्याय” का दूसरा नाम है?
और क्या अगली बार हम या हमारे बच्चे भी दवा लेने जाएं तो खंभे से बंधे लौटेंगे?
Mob Lynching अब इमरजेंसी नहीं, नई सामान्यता
Mob Lynching अब सिर्फ दलित, मुसलमान, या गरीब की समस्या नहीं रही—ये भारत के लोकतंत्र की चिंगारी बन चुकी है।
अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो अगली वीडियो में शायद आप या मैं हो सकते हैं।

 
         
         
         
        