 
                  Bulandshahr News: अनूपशहर में खतरे के निशान पर गंगा नदी
Bulandshahr News Update
Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश का असर अब मैदानी क्षेत्रों में भी दिखाई दे रहा है. छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध अनूपशहर में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और ये खतरे के निशान को पार कर चुका है. इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. गंगा के पवित्र घाट, जो सामान्य दिनों में श्रद्धालुओं से भरे रहते हैं, अब खतरे की चेतावनी दे रहे हैं.
अनूपशहर के घाटों पर चेतावनी बोर्ड
तेज बहाव और बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर प्रशासन ने अनूपशहर के घाटों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं और बैरिकेडिंग कर दी है ताकि कोई भी श्रद्धालु या स्थानीय निवासी पानी के करीब न जाए. एसडीएम अनूपशहर प्रियंका गोयल ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. वे स्वयं सुबह और शाम को घाटों का निरीक्षण कर रही हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि गंगा में स्नान करते समय पूरी सावधानी बरतें और कोई जोखिम न लें. गंगा का बहाव इतना तेज है कि जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है.

बहाव असामान्य, बढ़ रहा है खतरा
स्थानीय गोताखोरों और श्रद्धालुओं का कहना है कि हर साल गंगा का जलस्तर बढ़ता है, लेकिन इस बार बहाव असामान्य रूप से तेज है. एक स्थानीय गोताखोर ने कहा, “प्रशासन ने चेतावनी देकर सही कदम उठाया है. इस बार पानी की गहराई और बहाव दोनों ही खतरनाक हैं.” प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गंगा में स्नान या अन्य गतिविधियों के दौरान लापरवाही से बचें. किसी भी आपात स्थिति में तुरंत पुलिस या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने की सलाह दी गई है.

बचावकर्मी तैनात, गोताखोर तैयार
सुरक्षा के लिए घाटों पर पीएसी और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. इसके अलावा, स्थानीय गोताखोरों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी अनहोनी से निपटा जा सके. प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की है.

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
ये स्थिति न केवल अनूपशहर, बल्कि गंगा किनारे बसे अन्य क्षेत्रों के लिए भी चेतावनी है. बढ़ता जलस्तर और तेज बहाव प्राकृतिक आपदा का संकेत दे रहे हैं, जिसके लिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है. प्रशासन की सक्रियता और सावधानी से इस खतरे को कम करने की कोशिश की जा रही है.

 
         
         
         
        